Page 26 - NIS Hindi 16-31 Aug 2022
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आवरण किा नवदनवा्षदचत राष्ट्रपदत
िवनिवा्षन्च्त राष्ट्पन्त का पहला संबोधि
मो जीवि पछे िकके पड़ी
थाउ, जग्त उद्ार हेउ
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अथा्भत, अ्पिषे जीवि के नहत-अनहत स बड़ा
जगत कलयाण के नलए काय्भ करिा हयोता है।
श्री जगन्नाथ क्षेत्र के एक रिखयात कनव री्म रयोई जी की कनवता की इस ्पसकत कयो उधिृत करत हुए दश की ्पहली आनदवासी ्मनहला
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राषट्र्पनत रिौ्पदी ्म्मु्भ िषे ्महाि रारत की ्पररकल्पिा कयो साकार करिषे का संकल्प नलया। अ्पिषे ्पहल संबयोिि ्में उ्होंिषे कहा, “जगत
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कलयाण की इसी राविा के साथ, ्मैं आ्प सब के नवशवास ्पर िरा उतरिषे के नलए ्पूरी निषठा व लगि स का्म करिषे के नलए सदैव
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तत्पर रहूंगी।” उ्होंिषे दश का आह्ाि री नकया नक सरी एकजुट हयोकर स्मन्प्भत राव स कत्भवय ्पथ ्पर आग बढ़ें तथा वैरवशाली व
आत्मनिर्भर रारत का नि्मा्भण करें। उिके संबयोिि ्में िए रारत की सयोि और उसके नलए कया हैं संकल्प, एक िजर:
n पूजय बापू िे हमें सवराज, सवदेशी, सवचछता और सतयाग्ह द्ारा
भारत के सांसकृनतक आदशषों की स्ापिा का मार्ग नदखाया ्ा।
िेताजी सुभार रनरि बोस, िेहरू जी, सरदार पटेल, बाबा साहेब
आंबेडकर, भरत नसंह, सुखदेव, राजरुरू, रनरिशेखर आजाद जैसे
अिनरित सवाधीिता सेिानियरों िे हमें राष्ट्र के सवानभमाि को
सववोपरर रखिे की नशक्ा दी ्ी।
n रािी लक्मीबाई, रािी वेलु िनरयार, रािी राइनदनलयू और रािी रेन्नम्मा
जैसी अिेकरों वीरांरिाओं िे राष्ट्र रक्ा और राष्ट्रनिमा्गण में िारीशक्त
की भूनमका को िई ऊंराई दी ्ी।
n सं्ाल क्रांनत, पाइका क्रांनत से लेकर कोल क्रांनत और भील क्रांनत िे
सवतंत्ता संग्ाम में आनदवासी योरदाि को और सश्त नकया ्ा।
सामानजक उत्ाि एवं देश-प्रेम के नलए ‘धरती आबा’ भरवाि नबरसा
मुंडा के बनलदाि से हमें प्रेरणा नमली ्ी।
दतृढ़ संकलप से वह कॉलेज जाने वालली अपने गांव कली पहलली बेटली संबोधन में द्ौपदली मुमुया ने िाषट् कली इस उपलशबध को कुछ इस
बनीं। एक जनजातलीर समाज में जनमीं द्ौपदली मुमुया का वाि्ड पाषयाद तिह शबद नदए, “िाषट्पनत के पद तक पहुंचना, मेिली वरशकतगत
से लेकि भाित कली िाषट्पनत पद तक पहुंचना लोकतंत्र कली जननली उपलशबध नहीं है, रे भाित के प्रतरेक गिलीब कली उपलशबध है।
भाित कली महान नविासत का परिचारक बना है। मेिा ननवायाचन इस बात का सबूत है नक भाित में गिलीब सपने देख
रह भाित के लोकतंत्र कली हली शशकत है नक एक गिलीब घि, दूि- भली सकता है औि उनहें पूिा भली कि सकता है। औि रे मेिे नलए
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सुदूि आनदवासली क्त्र में पैदा हुई बेटली भाित के सवपोच् संवैधाननक बहुत संतोष कली बात है नक जो सनदरों से वंनचत िहे, जो नवकास
पद तक पहुंचली है। िाषट्पनत के रूप में शपि ग्रहर के बाद अपने के लाभ से दूि िहे, वे गिलीब, दनलत, नपछड़े तिा आनदवासली
24 न्यू इंडि्ा समाचार 16-31 अगस्त 2022