Page 8 - NIS Hindi, 16-30 November,2022
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व्यक्क्तत्वी वीर्गीज कुररयन





                      श्वीेत क्ांमत के जनक


        नजन्होंने हमें स्वावलंबन


        को जीना नसखाया




              र्न्म: 26 नवंिर 1921| मृत्र्ु: 9 धसतंिर 2012

        आजादी के अमृति काल में जब देश आत्मत्नभ्यरतिा के
        रास्तिे त्र्कत्सति भारति के संकल्प को पूरा करने की ओर

        बढ़ रहा है, तिब ्थ्ह कालखंड उन महान व््थ्क््ततित्र्ों को
        नमन करने का भी है त्जन्होंने हमें गुलामी के कालखंड से
        त्नकाल कर स्र्ार्लंबन का पाठ ही नहीं पढ़ा्थ्ा, बक्ल्क
        उसे जीना भी त्सखा्थ्ा। ऐसी ही एक शक््सस्थ्ति हैं, र्गगीज
        कुरर्थ्न, त्जन्होंने उस र््तति श्र्ेति क्ांत्ति की पररकल्पना
        की। कभी दूसरों से दूध मांग कर अपनी जरूरतिें पूरी करने
        र्ाला भारति आज दुत्न्थ्ा का सबसे बड़ा दूध उत्पादक
        देश है। इसके पीछे र्गगीज कुरर्थ्न की उस सोच का ही
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        कमाल है, त्जसने अमूल जैसी सहकारी संस््था का सर्श्ष्ठ
        मॉडल दुत्न्थ्ा के सामने त्क्थ्ा पेश…...


                  ब आप सुबह अपने हाथों में चार् का कप नलए होिे हैं र्ा   पोल्सन के पास हली दूध खिलीदने का अनधकाि था। खेड़ा औि आणंद
                  नफि िाि को दूध का नगलास, िब अनार्ास हली सहली पि   िब गुजिाि के कैिा नजले का नहस्सा हुआ कििा था। कंपनली र्हां
         ज भािि में स्वावलंबन के उस सबसे बड़े आंदोलन में अपना   मनमाने दामों पि दूध खिलीदिली औि फटेहाल नकसानों के हाथ कुछ न
        र्ोगदान दे िहे होिे हैं, जो न नसफ्क सहकारििा कली एक इनिहासगाथा   आिा। सिदाि पटेल ने सलाह दली, सहकािली सनमनि बनाओ औि नरिनटश
        अपने भलीिि समेटे हुए है, बक्ल्क इसकली बदौलि हली भािि दूध के वैक््चवक   सिकाि से पॉ्चचि प्लांट लगाने कली अनुनमि मांगो। अनुमनि न नमले िो
        बाजाि में 21 फलीसदली कली भागलीदािली के साथ दुननर्ा का सबसे बड़ा दुग्ध   एक बूंद भली दूध न बेचो। सिकाि को झुकना पड़ा औि इस ििह कैिा
        उत्पादक है। र्े कमाल है ्चवेि रिांनि का औि इस रिांनि के नार्क हैं   नजला सहकािली दुग्ध उत्पादक सं्घ का जन्म हुआ। नत्रभुवनदास पटेल
        वगयीज कुरिर्न औि नत्रभुवन दास। केिल के कोझलीकोि में 26 नवंबि   इसके प्रथम अध्र्क् ननर्ुक्ि हुए। दो गांवों औि िोज औसि 250 ललीटि
        1921 को एक नसनवल सजयान के ्घि जन्म लेने वाले वगयीज कुरिर्न   दूध के साथ कािोबाि शुरू हुआ।
        ने मद्रास नव्चवनवद्ालर् से मैकेननकल इंजलीननर्रिंग में बैचलि ऑफ   र्ह सनमनि अपने शैशवकाल में हली थली नक ्ठलीक उसली वक्ि र्हां के
        इंजलीननर्रिंग कली निग्रली हानसल कली थली। इसके बाद वे सिकािली स्कॉलिनशप   एक सिकािली रिलीमिली कािखाने में अमेरिका से पढ़कि लौटे िॉ. वगयीज
        पि पोस्ट ग्रेजुएशन किने अमेरिका के नमशलीगन नव्चवनवद्ालर् गए।   कुरिर्न का आगमन हुआ। कुरिर्न नत्रभुवन दास के संपक्क में आए।
        िब इस स्कॉलिनशप के बदले शिया थली नक उन्हें देश लौटकि कम से   कई मुलाकािों के बाद उनकली अच्छली जान पहचान हो गई। कोऑपिनटव
                                                                                                          े
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        कम 3 साल सिकािली संस्था में काम किना होगा। उनकली मैकेननकल   िर्िली के कई मामलों में कुरिर्न उनकली मदद कििे िहिे। 1949 में
                                                                                े
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        इंजलीननर्रिंग में एक नवषर् िर्िली इंजलीननर्रिंग भली था।  नकसानों कली कोऑपिनटव िर्िली में नर्ा प्लांट लगाने में भली उन्होंने मदद
           इसली समर् आजादली से ्ठलीक पहले 1946 में गुजिाि के खेड़ा में   कली थली। हालांनक, वगयीज कुरिर्न का र्हां मन नहीं लग िहा था औि
        दुग्ध उत्पादक नकसान अंग्रेज सिकाि के नखलाफ सिदाि वल्लभभाई   उन्होंने सिकाि से कई बाि उन्हें नकसली शहि में पोक्स्टिंग देने कली गुजारिश
        पटेल कली सलाह पि आंदोलन कि िहे थे। क्र्ोंनक िब र्हां एक कंपनली   कली। 1949 के अंि िक सिकाि ने उनकली मांग मान लली। वे खेड़ा से





          6  न््ययू इंडि्या समाचार   16-30 नवंबर 2022
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