Page 34 - NIS Hindi 01-15 March 2022
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देि     संसद में प्रधानमंत्री का संबोधन



                          संसि से ररी िए रारत




                             के हिमा्षण का संिेश






         संसदीय भाषणों पर देश की िजर िरो्ती िै। खासकर ्तब, जबहक प्िािंत्ी खुद राष्ट्रपह्त के अहभभाषण पर िनयिाद दे रिे िों।
        कयोंहक इसमें हिकास का लेखा-जरोखा िरो्ता िै। आम आदमी की उममीदों का हजरि िरो्ता िै। ििहिमा्गण की बा्त िरो्ती...और जब
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                                    ें
       देश अम्तकाल में आजादी के 100ि साल में िए भार्त की ओर आगे बढ़ रिा िै...यि िक्तवय और मितिपण्ग िरो जा्ता। 7 फरिरी
                                                                                           ू
        करो लरोकसभा और हफर 8 फरिरी करो राजयसभा में प्िािमंत्ी िरेंद्र मरोदी िे ि हसफ्क हिकास का यिी लेखा-जरोखा देश के सामि  े
        रखा बकलक 2047 में भार्त कैसा िरो, इसके प्यासों का खाका भी पेश हकया। लरोकसभा में अपिे 1 घंटे 40 हमिट और राजयसभा
        में करीब 1 घंटा 26 हमिट के भाषण में प्िािमंत्ी िरेंद्र मरोदी िे राष्ट्रपह्त के अहभभाषण करो लेकर िनयिाद प्स्ताि पर िर चचा्ग

       का जिाब हदया। अपिे भाषण में प्िािमंत्ी िे लरोक्तंत् से लेकर बरोलिे की आजादी ्तक और केंद्र ि राजय करो लेकर अपिी बा्त
                                                           े
       रखी ्तरो गाि, गरीब, हकसाि से लेकर महिला सशक्तीकरण के मुद् पर सरकार के उठाए िर कदम का बयरोरा सांसदों के सामिे रखा।
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                 हकस मुद्े पर कया बरोले प्िािमंत्ी, पढ़ें लरोकसभा और राजयसभा में उिके हदए भाषण के चहिंदा अंश...




























        अमृिकाल के महति पि...                                कोपिि के रुनौिीकाल पि...
        आज देश आजादी का अमृत मह़ोतसव मना रहा है। 75 साि के   क़ोऱोना एक वैशशवक महामारी है और लप्िे 100 साि में मानव
        आजादी के कािखंड में देश क़ो लदशा देने का, देश क़ो गलत देने के   जालत ने इतना बड़ा संक्ट नहीं देखा है। लजनहोंने भारत के अतीत
        लिए अनेक सतर पर प्यास हुए हैं। और उन सबका िेखा-ज़ोखा   के आधार पर ही भारत क़ो समझने का प्यास लकया, उनक़ो त़ो
        िेकर ज़ो अच्ा है उसे आगे बढाना, ज़ो कलमयां हैं उसक़ो ठीक   आशंका थी इतना बड़ा लवशाि देश, इतनी बड़ी आबादी, इतनी
        करना, और जहां नए इनीलशएल्टव िेने की आवशयकता है व़ो नए   लवलवधता, ये आदतें, ये सवभाव...शायद ये भारत इतनी बड़ी िड़ाई
        इनीलशएल्टव िेना और देश जब आजादी के 100 साि मनाएगा,   नहीं िड़ पाएगा। िलकन आज शसथलत कया है... मेड इन इंलडया
                                                                             े
        तब हमें देश क़ो कहां िे जाना है, कैसे िे जाना है, लकन-लकन   क़ोवैकसीन, क़ोलवड ्टीके दुलनया में सबसे प्भावी हैं। आज भारत
        य़ोजनाओं के सहारे हम िे जा सकते हैं, इसके लिए यह बहुत ही   शत-प्लतशत पहिी ड़ोज, इस िक्य के लनक्ट करीब-करीब पहुंच
        महतवपूणति समय है।                                    रहा है। और िगभग 80 प्लतशत सेंकेंड ड़ोज- उसका पड़ाव भी




          32  न्यू इडिया समाचार | 1-15 माच्च 2022
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