Page 58 - NIS - Hindi 16-30 June, 2022
P. 58

राष्ट्र    आजादी का अमृत महोतसव





           एक सच् कनोंकणी ना्क                                   बाला रा्ा मापारी : गोवा
                           े

              पुरुरोतिम काकोडकर                                 की आजादी के कलए शहीद

                                                                   होने वाले पहले व्ककत
                    जनम : 18 मई 1913, मृतय : 2 मई 1998
                                     ु
            म    हातमा  गांधली  के  'सनवनर                           जनम : 8 जििरी 1929, मृतय : 15 फरिरी 1955
                                                                                        ु
                 अवज्ा'  औि  'भाित
            छोड़ो  आंदोलन'  में  सनक्र                          आ     जाद  गोमांतक  दल  के  सदट्र  बाला  िारा  मापािली,
             ू
            भनमका  ननभाने  वाले  परुषोतिम                            गोवा ट्वतंत्रता संग्ाम के एक ऐसे नारक थे नजनहोंने
                             यु
            काकोिकि का नाम उन लोगों में                              पयुतयागानलरों से गोवा कली आजादली कली खानति अपने प्राण
            भली शानमल है, नजनहोंने गोवा कली                     तक नरोछावि कि नदए थे। गोवा ट्वतंत्रता संग्ाम में शहलीद होने
            मयुस्कत के नलए भली आंदोलन में नहट्सा नलरा। 18 मई 1913   वाले वे पहले वरस्कत माने जाते हैं। बचपन में हली उनका मन भाित
                        े
            को गोवा में जनम काकोिकि ने 1943 में 'गोवा सेवा संघ'   में हो िहे ट्वतंत्रता संग्ाम कली ओि आकृषट हो गरा था। गोवा में
                                                                       यु
            कली ट्थापना कि गोवावानसरों में एक नई ट्फकूनतया का संचाि   बदगेज तालक के असोनोिा में 8 जनविली 1929 को जनमे बाला
            नकरा। इसके माधरम से वे लोगों को ट्वतंत्रता संग्ाम के   िारा मापािली क्ांनतकािली संग्ठन आजाद गोमांतक दल के एक
                                                                                                        यु
                                                                                    े
                             यु
            नलए तराि किने लगे। परुषोतिम काकोिकि ने वसंत काि  े  सनक्र सदट्र थे, नजसका उद्शर गोवा को पयुतयागानलरों के चंगल
                 ै
                                                                   यु
                                       ू
            के साथ जून 1946 में असोलना में जनलराओ मेनेजेस के    से मकत किाना था। ऐसे में असोनोिा थाना पि क्ांनतकारिरों ने
                                      यु
            घि पि िॉ. िाममनोहि लोनहरा से मलाकात कली थली। वहा  ं  एक बाि धावा बोल नदरा, नजसमें बाला िारा मापािली भली शानमल
            उनहोंने लोनहरा को गोवा में वरा्पत स्ट्थनत के बािे में अवगत   थे। क्ांनतकारिरों ने वहां पयुनलस को बंधक बना नलरा औि उनसे
            किारा था। कहा जाता है नक, रहली वह ब्ठक थली, नजसमें   उनके हनथराि औि गोला-बारूद लूट नलए। थाना पि हमले के
                                          ै
                                                                                                       यु
            गोवा में नागरिक ट्वतंत्रता के नलए 18 जून को होने वाल  े  इस मामले में पयुतयागालली पयुनलस ने बाला िारा मापािली को मखर
            संघषया का बलीज बोरा गरा था। गोवा कली आजादली के नलए   अनभरयुकत माना। नफि करा था, पयुनलस मापािली के पलीछे पड़ गई।
            अनत सनक्रता के कािण पयुतयागालली पयुनलस ने उनहें 9 अगट्त   आनखिकाि, फिविली 1955 में उनहें नगिफताि कि नलरा गरा।
            1946 को नगिफताि कि नलरा औि 27 नसतंबि 1946 को        नगिफतािली के दौिान मापािली को कड़ली रातना दली गई। हालांनक,
            उनका कोट्ट माशयाल नकरा गरा। ्पराि से ‘भाऊ' के नाम   मापािली टूटने वालों में से नहीं थे औि उनहोंने पयुनलस को अनर
            से जाने जाने वाले परुषोतिम काकोिकि को इसके बाद      ट्वतंत्रता सेनाननरों के बािे में नकसली भली तिह कली गोपनलीर जानकािली
                           यु
            पयुतयागाल भेज नदरा गरा जहां उनहें ननवायासन में किलीब 10 वषया   देने से इंकाि कि नदरा। ऐसे में जेल में उन पि ननदयारता पूवयाक
            का समर वरतलीत किना पड़ा। आनखिकाि, वह 1956 में        अतराचाि नकरा जाता िहा, नजसके कािण 15 फिविली 1955 को
            पयुतयागालली जेल से रिहा हो सके। गोवा कली आजादली के बाद जब   वे शहलीद हो गए। माना जाता है नक गोवा मयुस्कत आंदोलन में किलीब
                                                                            यु
            उसे महािाषरि में सस्ममनलत किने कली चचाया चलली तो उनहोंन  े  68 लोग शहलीद हए थे। इन लोगों में मारा िारा मापािली सबसे
            इसका नविोध नकरा। आनखिकाि 1967 में केंद्र सिकाि न  े  पहले शहलीद होने वाले वरस्कत थे औि उनकली उम्र सबसे कम थली।
            गोवा में जनमत सवगेक्ण किारा। इसके बाद गोवा अलग      गोवा के ट्वतंत्रता इनतहास में आज भली बाला िारा मापािली को गवया
                                                                                            यु
            िाजर बना। पयुरुषोतिम काकोिकि 1984 में ट्थानपत गोवा   से राद नकरा जाता है औि उनका नाम बहत हली आदि-सममान
            कोंकणली अकादमली के सट्थापक अधरक् भली िहे। लोकसभा    के साथ नलरा जाता है। गोवा मयुस्कत नदवस समािोह के अवसि
                             ं
                                  यु
            औि िाजरसभा के सदट्र िहे परुषोतिम काकोिकि के बेटे    पि 19 नदसंबि 2021 को प्रधानमंत्रली निेंद्र मोदली ने बाला िारा
            का नाम अननल काकोिकि है जो भाित के पिमाणयु ऊजाया     मापािली को राद नकरा था औि कहा था नक बाला िारा मापािली
            आरोग के पवया अधरक् िहे हैं। पयुरुषोतिम काकोिकि का 2   जैसे रयुवाओं के बनलदान, हमािे नकतने हली सेनाननरों ने आजादली
                     ू
            मई 1998 को 84 साल कली उम्र में नई नदललली में ननधन हो   के बाद भली आंदोलन नकए, पलीड़ाएं झेलीं, बनलदान नदरा, लेनकन
            गरा।                                                इस आंदोलन को रुकने नहीं नदरा। n






          56  न्यू इंडि्ा समाचार | 16-30 जन 2022
                            यू
   53   54   55   56   57   58   59   60