Page 9 - NIS Hindi september 01-15, 2022
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राष्टट्र  दिक्षि दिवेस दवेिेष




                                                       ्द
        बल्ल्क एक पाररवाररक ररश्ता होता है। ्यये ररश्ता, ्यये संबंध पर  ये
                                       ये
        जीवन का होता है। इसीिलए, आज दश अपन ्युवाओं के
                                               ये
                   ये
        िलए िशषिा स जुिे जो भी प्र्यास कर रहा है, उसकी बागडोर     जीिन यात्रा में किसी न किसी
            ये
        हमार इन िशषिक भाई-बहनों के ही हा्थों में है। मैं िशषिक    कशक्ि िी आती है याद
                                                    ्द
        िदवस पर दश के सभी गुरुजनों को नमन करता हं और              हम सब अपने जीवन की सफलताओं, जीवन यात्ा
                  ये
        सभी िशषिकों स अपयेषिा करता हं, हमारा काम है पीिढ़्यों को   को देखते हैं तो हमें ककसी न ककसी किक्षक की याद
                     ये
                                  ्द
        बनाना, पीिढ़्यों को बढ़ाना, वही दश को बढ़ाएंग। उस काम        जरूर  आती  है।  कोरोना  काल  में  हमारे  किक्षकों
                                               ये
                                    ये
        को सब िमलकर करें।                                         के सामने बदलाव की चुनौकतयां आईं, किक्षकों ने
        राष्ट्ीय सशक्षा िीसत म हर स््टटेज पर सशक्षक िसरिय सहस्िा  इस चुनौती को न कसफ्फ स्वीकार ककया बल््कक उसे
                           ें
                       िकसी भी ्छात् की परी पढ़ाई में उसके         अवसर में बदल भी कदया है। पढ़ाई में तकनीक का
                                         ्द
                     जीवन में बिी प्रयेरणा उसके अध््यापक होत  ये  ज्यादा से ज्यादा उपयोग कैसे हो, नए तरीकों को
                            ये
                     हैं। हमार ्यहां कहा जाता है- गुरौ न प्राप््यत  ये  कैसे अपनाए, छात्ों को मदद कैसे करें, ये हमारे
                                             ये
                       ्यत्तन्ान्द्यत्ािप  िह  लभ््यत।  गुरुप्रसादात
                      सववं तु प्राप्ोत््ययेव न संश्यः।।  अ्थामात जो   किक्षकों ने सहजता से अपनाया है और अपने छात्ों
                         ये
                    गुरु स प्राप्त नहीं हो सकता, वो कहीं प्राप्त   को भी कसखाया है। मुझे भरोसा है कजस तरह देि में
        नहीं हो सकता। ्यानी ऐसा कु्छ भी नहीं है िक जो एक अच््छा   राष्ट्ीय किक्षा नीकत के जररये एक बड़ा बदलाव होने
        गुरु िमलन के बाद दुलमाभ हो। इसिलए राष्टट्री्य िशषिा नीित के   जा रहा है, हमारे किक्षक इसका भी लाभ छात्ों तक
                 ये
                   ये
              ये
        फामुमालशन स इंप्लीमेंटेशन तक हर स्टेज पर िशषिक सिरि्य     पहुंचाने में अहम भूकमका कनभाएंगे।
        िहस्सा हैं।
          सरकार  का  िनष्टठा  2.0  प्रोग्ाम  और  'िनष्टठा  3.0'  इस
        िदशा  में  महत्वप्दणमा  भ्दिमका  िनभा  रहा  है।  सभी  िशषिक,
        िशषिा के षियेत् में व््यापक अनुभव रित हैं इसिलए प्र्यास
                                         ये
                                               ये
                                                       ये
        करेंग तो आपके प्र्यास राष्टट्र को बहुत आग लकर जाएंग।
                                            ये
            ये
                  ्द
        मैं मानता हं िक इस कालिंड में हम िजस भी भ्दिमका में
                                         ये
        हैं।  हम  सौभाग््यशाली  हैं  िक  हम  इतन  बिे  बदलावों  के
        गवाह बन रह हैं, इन बदलाव में सिरि्य भ्दिमका िनभा रह  ये
                   ये
        हैं। आपके जीवन में ्यये स्विणमाम अवसर आ्या है िक आप
         ये
        दश के भिवष्ट्य का िनमामाण करेंग। भिवष्ट्य की रूपरयेिा अपन  ये
                                  ये
                          ये
                            ्द
                     ये
                                                   ये
        हा्थों स िींचेंग। मुझ परा िवश्वास है िक आन वाल सम्य
                                              ये
               ये
                 ये
        में जैस जैस नई राष्टट्री्य िशषिा नीित के अलग-अलग फीचर   अनलनमा भी करना है।
              ये
                                                                                   ें
                        ये
                                ये
        हकीकत में बदलेंग, हमारा दश एक नए ्युग का साषिात्कार   िहीं होिा चासहए बच्चों म कोई भेदभाव
                       ये
                  ये
           ये
                                ये
        करगा। जैस-जैस हम अपन ्युवा को एक आधुिनक और           सचमुच अगर एक िशषिक के रूप में दयेि्दं तो बच्चों में कोई
                                                               ये
                                    ये
                                            ये
                              ये
        राष्टट्री्य िशषिा व््यवस््था स जोित जाएंग। दश आजादी के   भदभाव नहीं होना चािहए। सभी ्छात्ों में गुण और अवगुण
                                         ये
        अमृत संकल्पों को हािसल करता जाएगा।                   होता है। िशषिक का काम होता है, ्छात् की अच््छाइ्यों को
                                                                                                 ये
                                                                                                     ये
        प्लेि चाहे सकतिा भी एडवाि हो, उड़ाता पायल्ट ही ह ै    समझना। उसको तराशना। उसके जीवन को, व जैस भी हैं
                                ं
                                                                      ये
                                                                                       ये
                                                                             ये
                                                                         ये
        राष्टट्री्य िशषिा नीित की इस ्यात्ा के प्थप्रदशमाक दश के   उसको आग ल जान का अवसर दना। िशषिक िसफ्फ िब्रिल्येंट
                                                    ये
        िशषिक  हैं।  चाह  नए  तरीके  स  लिनवंग  हो,  चाह  ‘परि’   पर ध््यान दें, ऐसा नहीं कर सकता है। घर में माता-िपता अपन  ये
                                  ये
                                                 ये
                      ये
                                                                                      ये
                                                                                            ये
                                                                                     ये
                                                     ये
        के जररए नई परीषिा हो, ्छात्ों को इस नई ्यात्ा पर लकर   सभी बच्चों पर बराबर ध््यान दत हैं। वैस ही िशषिक के िलए भी
                                                                                              ये
                                                                     ये
        िशषिकों को ही जाना है। क््योंिक, प्लयेन िकतना भी एडवांस   कोई आग, कोई पी्छे, कोई ऊपर, कोई नीच नहीं होता। सबके
                                                                         ये
                                                                     ये
                                                                              ये
        क््यों न हो, उिाता पा्यलट ही है। इसिलए, ्यये सभी िशषिकों   सब अपन होत हैं। हरक के गुणों को जानना चािहए। िशषिक
                                                                                       ये
        को भी काफी कु्छ न्या लनमा करना है, काफी कु्छ पुराना   क्लास में सभी बच्चों के िहसाब स वाक््यों का भी प्र्योग करता
                                                             है, सबको समान परोसन की कोिशश करता है।
                                                                                ये
                                                                                    न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 डसतंबर 2022 7
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