Page 54 - NIS - Hindi 16-30 June, 2022
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राष्ट्र
   ्ेल जगत     भारत का परचमआपातकाल के 47 वष्स























           संनवधटान संशोधन स अब असंभव है ऐसटा आपटातकटा् ्गटानटा
                                            ले

        आपातका् में संदिधान के कई प्रािधानों को बि् दि्या ग्या   अदधकारों का आपातका् के िौरान भली हनन नहीं दक्या
        था। दजसे बाि में मोरारजली िेसाई कली सरकार के सम्य ठलीक   जा सकता है। िेश में पह्ली बार ऐसली व्यिसथा कली गई दक

        दक्या ग्या। ्यह महतिपूण्य इसद्ए है क्योंदक आपातका् के   मंदत्मंर् कली द्दखत अनुशंसा पर हली राष्ट्पदत आपातका् कली
        िौरान जो 42िां संशोधन ्ा्या ग्या था, दजसमें सुप्रलीम कोट्ड कली   घोषणा करेंगे, साथ हली ्यह भली त्य दक्या ग्या दक आपातका्
        शशकत्यों को कम करने और िूसरे ऐसे प्रािधान थे, जो हमारे   कली अिदध को एक बार में छः महलीने से अदधक नहीं बढ़ा्या
        ्ोकतांदत्क मूल्यों का हनन करते थे - उनको 44िें संशोधन के   जा सकता है। इस तरह से मोरारजली सरकार ने ्यह सुदनशशचत
        द्ारा बहा् दक्या ग्या। इसली संशोधन में ्यह भली प्रािधान दक्या   दक्या दक 1975 कली तरह िेश में आपातका् को कभली िोहरा्या
        ग्या दक संदिधान के अनुछेि 20 और 21 के तहत दम्े मौद्क-  न जा सके।





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        नखलाफ बात कि सकते हैं। सोनचए इतनली ऊजाया हमें कहां स  े  समनवर व संतलन के साथ चल िहली है। नरारपानलका कली जहा  ं
        नमलली? दिअसल, जो लोग अब देश का शासन चला िहे हैं,     आवशरकता नदखाई पड़तली है, वह पिली तिह ट्वतंत्रता के साथ
                                                                                         ू
        वहली आपातकाल के भकतभोगली थे औि बाद में हमािे सनवधान,   समर-समर पि सिकाि का मागयादशयान कितली िहतली है। इसके
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        हमािली वरवट्था को पटिली पि लेकि आए तानक कभली देश में   अनतरिकत मलीनिरा को भली अपना काम किने कली पिली आजादली
                                                                                                     ू
                                                                                      ं
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        कोई आपातकाल ना थोप सके। रह ऊजाया उस आपातकाल कली      है। बाबा साहब आंबिकि ने सनवधान सभा में अपने आनखिली
         ं
        बनदशों के बलीच नविोध किने वाले इनहीं ट्विों से ननकलली है। ऐस  े  भाषण में िाजनलीनतक लोकतंत्र के साथ सामानजक लोकतंत्र कली
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        में 47 वषया कली इस पवया कली घटना औि आपातकाल का नविोध   आवशरकता पि बल नदरा था। आज प्रधानमत्रली मोदली के नेतृतव
                                                                                                ं
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        किते हए भाितलीर लोकतंत्र के िक्कों का ट्मिण किाना जरूिली ह  ै  में बाबा साहब के नवचािों के अनरूप हली लोकतंत्र आगे बढ िहा
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        तानक नई पलीढली इनतहास के उस पन्न को जान सके औि लोकतंत्र   है। भाित के लोकतंत्र कली जड़रें इतनली गहिली हैं नक भनवषर में कोई
        के प्रनत सदैव सजग िहे। देश में सशकत लोकतंत्र कली भावना   भली देश के लोकतानत्रक मूलरों से नखलवाड़ किके आपातकाल
                                                                           ं
        को नपछले आ्ठ वषषों में प्रधानमत्रली निेंद्र मोदली के नेतृतव वालली   जैसली परिस्ट्थनत उतपन्न किने का साहस नहीं किेगा।
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        सिकाि ने चरिताथया किके नदखारा है करोंनक उनकली नलीनत औि   ननस्शचत रूप से भाित के सामानर मानव कली लोकतांनत्रक शस्कत
        ननष्ठा में ‘िाषरि प्रथम’ नननहत है। इन वषषों में जहां एक ओि   का उतिम उदाहिण आपातकाल में प्रट्तयुत हआ है। लोकतांनत्रक
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        संघलीर ढांचों को मजबूतली देते हए देश में िाजरों कली भागलीदािली को   शस्कत का वो परिचर बाि-बाि देश को राद किाते िहना चानहए
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                                                                                          यु
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        बढारा गरा, वहां दूसिली ओि गिलीबों औि आम नागरिकों से जड़ली   करोंनक जन-जन कली िग-िग में फैला हआ लोकतंत्र का भाव भाित
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        सैकड़ों रोजनाओं के विािा नवकास कली मखरधािा में लारा गरा।   कली अमि नविासत है। आपातकाल कली बिसली हमें इसली नविासत को
        आज लोकतंत्र कली सभली इकाइरां एक दूसिे के पिट्पि सहरोग,   औि सशकत किने का ट्मिण किातली है। n



          52  न्यू इंडि्ा समाचार | 16-30 जन 2022
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