Page 30 - NIS Hindi 16-30 September,2022
P. 30

आवीरे्ण कथा नए भारेत की ्संकल्प यात्ा

                                                              18


                           ...…तञासक दोगुिी हो सकिञािों की आर्




               ्त्ह तवडंबना ही थी, त्क ्ककृतर् प्रधान देश ्के रूप में पहचाना जाने वाला वह देश, तजस्की आधी से

                ज््त्ादा आबादी इस षिेत्र से जुड़ी हो, बावजूद इस्के देश ्का अन्नदािा बेहद ्कम आ्त् और िमाम
                दु्चवारर्त्ों ्के बीच जीवन-्त्ापन ्करने ्को मजबूर थे। लेत्कन प्रधानमंत्री मोदी ने 'बीज से बाजार
               ि्क' ्की सोच ्के साथ न तसि्फ त्कसानों ्की आ्त् दोगुनी ्करने ्का सं्क्पप तल्त्ा, बल््प्क बुवाई ्की

                      ै
                     ि्त्ारी से ले्कर बाजार में िसल पहुंचने ि्क हर स्िर पर त्कसान तहि में उिाए ्कदम...


               बुवञाई के पहले                                                         बुवञाई के बञाद


             n  र्मट् टी के स्वास्र्य की जानकारी वाले                               n पीएम फसल बीमा योजना में 2018
               मृदा स्वास्र्य काड्ट 22.91 करोड़ जारी।                                 से अब ्तक 11.42 करोड़ से अर्धक
               पैसे की कमी न हो इसर्लए करीब 3.28                                      र्कसान शार्मल।
               करोड़ नए र्कसान क्ेर्डट काड्ट को
                                                                                                        ़े
                                                                                    n कृर्र् लाग्त के मुकाबले डढ़ गुना
               मंजूरी।
                                                                                      एमएसपी र्कया।
             n  उव्षरकों के र्लए लंबी क्तार खत्म। 25
                                                                                    n ई-नाम में 1.73 करोड़ से अर्धक र्कसान
               मई, 2015 को नई यूररया नीर््त जारी।                                     रर्जस्टर।
               100% नीम कोर्टंग वाला यूररया देश में
               उपलब्ध।                                                              n प्ाकृर््तक कृर्र् का सबसे अर्धक लाभ
                                                                                      ्छोट र्कसानों को हो रहा है र्जनकी
                                                                                         ़े
               बुवञाई के दौरञाि                                                       आबादी 80 फीसदी से अर्धक है र्जससे

             n प्धानमंत्ी कृर्र् र्संचाई योजना में                                    उन्हें प्ोत्साहन र्मल रहा है।
                 ं
               र्सर्च्त क्ेत् में वृर्धि। र्कसानों को                               n र्कसान रेल के 167 से अर्धक रूट
               उनके र्जले में मौसम और कृर्र् संबंधी                                   र्कसानों की फसल देश के कोने-कोने
               एसएमएस से जानकारी। उन्न्त बीज                                          में पहुंचा रही है।
               की उपलब्ध्ता बढ़ी।
                                                                                    n    एक लाख करोड़ रुपये का कृर्र्
             n र्लस्क्वड नैनो यूररया की प्र््तर्दन 1.5                                अवसंरचना कोर् लांच र्कया गया।
               बो्तल दैर्नक उत्पादन क्म्ता ्तैयार,
                                                                                    n र्कसान उत्पादक संगठनों की शुरुआ्त।
               एक साल में 3.27 करोड़ बो्तलों की                                       ई-नाम जैसे प्लेटफाॅम्ष के जररए फसल
               र्बक्ी हुई।
                                                                                      बेचने की सुर्वधा।




                                                                            ु
                                           बजोटि भी बढ़ञा, आसर््षक िुरक्ञा िसिष्श््चत

                कृर्र् का बजट 8 वर््ष पूव्ष करीब 22 हजार करोड़ रुपये ्था,   पीएम र्कसान सम्मान र्नर्ध में 12.02 करोड़ लाभार््थ्षयों के खा्ते
              n                                                   n
                र्जसे 5.6 गुना बढ़ाकर चालू वर््ष में 1.32 लाख करोड़ रु. र्कया।  में सालाना 6 हजार रुपये भेजे जा रहे हैं।
                भार्तीय फसल की र्वदेशों में मांग बढ़ी है र्जसके कारण   र्कसान मानधन योजना में 19.16 लाख र्कसान शार्मल। 2
              n                                                   n
                2021-2022 में कृर्र् उत्पादों का र्नया्ष्त का आंकड़ा 50    हेक्ट़ेयर से कम उपजाऊ भूर्म और उम्र 18-40 वर््ष के बीच हो
                अरब डॉलर पहुंचा।                                     उम्र। सुर्नस्श्च्त 3000 रुपये मार्सक पेंशन।




              28  न््ययू इंडि्या समाचार   16-30 डसतंबर 2022
   25   26   27   28   29   30   31   32   33   34   35