Page 19 - NIS - Hindi 16-30 June, 2022
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आवरण कथा      नवशव पटल पर भारत








                                                                            े
                                                                                          े
                                   े
              पड़ोनसयरों क साथ-साथ दुननया क दूसरे दशरों और
              तमाम वैनविक मंचरों पर अब लगातार मजबूत


              होत्री भूनमका में नजर आ रहा ह 'नया भारत'
                                                                        ै











                                                          ु
                                          एक भाितीय दवनया में कहीं भी िहे, उसकी भाितीयता,
                                          िाष्ट्र के प्वत वनष्ठा में लेश मात् कमी नहीं आती। इसवलए
                                            ु
                                          दवनया में बसा हि भाितीय एक ‘िाष्ट्रदूत’ की तिह होता
                                          है औि उनहीं िाष्ट्रदूतों को िब िाष्ट्र के विकास का नेतृति

                                          किने को वमलता है तो देश की साख बढ़ती है। िह विशि

                                          मानिता के सामने हि संकट का समाधान लेकि तैयाि
                                                                                      ें
                                          खड़ा वदखता है। हाल ही में प्धानमंत्ी निद्र मोदी की
                                                                                              ु
                                          यिोप औि उसके बाद िापान यात्ा हो या विि दवनया
                                            ू
                                          भि में अनय विदेश यात्ाएं, उन देशों में ‘भाित माता की

                                                                     ै
                                          िय’ का उदघोष “िसुधि कुटुबकम” की सोच िखन                   े
                                                                            ं
                                          िाले नए भाित की बढ़ती ताकत का अहसास किाता
                                                ू
                                          है। पिथा में चल िही ‘भाित कयों’ की सोच को वमटा कि
                                          दवनया में ‘भाित कयों नहीं’ की नई धािणा बनी है तो
                                            ु
                                          उसकी ििह है वक देश में विकास को नई वदशा वमली
                                                                                            ू
                                          है। साथ ही दवनया में बसे भाितीयों को एक सत् में
                                                         ु
                                          बांधकि उनमें मातृभवम के गौिि का अहसास किा िाष्ट्र
                                                                 ू
                                          वनमाथाण में योगदान के वलए प्रित किने में सिलता
                                                                          े
                                          हावसल हुई है। विशि अब एक नया भाित देख िहा है तो
                                          बदलते िपशिक परिदृशय में एक वनणाथायक नेतृति औि
                                                     ै
                                          प्भािी गलोबल प्ोिाइल के साथ भाित अिसि को

                                          अपने हाथों में लेने की ओि बढ़ िहा है…।




                                                                                    नयू इंनडयटा समटाचटार | 16-30 जून 2022 17
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