Page 27 - NIS Hindi 01-15 March 2022
P. 27
आिि्ण कथा नािी िक्ि
असम में सशकतीकरि
की प्रतीक बन गई हैं
लखरीमरी बरुआ
रै
ें
िो्म राजाओं कमी आहखरमी राजधानमी के रूप ्म ्मशिूर ि जोरिा्ट।
अविमी जोरिा्ट जो अपने रा् के बागानों के हलए भमी जाना जाता ि। ्ताहक सक्म बिे महिला शकक्त
रै
1949 ्म ्िां लखमी्ममी बरुआ का जन्म िआ। लहकन उनि जन्म देने वालमी
यु
ें
े
ें
्मां रल बसीं। घर कमी आहथ्चक ससथहत क्मजोर थमी, पर हपता ने पूरमी ्मेिनत करोहिड काल में महिलाओं पीएम गरीब कलयाण
से उसे पाला। बरपन से पढ़ने ्म अचछमी थीं, लहकन ईशवर को कुछ और करो हिशेष सिाय्ता दी गई। यरोजिा के ्ति्त 14
े
ें
्मंजूर था। 1969 ्म हपता का सा्ा भमी हसर से उठा तो कॉलेज छोडना पडा। कररोड़ ररहफल हसलेंडर
ें
यु
ें
1973 ्म शादमी िई तो पहत ने हफर से पढ़ने का िौसला जगा्ा। लखमी्ममी 30,000 मुफ्त हदए गए।
यु
ने 1980 ्म ग्जएशन हक्ा और ‘हडससट्क्ट सेंट्ल कोऑपरह्टव बैंक’ महिला सियं सिाय्ता
ें
े
े
रै
ें
्म अकाउं्ट ्मनेजर बन गईं। ्िीं से शयुरुआत िई लखमी्ममी के उस नए कररोड़ रुपये से अहिक समूिों के हलए जमाि्त
यु
ें
जमीवन कमी हजसके हलए आज अस्म िमी निीं, पूरा देश उनि जानता ि। की राहश िस्तां्तरर्त की मुक्त ऋण देिे की
रै
सीमा 10 लाख रुपये
ै
नौकरमी ्म उनिोंने देखा गांवों कमी गरमीब, अहशहक्त औरतें, रा् बागानों ्म ें गई, अप्ल-जूि 2020 से बढ़ाकर 20 लाख रु.
ें
्मजदूरमी करने वालमी ्महिलाएं घ्टों कज्च के हलए लाइन ्म लगमी रितमी थमी। के दौराि 20 कररोड़ ्तक की गई।
ें
ं
ं
यु
काउं्टर तक पिरतमी तो दसतावेज पूरे न िोने कमी वजि से खालमी िाथ महिलाओं के खा्ते में।
लौ्ट जातीं। लारार औरतें हगडहगडातीं तो आंसू लखमी्ममी के हदल पर पडते।
ैं
ं
ें
इसमी से प्रणा लेकर उनिोंने 1983 ्म जोरिा्ट ्म एक ्महिला सह्महत से ज्ादा स्म् से सराहलत इस बैंक कमी अब 4 शाखाएं ि, हजन्म अब करमीब
ें
ें
े
ें
ैं
रै
बनाई और 1990 ्म शरुआत कमी कनकलता ्महिला कोऑपरह्टव बैंक 45,000 खाताधारक ि। बैंक ्म रोजगार भमी केवल ्महिलाओं को ह्मलता ि। भारत
यु
ें
े
ें
े
कमी। रहजसट्शन के हलए उनि 8 वषषों तक संघष्च करना पडा। दो दशकों सरकार ने लखमी्ममी बरुआ को 2021 ्म पद्मश्मी पयुरसकार से सम्माहनत हक्ा ि। रै
ें
न्यू इडिया समाचार | 1-15 माच्च 2022 25
ं