Page 11 - NIS Hindi, 16-30 November,2022
P. 11

राष्टट्र  संमवीधान मदवीस मवीशेष




        कली  महान  पंिपिा,  अखंि  धािा  कली  आधुननक  अनभव्र्क्क्ि  है।  इसनलए  जब  हम  इस   बाबा साहेब अंबेडकर ने 25
        संवैधाननक  व्र्वस्था के िहि जन प्रनिनननध के रूप में ग्राम पंचार्ि से संसद िक का जो   नर्ंबर 1949, संत्र्धान अंगीकार
        भली दानर्त्व ननभािे हैं, उसमें हमें संनवधान के लेटि एंि क्स्परिट के समनपयाि भाव से खुद को   करने के एक त्दन पूर् अपने
                                                                                                  ्य
        सज्ज िखना होगा। जब र्े कििे है िो संनवधान कली भावनाओं को कहां चोट पहुंच िहली है   आत्खरी भार्ण में जो बातिें कही
        उसको भली हम नजिअंदाज नहीं कि सकिे हैं। इस संनवधान नदवस को हमें इसनलए भली   ्थी उसका जरूर उल्लेख करना

        मनाना चानहए, क्र्ोंनक र्ह हमें इस बाि का मूल्र्ांकन किने का अवसि देिा है नक हमािा
        जो िास्िा है, वह सहली है र्ा नहीं है। हि वषया संनवधान नदवस मनाकि हमें अपने आप का   चाहूंगा। बाबा साहेब ने देश को
        मूल्र्ांकन किना चानहए। देश आजाद होने औि 26 जनविली प्रजासत्ता पवया कली शुरुआि के   ्थ्ाद त्दला्थ्ा ्था त्क भारति पहली
        बाद से हली हमें 26 नवंबि को संनवधान नदवस के रुप में मनाने कली पिंपिा बनानली चानहए   बार 1947 में आजाद हुआ है
        थली। िानक उसके कािण हमािली पलीढ़ली दि पलीढ़ली संनवधान बना कैसे? इसे बनाने वाले कौन   ्थ्ा त्िर 26 जनर्री 1950 को
                                                                                    ं
        लोग थे? नकन परिक्स्थनिर्ों में बना? क्र्ों बना? हमे संनवधान कहां ले जािा है? कैसे ले   गणतिरि बना, ऐसा नहीं है। भारति
        जािा है? इन सािली बािों कली हि वषया अगि चचाया होिली है, िो संनवधान नजसको दुननर्ा ने एक   पहले भी आजाद ्था और हमारे
        जलीवंि इकाई औि एक सामानजक दस्िावेज के रुप में माना है, नवनवधिा भिे देश के नलए   ्थ्हां अनेक ररपक््ललक भी ्थे।
        र्ह एक बहुि बड़ली िाकि औि अवसि के रुप में पलीढ़ली दि पलीढ़ली काम आिा। ऐसा किने से   उन्होंने आगे व््थ््था व््थ््तति की ्थी

        कुछ लोग चूक गए। लेनकन जब 26 नवंबि 2015 को बाबा साहब अंबेिकि कली 125वीं   त्क अपनी ही गलत्ति्थ्ों से हमने
        जर्िली थली िब इस पनवत्र अवसि पि देशभि में संनवधान नदवस माने कली शुरुआि सिकाि
           ं
        ने कली।                                                                अतिीति में आजादी भी खोई है और
           आज अगि बाबा साहेब होिे िो उनसे अनधक प्रसन्निा शार्द हली नकसली को होिली।   ररपक््ललक कैरे्त्टर भी गंर्ा्थ्ा

        क्र्ोंनक भािि ने इिने वषयों में न केवल उनके सवालों का उत्ति नदर्ा है बक्ल्क अपनली   है। ऐसे में बाबा साहेब ने देश
        आजादली औि लोकिंत्र को औि अनधक समृद्ध औि सशक्ि नकर्ा है। इसनलए संनवधान   को चेतिातिे हुए पूछा ्था त्क हमें
                                                                                                        ं
                                                                      ु
        नदवस के अवसि पि मैं आप सभली को बलीिे साि दशक में संनवधान कली भावना को अक्ण्ण   आजादी भी त्मल गई, गणतिरि भी
                             या
        िखने वालली नवधानर्का, कार्पानलका औि न्र्ार्पानलका के सभली सानथर्ों को गौिवपूवयाक   हो गए, लेत्कन ्त्थ्ा हम इसको
        स्मिण कििा हूं, नमन कििा हूं। मैं नवशेष िौि पि 130 किोड़ भाििवानसर्ों के सामने   बनाए रख सकतिे हैं? ्त्थ्ा अतिीति
        निमस्िक हूं, नजन्होंने भािि के लोकिंत्र के प्रनि आस्था को कभली कम नहीं होने नदर्ा।   से हम सबक ले सकतिे हैं?
        हमािे संनवधान को हमेशा एक पनवत्र ग्रंथ माना, गाइनिग लाइट माना।
                                               िं
           संनवधान के 73 वषया हमािे नलए हषया, उत्कषया औि ननष्कषया का नमला-जुला भाव लेकि
        आए हैं। हषया र्े है नक संनवधान कली भावना अटल औि अनिग िहली है। अगि कभली कुछ
        इस ििह के प्रर्ास हुए भली हैं िो देशवानसर्ों ने नमलकि उनको असफल नकर्ा है।
        संनवधान पि आंच नहीं आने दली है। हमािे संनवधान कली मजबूिली के कािण हली एक भािि
        श्ष््ठ भािि कली ििफ हम आगे बढ़ पाए हैं। हमने िमाम सुधाि नमल-जुलकि संनवधान
          े
        के दार्िे में िहकि नकए हैं। ननष्कषया र्ह है नक र्ह नवशाल औि नवनवधिा से भिा भािि
        प्रगनि के नलए, सुनहिे भनवष्र् औि नए भािि के नलए भली, हमािे सामने नसफ्क संनवधान,

        संनवधान कली मर्ायादाएं, संनवधान कली भावना र्हली एकमात्र िास्िा है-एषपंथा। हमािा
        संनवधान हमािे नलए सबसे बड़ा औि पनवत्र ग्रंथ है। एक ऐसा ग्रंथ नजसमें हमािे जलीवन
        कली, हमािे समाज कली, हमािली पिंपिाओं, हमािली मान्र्िाओं, हमािे व्र्वहाि, हमािे आचाि
        उन सबके साथ का समावेश है। साथ-साथ अनेक चुनौनिर्ों का समाधान भली है। हमािा
        संनवधान इिना व्र्ापक इसनलए है क्र्ोंनक इसमें हमने बाहिली प्रकाश के नलए अपनली
        नखड़नकर्ां खोल िखली हैं। उसके साथ-साथ भलीिि का जो प्रकाश है उसको औि अनधक
        प्रज्जवनलि किने का अवसि भली नदर्ा है।




                                                                                 न््ययू इंडि्या समाचार   16-30 नवंबर 2022  9
   6   7   8   9   10   11   12   13   14   15   16