Page 27 - NIS Hindi 16-30 September,2022
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आवीरे्ण कथा नए भारेत की ्संकल्प यात्ा





                 ऑक्िीजोि उत्पञादि िें आत्िसिभ्षरतञा




                    ्कोतवड ्की दूसरी लहर ्के दौरान ऑक्सीजन ्की ्कमी ने सब्का ध््त्ान अपनी ओर खींचा।
                   जरूरि बेहद ज््त्ादा थी, लेत्कन पररवहन ्की षिमिा बेहद ्कम। ऐसे मुल््च्कल वक्ि में पीएम
                     ्क्त्स्य िंड ्के जररए ऑक्सीजन पीएसए सं्त्ंत्र से ले्कर हर वह ्कदम उिाए गए, तजससे
                       े
                 ऑक्सीजन उर्पादन में आर्मतनभ्यर हो देश। सम्त् रहिे तलए गए सशक्ि िैसलों ्का असर है त्क
                             देश में 10 गुना से ज््त्ादा हुई प्रतितदन ऑक्सीजन उर्पादन ्की षिमिा...


                                                                             n  कोर्वड की दूसरी लहर के दौरान 2019
                       14                                                       र्लस्क्वड मेर्डकल ऑक्सीजन की उत्पादन
                                                                                क्म्ता 900 एमटी रोजाना ्थी। अब

                                                                                ऑक्सीजन उत्पादन क्म्ता 10 गुना बढ़
                                                                                कर 9600 मीर्ट्रक टन रोजाना हो गई है।
                                                                               कोर्वड महामारी के दौरान देश में
                                                                             n
                                                                                अस्प्तालों को जरूर्त के अनुरूप
                                                                                ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मर्नभ्षर बनाने
                                                                                               े
                                                                                के र्लये कुल 4,115 प्शर स्स्वंग ऐडसॉप्श्षन
                                                                                संयंत् (पीएसए) स््थार्प्त र्कए गए र्जनकी
                                                                                क्म्ता 4,755 मीर्ट्रक टन है।

                                                                             पीएम ्क्त्स्य ्के अंिग्यि
                                                                                      े
                  सामान््त् तदनों में भारि ए्क तदन में 900 मीतट्र्क ्टन           पीएसए स्त्ंत्र स्थातपि एवं पररचातलि
                                                                                         ं
                  िरल मेतड्कल ऑक्सीजन ्का उर्पादन ्करिा था।                     1,225   ्कर्क राज््त्ों, ्कद्र शातसि प्रदशों ्को
                                                                                      े
                                                                                                        े
                                                                                              ें
                  मांग बढ़ने ्के साथ भारि ने मेतड्कल ऑक्सीजन                      सह्त्ोग प्रदान त्क्त्ा ग्त्ा है।
                  ्का उर्पादन दस गुना से ज््त्ादा ि्क बढ़ा तद्त्ा। ्त्ह      सं्क्ट ्के दौरान
                  दुतन्त्ा ्के त्कसी भी देश ्के तल्त्े अ्क्पपनी्त् लक्ष्त्        ऑक्सीजन एक्सप्रेस रेलगातड़्त्ों
                  था, लेत्कन भारि ने इसे हातसल ्कर तल्त्ा।                      900  से 36,840 ्टन से अतध्क िरल
                  - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री                                    ऑक्सीजन पहुंचाई गई।



            15    जोि और्सध र्ोजोिञा:कञारगर, िस्ती और जोि उपर्ोगी दवञाएं



              इलाज के भारी-भरकम खच्ष        n  16 अगस््त 2022 ्तक जन और्र्ध केंद्रों की संख्या 8,786 है र्जसकी संख्या सरकार ने माच्ष
                में महंगी द्वाएं भी शानमल     2024 ्तक बढ़ा कर 10,000 करने का लक्षय र्नधा्षरर्त र्कया है।
               होती हैं। यही द्वाएं आपको    n  इन केंद्रों पर बाजार मूल्य से 50-90 फीसदी ्तक कम कीम्त पर दवा और मर्हलाओं के
                 बाजार मूल्य से 50 से 90      र्लए 1 रुपए में सैर्नटरी नैपर्कन भी र्मल्ते हैं।
                र्ीसदी तक सस्ते दामनों पर      इस पररयोजना के ्तह्त आम जन्ता को 15,000 करोड़ रुपये से अर्धक की बच्त हुई
                नमलें, इसी सच को साकार        n
                 कर रहे हैं आज प्रधािमंत्री   है। इस योजना के ्तह्त साधारण बीमाररयों से लेकर कैंसर ्तक की दवाएं और मेर्डकल
                भारतीय जिऔर्नध केंद्र...      उपकरणों को शार्मल र्कया गया है।





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