Page 18 - NIS Hindi 16-30 September,2022
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आवीरे्ण कथा नए भारेत की ्संकल्प यात्ा
उन्नत जोलिञाग्ष
पानी पर डवका्स की नई तस्वीर
आजादी से पहले उत्तर और पू्ववी भारत में ्वे िनदयां
परर्वहि का प्रमुख माध्यम होती थीं, नजिमें िौकायि
संभ्व था। लेनकि रेल्वे के बाद इि पर ध्याि कम
05 होता गया, जबनक इिके माध्यम से माल ढुलाई बेहद
सस्ती थी। 2014 तक के्वल 5 जलमाग्ष ही मौजूद थे।
जलमागषों के रास्ते संभा्विाओं के िए द्ार खुले 2014
के बाद...और बीते 8 सालनों में ही भारत में 111 िए
जलमाग्ष घोनर्त नकए गए।
2015 में, सरकार ने भार्त के र्वशाल समुद्र ्तट का लाभ लेने
n
और देश में र्वर्भन्न बंदरगाहों को जोड़कर बुर्नयादी ढांचे
के र्वस््तार के र्लए महत्वाकांक्ी सागरमाला पररयोजना शुरू
की।
राष्टट्रीय जलमाग्ष- 1 लागत n 2016 में सरकार ने राष्ट्रीय जलमाग्ष अर्धर्नयम 2016 पारर्त
1390 4634 र्कया और राष्ट्रीय अं्तददेशीय जलमाग्ष काय्षक्म की शुरुआ्त
नकमी. हश्ल्दया से करोड़ रुपये। की गई। अगस््त, 2016 में ट्रायल रन के ्तह्त वारणसी से
मारुर््त कार की खेप हस्ल्दया भेजी गई ्थी।
्वारार्सी।
बोगीबील सब्जो
अ्सम-अरुणाचल की
नई लाइफलाइन 06
्त्ह तसि्फ ए्क तब्ज नहीं है,
बल््प्क इस षिेत्र ्के लाखों लोगों ्के जीवन
्को जोड़ने वाली लाइिलाइन है। इससे
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असम और अरू्णाचल ्के बीच ्की n 4.94 र्कलोमीटर लंबे बोगीबील र्रिज के रास््त धेमाजी से र्डरिूगढ़ की दूरी मात्
दूरी तसम्ट गई है और लोगों ्को अने्क 100 र्कलोमीटर रह गई है। पहले यह 500 र्कलोमीटर ्थी र्जसे पूरा करने में
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परेशातन्त्ों से भी मुल्क्ि तमली है। उन्का 24 ्घंट लग्ते ्थे। यह देश का सबसे लंबा रेल सह सड़क पुल है र्जसमें ऊपर
जीवन भी आसान हुआ है। सड़क और नीचे रेल माग्ष है। बोगीबील र्रिज बनाने की मांग 1965 से की जा
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री रही ्थी। 30 लाख बोरी सीमेंट के सा्थ इसमें 125 मीटर के 39 गड्टर लगे हुए हैं।
16 न््ययू इंडि्या समाचार 16-30 डसतंबर 2022