Page 56 - NIS - Hindi 16-30 June, 2022
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राष्ट्र आजादी का अमृत महोतसव
गो वा मयुस्कत का संग्ाम, एक ऐसली अमि जरोनत है जो इनतहास के
हजािों झंझावातों को झेलकि भली प्रदली्पत औि अटल िहली है।
कुंकललली संग्ाम से लेकि छत्रपनत नशवाजली महािाज औि संभाजली
के नेतृतव में वलीि मिा्ठाओं के संघषया तक, गोवा के नलए हि नकसली
के तिफ से लगाताि प्ररास हए। गोवा मयुस्कत संग्ाम का अंनतम चिण आज से
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दश तो गोवा स पिल आजाद लगभग 76 वषया पूवया समाजवादली नेता िॉ. िाममनोहि लोनहरा ने 18 जून 1946
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हुआ था। दश क अहिकाश को शरू नकरा था, जो गोवा कली आजादली का पहला सतराग्ह आंदोलन था। िॉ.
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लोगों को अपन अहिकार हमल लोनहरा ने गोवा क्ांनत कली जो अलख जगाई, उसके कािण गोवावानसरों में चेतना
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आई। उनहोंने भाितलीर ट्वतंत्रता संग्ाम से प्रेिणा लली औि खद को संगन्ठत किना
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चक थ। अब उनक पास अपन रे
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शरू नकरा। गोवा क्ांनत में क्ांनतवलीिों का बनलदान भली अभूतपूवया िहा। गोवा को
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सपनों को जीन का समय था।
पयुतयागानलरों के चंगल से मकत किाने के नलए ‘आजाद गोमांतक दल’ नामक एक
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उनक पास हवकल्प था हक
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क्ांनतकािली दल भली सनक्र था। 18 जून 1946 के लगभग 14 वषया बाद 18-19
वो शासन सत्ा क हलए सघष ्भ नदसंबि 1961 को भाित सिकाि ने सैनर ऑपिेशन ‘नवजर' के जरिए गोवा को
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कर सकत थ, पद प्रहतष्ा ल रे आजाद किारा। इस तिह रह वषया गोवा मयुस्कत संग्ाम के शरुआत कली 76वीं
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सकत थ। लहकन हकतन िी सालनगिह औि गोवा मयुस्कत कली 61वीं वषयागां्ठ का साल है। गोवा को पयुतयागानलरों
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कली गलामली से मयुस्कत पाने के नलए 1946 से लेकि 1961 के बलीच अननगनत
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सनाहनयों न वो सब छोड़कर
नहंदयुट्ताननरों ने बनलदान नदरा। बहत सािे लोग बिसों तक पयुतयागालली जेलों में िहे
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गोवा की आजादी क हलए
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औि उनकली रातनाएं सहन कीं। जब गोवा कली आजादली के नलए संघषया हआ, तो सब
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सघष और बहलदान का रास्ा
नमलकि एक साथ लड़े, एक साथ संघषया नकरा। गोवा कली मयुस्कत के नलए भाित
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चना। गोवा क लोगों न भी के चािों कोनों से एक साथ हाथ उ्ठे थे। पयुतयागानलरों ने आंदोलन को कुचलने के
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मक्ति और स्वराज क हलए नलए कई आंदोलनकारिरों औि क्ांनतकारिरों को नगिफताि नकरा औि लंबली सजा
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आदोलनों को कभी थमन रे सनाई। बावजूद इसके गोवा में आंदोलन कली िफताि कभली धलीमली नहीं हई औि वहां
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निीं हदया। उनोंन भारत क कली जेलें सतराग्नहरों से भि गईं। इनमें से कई लोगों को पयुतयागानलरों ने नगिफताि
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किके लंबली सजा सनाई औि इनमें से कुछ लोगों को तो अफ्लीकली देश अंगोला कली
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इहतिास म सबस लम् समय
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जेल में भली िखा गरा।
तक आजादी की लौ को
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लईस दली नमनेझलीस बागांझा, नत्रट्ताव बागांझा द कुनहा, जरनलओ नमनेझलीस जैसे
जलाकर रखा।”
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नाम हों, रा परुषोतिम काकोिकि, लक्मलीकानत भेंबिे जैसे सेनानली, रा नफि बाला
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-नरद्र मोदी, प्रिानमरिी िारा मापािली जैसे रयुवाओं का बनलदान, हमािे नकतने हली सेनाननरों ने आजादली के
बाद भली आंदोलन नकए, पलीड़ाएं झेलीं, बनलदान नदरा, लेनकन इस आंदोलन को
रुकने नहीं नदरा। गोवा कली आजादली के संघषया के दौिान गोवा मयुस्कत नवमोचन
सनमनत के सतराग्ह में 31 सतराग्नहरों को अपने प्राण गंवाने पड़े थे। आजाद
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गोमांतक दल से जड़े नकतने हली नेताओं ने भली गोवा आंदोलन के नलए अपना
सवयाट्व अपयाण नकरा था। प्रभाकि नत्रनवक्म वैद्, नवशवनाथ लवांिे, जगन्नाथिाव
जोशली, नाना काजिेकि, सधलीि फड़के, ऐसे नकतने हली सेनानली थे नजनहोंने गोवा,
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दमन, दलीव, दादिा औि नगि हवेलली कली आजादली के नलए संघषया नकरा औि इस
आंदोलन को नदशा औि ऊजाया दली थली।
अाजादी के अमृत महोतसि की श्ृंखला में इस बार गोिा मुककत
आंदोलि से जुड़े ऐसे ही रिांनतिीरों की कहािी...
54 न्यू इंडि्ा समाचार | 16-30 जन 2022
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