Page 35 - NIS Hindi 01-15 March 2022
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देि      संसद में प्रधानमंत्री का संबोधन




        पूरा कर लिया है। ये अचीवमें्ट देश का है। 130 कऱोड़ देशवालसयों
        का है।
        कोपिि काल में सिकाि की प्रपिबदिा पि...
        इस क़ोऱोना काि में 80 कऱोड़ से भी अलधक देशवालसयों क़ो इतने िंब  े

                                               ू
        समय के लिए मुफत राशन की वयवसथा, उनके घर का चरहा कभी बंद न
                                                    ु
        ह़ो, ऐसी शसथलत पैदा नहीं ह़ोने दी गई। ये काम भारत ने करके दलनया के
        सामने भी उदाहरण प्सतत लकया। इसी क़ोऱोना काि में पांच कऱोड़ ग्ामीण
                        ु
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        पररवार नि से जि पहंचाने का काम करके एक नया ररकॉड्ड प्सथालपत
                                         ु
        लकया है। इसी क़ोऱोना काि में इंफ्ासट्कचर से जड़े हुए कई प़्ोजेकरस पूर  े
        लकये गए कयोंलक हम जानते हैं लक ऐसे संक्ट के काि में इंफ्ासट्कचर पर
                                          ु
        ज़ो इंवेस्टमें्ट ह़ोता है व़ो ऱोजगार के अवसरों क़ो सलनशशचत करता है। और
        इसलिए हमने उस पर भी बि लदया तालक ऱोजगार भी लमिता रहे और सार  े
        प़्ोजेकरस हम पूरे भी कर पाएं। इसी क़ोऱोना काि में चाहे जमम-कशमीर
                                                   ू
        ह़ो, चाहे नॉथति ईस्ट ह़ो, हर काि खंड में लवसतार से इसके लवकास की यात्रा
        क़ो आगे बढाया गया और उसक़ो हमने चिाया है। नेशनि हाईवे बन रह  े
            े
        हैं। रिवे िाईनों का लबजिीकरण ह़ो रहा है। आज देश में नए एयरप़ो्ट्ड,   आतमपनर्चि रािि पि...
        हेलिप़ो्ट्ड और वा्टरवेज का न्टवक्क खड़ा ह़ो रहा है। देश के 6 िाख स  े  ए्मएसए्मई सहित िर उद्ोग को जरूरमी ्मदद दमी।
                             े
        अलधक गांव में ऑशप्टकि फाइबर न्टवक्क का काम चि रहा है।      हन््मों को, प्हक््ाओं को सरल हक्ा। आत्महनभ्चर भारत
                                 े
                                                                              रै
                                                                   का जो ह्मशन ि उसको ि्मने ्ि रररताथ्च करने कमी
        गिीबों औि पकसानों के पलए पहिकािी कदमों पि..  .             भरपूर कोहशश कमी। ्े सारमी उपलसरध्ां ऐसे िालात ्म  ें
        िाखों पररवारों क़ो, गरीबों क़ो, पकका घर देने के अपने वादे की लदशा   देश ने िाहसल कमी ि जब अंतररा्ट्मी् सतर पर, आहथ्चक
                                                                                 ैं
        में हम िगातार चिते रहे और आज गरीब का घर बनाने का खचाति भी   जगत ्म बित बडमी उथल-पथल आज भमी रल रिमी ि।
                                                                                                      रै
                                                                         ें
                                                                                      यु
                                                                            यु
        िाखों में ह़ोता है। लजतने कऱोड़ों पररवारों क़ो ये घर लमिा है ना, हर गरीब   आत्महनभ्चर भारत अहभ्ान के द्ारा ि्म आज वरैसशवक
                                                                                                ें
                                                                                    ैं
        पररवार आज िखपलत कहा जा सकता है। अगर गरीबी से मशकत चालहए    रेन का हिससा बन रिे ि। ्े अपने आप ्म भारत के हल्े
                                                  ु
                                                                                  रै
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        त़ो हमें हमारे ़्ो्ट लकसानों क़ो मजबूत बनाना ह़ोगा। ग्ामीण अथतिवयवसथा   एक अचछमी हनशानमी ि। ि्मारा बडा फोकस ए्मएसए्मई
                                                                        ै
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        क़ो मजबूत बनाना है, त़ो हमारे ़्ो्ट लकसानों क़ो मजबूत बनाना ह़ोगा।   और ्टकस्टाइल जसे सेक्टर पर ि। ए्मएसए्मई  कमी बडमी
                                                                                                  ें
                                                                          ें
                                                                            यु
        इस क़ोऱोना कािखंड में भी हमारे लकसानों ने ररकॉड्ड पैदावार की, सरकार   व्वसथा ्म सधार, ए्मएसए्मई कमी पररभाषा ्म ि्मने सयुधार
                                                                                            ैं
                                                                   करके उसको भमी नए अवसर हद्े ि। एसबमीआई का स्टडमी
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        ने ररकॉड्ड खरीदी की। महामारी के बावजूद गेहं-धान की खरीदी की नए   किता ि हक साढ़े तेरि लाख ए्मएसए्मई  इस ्ोजना
                                                                         रै
        ररकॉड्ड बने। लकसानों क़ो जयादा एमएसपी लमिा और व़ो भी डायरेक्ट   के कारण बबा्चद िोने से बर गए ि और एसबमीआई कमी
                                                                                          ैं
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                ं
        बेनलफ्ट ट्ासफर की सकीम के तहत लमिा। इस देश ने लकसी क़ो भूख   स्टडमी कितमी ि, डेढ़ करोड नौकरर्ां बरमी ि और करमीब 14
                                                                             रै
                                                                                                 ैं
        से मरने नहीं लदया। 80 कऱोड़ से अलधक देशवालसयों क़ो मुफत राशन   प्हतशत ए्मएसए्मई लोन के कारण एनपमीए िोने कमी जो
                                                                                       ैं
        उपिबध कराया और आज भी करा रहे हैं।                          संभावना थमी, उससे बर गए ि। अलग-अलग ्मंत्ाल्ों ने जो
                                                                                 ं
                                                                                           रै
                                                                   पमीएलआई सकमी्म लार कमी, उससे ्मन्युफैकरररंग को बल
        युिा औि पया्चिि्ण पि...                                    ह्मला। भारत अब लमीहडग ्मोबाईल ्मन्युफैकररर बन ग्ा
                                                                                           रै
                                                                                  ं
        इसी क़ोऱोना काि में आज जब हमारे देश का युवा स्टा्ट्ड अप यानी भारत   ि और एकसपो्ट्ड ्म भमी इसका ्ोगदान बढ़ रिा ि। ि्मारा
                                                                                ें
                                                                    रै
                                                                                                     रै
        का युवा एक पहचान बन गई है, एक पयातिय ह़ो गया है। आज हमारे देश के   कुल हन्ा्चत ऐहतिाहसक सतर पर ि। और ्ि कोरोना काल
                                                                                           रै
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        युवाओं ने स्टा्ट्ड अप के कारण, स्टा्ट्ड अप की दलनया में ्टॉप 3 में लहनदसतान   ्म ि। कृहष हन्ा्चत ऐहतिाहसक रमीजों ्म ्टॉप पर पिरा ि।
                                                                                            ें
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        क़ो जगह लदिायी है। देश में आंत्रप्नय़ोसति के लिये बेहतर माहौि बनाने के   सॉफ्टव्र हन्ा्चत नई ऊंराई कमी तरफ बढ़ रिा ि। ्मोबाइल
                                                                        े
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                                              ं
        लिये लसमपि ्टरैकस लसस्टम की शुरुआत हजारों कमपिाइलसस, हमारे देश   फोन हन्ा्चत ्म अभूतपव्च वहद्ध िई ि। ्े आत्महनभ्चर भारत
                                                                            रै
                                                                                               ें
        में आधा देश त़ो हर लडपा्ट्डमें्ट, ये िाओ व़ो िाओ, ये कागज िाओ व़ो   का क्माल ि हक आज देश रक्ा हन्ा्चत ्म भमी अपनमी पिरान
        िाओ, व़ो सारा करीब 25 हजार कमपिाइलसस हमने खतम लकये हैं। आज   बना रिा ि। रै
                                    ं
                                                                                    न्यू इडिया समाचार | 1-15 माच्च 2022  33
                                                                                      ं
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