Page 26 - NIS Hindi 01-15 March 2022
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आिि्ण कथा नािी िक्ि
बसंतरी िेवरी
नजनहोंने पेिों को बचाना
जीवन का धयेय बनाया
त्तराखंड कमी कोसमी नदमी िजारों लोगों के हलए आजमीहवका
उऔर जमीवन ्ापन का जरर्ा िरै। लेहकन वकत के साथ बढ़तमी सटॉप सेंटर डीएिए हिशलेषण
जरूरतों के रलते जब पानमी क्म िोने लगा तो इसके हकनारे लगे 704 के हलए इकाइयां
जंगलों के अससततव पर भमी प्श्न हरनि लग ग्ा। एक ्महिला से 190
्ि सब देखा न ग्ा और उसने बमीडा उठा्ा नदमी को न्ा जमीवन िि सटॉप सेंटर संचाहल्त
देने के साथ प्ा्चवरण के प्हत लोगों को सजग करने का। कौसानमी हिजी, साि्गजहिक, पररिार, कररोड़ रुपये की लाग्त
के लक््ममी आश््म ्में रिने वालमी इस ्महिला को लोग बसंतमी बिन समुदाय या काय्गसथल पर से 20 राजयों-केंद्रशाहस्त
के ना्म से जानते िैं। ्मात् 12 साल कमी आ्यु ्में पहत को खो देने वालमी हिंसा से पीहड़्त महिलाओं प्देशों में डीएिए
की सिाय्ता के हलए देश
बसंतमी बिन ने जमीवन ्में कभमी िार निीं ्मानमी। पहत कमी ्मृत्यु के भर में, हजसमें 3 लाख हिशलेषण इकाइयों की
बाद लक््ममी आश््म िमी उनका हठकाना बन ग्ा। ्िीं रिकर 12वीं से अहिक महिलाओं करो सथापिा और अपग्ेहडंग
तक पढ़ाई पूरमी कमी, हफर पूरे हजले ्में ‘बालवाडमी’ आश््म खोलना हमली सिाय्ता। करो सिीककृह्त।
शरू हक्ा। ्िां वे खद पढ़ातीं। कभमी बालहववाि का दंश झेल रयुकीं
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बसंतमी बिन ने घर-घर जाकर लोगों को इसके दयु्पररणा्म बताए। का्टरें निीं तो नदमी सूख जाएगमी। अखबार कमी कह्टंग लेकर वे पेड
2003 ्में एक अखबार ्में खबर छपमी हक जंगलों कमी क्टाई के रलते का्ट रिे िर शखस को हदखातीं। धमी्मे-धमी्मे िमी सिमी, सूरत बदलनमी
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अगले 10 साल ्में कोसमी नदमी सूख जाएगमी तो बसंतमी देवमी ने इसे शरू िो गई। साल 2016 ्में बसंतमी देवमी को ्महिलाओं के हलए देश
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बराने का बमीडा उठा्ा।‘हरपको आंदोलन’ कमी धरतमी से आने वालमी के सववोच् परसकार, नारमी शसकत परसकार से भमी नवाजा ग्ा था।
बसंतमी देवमी जंगल-जंगल भ्टकीं और लोगों को स्मझा्ा हक पेड न 2022 के हलए बसंतमी देवमी को पद्मश्मी सम्मान हद्ा ग्ा िरै।
24 न्यू इडिया समाचार | 1-15 माच्च 2022
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