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रवाषट्  अमृत महोतस्





               सुहानसिी गांगुली                                                वैश्श्वक दुग्ध उत्ादि में

                                                                               भारत प्रथम स्ाि पर

                                                                              आजादी के बाद से सरकार ने िछेयरी क्ेत् की
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        भारत की आजाद्री क ललए लगा                                             क्मता को बढ़ाने के शलए लगातार काम शकया
        रदया अपिा संपूण्ष ज्रीवि                                              है। आज उसका पररणाम दुगि उतपादन के साथ-
                                                                              साथ शकसानों की आय में वृशद्ध के रूप में शदखाई
                जन्म : 3 फरवरी 1909, ्मृत्यु : 23 ्माच्च 1965                 दे रहा है। आज दुगि उतपादन पूरे शवशव में 2%
        भा       ििवषया कली सविंत्रिा का सपना देखने औि इसके नलए अपना संपणया जलीवन   शवकास दर 6% से भी अशिक है। लाखों ्ोट  छे
                                                                              की दर से बढ़ रहा है, जबशक भारत में इसकी
                                                                 ू
                                                                              और सीमांत िछेयरी शकसानों के योगदान से आज
                 लगा देने वालली महान सविंत्रिा सेनानली सुहानसनली गांगुलली का जनम 3 फिविली
                 1909 को अनवभानजि बंगाल के खुलना नजले में हुआ था। उनके नपिा का नाम
                                                                              औसत  से  कहीं  अशिक  है।  साथ  ही,  भारत
        अनवनाशचद् गांगुलली औि मािा का नाम सिला संदिा देवली था। उनहोंने 1924 में ढाका ईिन   भारत में दूि की प्रशत वयककत उपलबिता शवशव
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        सकूल से अपनली मनट्रक कली पढ़ाई पिली कली। बाद में वह मूक औि बनधि बच्ों के एक नवशेष   शवशव  का  सबसे  बड़ा  दुगि  उतपादक  देि  भी
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        नवद्यालर में पढ़ाने के नलए कलकत्ा चलली गईं। माना जािा है नक वहां िहने के दौिान वह   बन गया है। शवशवभर के देिों में िछेयरी उद्योग
                                                                              में दुगि उतपादन से मुनाफे का शसफकि 40-50%
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        प्रलीनिलिा वाड्ेदाि औि कमला दास गुपिा के संपक्फ में आईं नजनहोंने उनहें जुगािि क्रांनिकािली   तक पैसा ही शकसानों को शमल पाता है लेशकन
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        समूह का नहससा बनने के नलए प्रोतसानहि नकरा। जुगािि समूह में शानमल होने के बाद   भारत में िछेयरी सहकाररताएं उपभोकता मूलय का
        उनहोंने ‘्ात्रली संघ’ नामक एक संग्ठन के नलए भली काम किना शुरू कि नदरा।  70% ररटन्भ दूि उतपादन करने वाले शकसानों के
           इसली दौिान समान नवचािधािा औि भािि कली सविंत्रिा कली इच्ा िखने वाले लोगों स  े  बैंक अकाउंट में जमा करती हैं जो भारत की एक
        उनका परिचर हुआ। इस बलीच सुहानसनली गांगुलली कली सनक्ररिा के कािण अग्रज उन पि कड़ली   बहुत बड़ी उपलकबि है। प्रिानमंत्ी नरेंद्र मोदी के
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        नजि िखने लगे थे। ऐसे में उनके नलए कलकत्ा से बाहि काम किना बहि मस्कल हो गरा   नेतृतव में हर गरीब देि तक दूि उतपाद पहुंचाकर
                                                              ु
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        था। चटगांव नवद्ोह के बाद जुगािि पाटती के कई सदसरों को न्पने के नलए मजबि होना   वसुिैव  कुटुमबकम्  की  भावना  को  चररताथ्भ
                                                                   ू
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        पड़ा। ऐसे में सुहानसनली गांगुलली को भली नगि्िािली के िि से चंदननगि में शिण लेनली पड़ली,   करना भारत का लक्य है।  RU-56-02H-0018-030822/FACTSHEET
        जो फ्ासलीनसरों के ननरंत्रण में था। वहां वह क्रांनिकािली शनशधि आचारया कली ्द्म धमयापत्ली           209.96
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                                                                                                  न
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                                                                                            दग्ध उत्पादन में भारत प्रथम स्थान पर
                                                                                             ग्
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        के िौि पि िहने लगीं। वहां वह एक सकूल में नौकिली किने लगली औि सभली क्रांनिकारिरों के   व वश्ववक दु दग्ध उत्पादन में भारत प्रथम स्थान पर र र
                                                                                                            न
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                                                                                                     र
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                                                                                             ु
                                                                                               ें
                                                                                                           ें
                                                                                           भारत म दू ध उत्पादन (श्वमश्वलयन रन म)
        बलीच सुहानसनली दलीदली के िौि पि पहचानली जाने लगली। हालानक, अग्रजों ने उनका पली्ा नहीं   व वश्ववक दु दग्ध उत्पादन में भारत प्रथम स्थान पर र
                                                      ं
                                                  ं
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                                                                                                          ें
                                                                                              ें
                                                                                           भारत म दू ध उत्पादन (श्वमश्वलयन रन म)
                                                                                                ा
                                                                                              उ
                                                                                                 द
                                                                                                        म
                                                                                                   म
                                                                                                         स्
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                                                                                                 न
                                                                                                प
                                                                                                            प
                                                                                                           ा
                                                                                                     ा
                                                                                                          थ
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                                                                                           क
                                                                                         व
                                                                                                       प्र
                                                                                                      त
                                                                                          व
                                                                                                       थ
                                                                                             ध
                                                                                         ै
                                                                                                    भ
                                                                                                     र
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                                                                                         ै
        ्ोड़ा औि चंदननगि के उनके घि पि नबनटश पनलस अनधकारिरों कली एक टलीम ने ्ापा            भारत म दू ध उत्पादन (श्वमश्वलयन रन म) ें
                                           ु
                                                                                              ें
                                                                                                   80.6
        मािा। इसके बाद, सुहानसनली गांगुलली, शनशधि आचारया औि गणेश घोष को नगि्िाि कि
        नलरा गरा। उनहें खड़गपि के पास नहजलली कािावास नशनवि में ्ह साल िक िखा गरा।           31.6  53.9
                          ु
                                          ु
        आगे चलकि रहली नहजलली निटेंशन कैंप खड़गपि आईआईटली का कैंपस बना।          17  20  22
           नहजलली से अपनली रिहाई के बाद, गांगुलली ने देश कली आजादली के नलए अपना संघषया जािली   1951 1961 1971 1981 1991 2001 2011 2021
                                        ु
        िखा। वह आनधकारिक िौि पि भाििलीर कमरननसट पाटती के साथ जुड़ गईं औि उनहोंने पाटती      भारत में दूि उतपादन (शमशलयन टन में)
                                                                                   ै
        के कारशों में सनक्रर रूप से भाग लेना शुरू कि नदरा। भािि ्ोड़ो आंदोलन में सनक्रर रूप स  े  ्वसश्वक दूध उतपादन में भारति का
                                                                                                   ें
                                                                                              ु
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                                                                                          वश्विक दग्ध उत्पादन म भारत का योगदान ­¬ प्रश्वतशत
                                                                                          ै
                                                                                             ु
                                                                                          वश्विक दग्ध उत्पादन म भारत का योगदान ­¬ प्रश्वतशत
                                ं
        भाग लेने वाले एक क्रांनिकािली हेमि ििाफदाि को आशर देने कली वजह से सुहानसनली गांगुलली   योगदान 21 प्रकतिशति।   ें ें
                                                                                          ै
                                                                                             ु
                                                                                          वश्विक दग्ध उत्पादन म भारत का योगदान ­¬ प्रश्वतशत
        को नफि से जेल में िाल नदरा गरा। जेल से रिहा होने के बाद वह धनबाद के एक आशम   उतपादन 1950-51 में 17 मीकट्क टन से
                                                                                                   े
                                                                                               ि
                                                                                   उत्पादन ¬´°«§°¬ में ¬² मीश्वरक रन स बढ़कर ­«­«§­¬ में ­«´´± मीश्वरिक रन हो गया
                                                                                  बढ़कर 2020-21 में 209.96 मीकट्क
                                                                                   उत्पादन ¬´°«§°¬ में ¬² मीश्वरक रन स बढ़कर ­«­«§­¬ में ­«´´± मीश्वरिक रन हो गया
        में िहने लगली औि आजादली के बाद अपना सािा जलीवन सामानजक, आधरासतमक कारशों के   टन हो गया।   ि ि  े े
                                                                                   उत्पादन ¬´°«§°¬ में ¬² मीश्वरक रन स बढ़कर ­«­«§­¬ में ­«´´± मीश्वरिक रन हो गया
                                                                                               ू
                                                                                          ें
        नलए समनपयाि कि नदरा। 23 माचया 1965 को एक सड़क दघयाटना में सुहानसनली गांगुलली का   2020-2021 में प्रकति वयसकति दूध की   ै  ै
                                                   ु
                                                                                   ­«­«§­«­¬ म प्रश्वत व्यक्ति दध की उपलब्धता ¯­² ग्राम/श्वदन ह~ जो ¬´°«§°¬ में ¬®«
                                                                                         ें
                                                                                               ू
                                                                                                   ग्राम/श्वदन थी
                                                                                   ­«­«§­«­¬ म प्रश्वत व्यक्ति दध की उपलब्धता ¯­² ग्राम/श्वदन ह~ जो ¬´°«§°¬ में ¬®«
        ननधन हो गरा।                                                        Source: https://www.indiabudget.gov.in/economicsurvey/doc/stat/tab123.pdf   ग्राम/श्वदन थी   ै
                                                                                               ू
                                                                                         ें
                                                                                  उपलबधतिा 427 ग्ाम/कदन हुई, जो
                                                                                   ­«­«§­«­¬ म प्रश्वत व्यक्ति दध की उपलब्धता ¯­² ग्राम/श्वदन ह~ जो ¬´°«§°¬ में ¬®«
                                                                            Source: https://www.indiabudget.gov.in/economicsurvey/doc/stat/tab123.pdf   ग्राम/श्वदन थी
                                                                                  1950-51 में 130 ग्ाम/कदन थी।   AKAM Series #7(H)
                                                                            Source: https://www.indiabudget.gov.in/economicsurvey/doc/stat/tab123.pdf   August 03, 2022
                                                                                                             AKAM Series #7(H)
                                                                                                               AG/HP/RC/KG
                                                                                                              August 03, 2022
                                                                                                               AG/HP/RC/KG
                                                                                                             AKAM Series #7(H)
                                                                                                              August 03, 2022
                                                                                                               AG/HP/RC/KG
                                                                                                          45
                                                                                  यू इं
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                                                                                   न
                                                                                           1-़15 फरवरी 2023

                                                                                    िया समाचार
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