Page 30 - NIS Hindi 01-15 March 2022
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िाष्ट्र  स्टैचयू ऑफ इ्िैपल्ी















































                 संसकहत के साथ समािता का संिेश
                               कृ


                       सटटैचयू ऑफ इ्वैहलटरी







            11िीं सदी के मिाि सं्त रामािुजाचाय्ग की समृह्त में िैदराबाद में 216 फीट ऊंची ‘सटरैचयू ऑफ इकिैहलटी' की
          सथापिा की गई िै। प्िािमंत्ी िरेंद्र मरोदी िे 5 फरिरी करो इसे राष्ट्र करो समहप्ग्त हकया। रामािुजाचाय्ग एक ऐसे सं्त
         थे हजनिोंिे देश करो सामाहजक सुिारों की िास्तहिक अििारणा से पररहच्त कराया ्तरो दहल्तों ि हपछड़ों के हलए भी
         काम हकया। भले िी आज रामािुजाचाय्ग ििीं िैं लेहकि उिके हिचार और उिकी यि हिशाल प्ह्तमा ‘सटरैचयू ऑफ
          इकिैहलटी’ के रूप में िमें समाि्ता का संदेश दे रिी िै और इसी संदेश करो लेकर आज देश ‘सबका साथ, सबका
           हिकास, सबका हिशिास और सबका प्यास’ के मंत् के साथ अपिे िए भहिष्य की रख रिा िै मजबू्त िींि...
         रा      मानुजाचायति  भारत  की  एकता  और  अखंडता  की  एक   थे। इतना ही नहीं उनहोंने बताया लक धमति कहता है- “न जालतः कारण  ं े



                 प्दीपत प्रणा थे लजनका जनम भिे ही दलक्ण में हुआ
                        े
                                                             ि़ोके गुणाः करयाण हेतवः” अथातित्, संसार में जालत से नहीं, गुणों स
                 िलकन उनका प्भाव दलक्ण से उत्तर और पूरब से पशशचम
                   े
                                                             भारत लबना भेदभाव के सभी के लवकास और सामालजक नयाय के लसद्धात
        तक पूरे भारत पर है। रामानुजाचायति कहते थे-‘‘उईरगिुककि बेडम   करयाण ह़ोता है। रामानुजाचायति के इनहीं कथनों पर चिते हुए आज
                                                                                                            ं
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        इरि’’। अथातित्, सभी जीव समान हैं। व़ो ब्रह्म और जीव की एकता   पर आगे बढ रहा है। साथ ही, लजनह सलदयों तक प्तालड़त लकया गया व  े
        की बात ही नहीं करते थे, बशरक वे वेदांत के इस सूत्र क़ो सवयं भी जीत  े  पूरी गररमा के साथ देश के लवकास में भागीदार बन सकें, इसके लिए
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