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रवाषट्   अमृत महोतस्




               अबबास तैयबजी                  िांि्री माि्ष क िायक ‘छोटा गांि्री’
                                                                   े



                                             जन्म : 1 फरवरी, 1854, ्मृत्यु : 9 जून 1936







                                                                                           े
                                                                                                े
                                                                          अब्ास तैयबज्री क बार में कहा
                                                                                 ै
                                                                          जाता ह रक वह राष्टवपता महात्मा
                                                                             ं
                                                                                 े
                                                                          गाि्री क बहुत कर्रीब्री थे। यह्री
                                                                          कारण ह रक उन्ोंिे महात्मा
                                                                                   ै
                                                                             ं
                                                                          गाि्री क साथ वषषों काम रकया
                                                                                 े
                                                                          और लोग उन् प्ार से ‘छोटा
                                                                                        ें
                                                                             ं
                                                                          गाि्री’ कह कर बुलाते थे।






       सव                                    ै               नलरा िब उनकली नगि्िािली कली ससथनि में उस माचया के निृतव के
              िंत्रिा सेनानली औि महान देशभकि अबबास िरबजली का जनम
                                                                                                       े
                                                             नलए नजस वरसकि को नानमि नकरा गरा वह कोई औि नहीं बसलक
              1 फिविली, 1854 को गुजिाि के विोदिा में हुआ था। पढ़ाई
                                                                    ै
                           ै
              के नलए अबबास िरबजली इंगलैंि गए औि वहां से वकालि   अबबास िरबजली हली थे। अबबास िरबजली कली नगि्िािली के बाद
                                                                                       ै
        कली निग्रली लेकि भािि लौटे। इसके बाद वह वकालि किने लगे औि   सिोनजनली नारिू को सतराग्रह के निृतव के नलरे नानमि नकरा गरा
                                                                                      े
        नफि विोदिा के चलीफ जससटस बनाए गए। 1919 में जनलरांवाला   था। अबबास िरबजली दािली माचया नमक सतराग्रह में सनक्रर रूप स  े
                                                                              ं
                                                                       ै
                                  ं
                                   े
        बाग हतराकाि कली जांच के नलए काग्रस ने एक जांच सनमनि गन्ठि   शानमल हो कि नबनटश सिकाि का जमकि नविोध नकरा था। इिना
                 ं
        कली नजसका अधरक् अबबास िरबजली को ननरुकि नकरा गरा। कहा   हली नहीं, अबबास िरबजली ने महातमा गांधली के आह्ान पि देश में होन  े
                                                                          ै
                              ै
        जािा है नक वह एक संपन्न परिवाि से आिे थे लनकन जनलरांवाला   वाले सभली ्ोटे-बड़े आंदोलनों में सनक्रर भागलीदािली कली औि अपन  े
                                           े
                                                                                    े
                                                                                   ं
                                                                      ं
        बाग हतराकाि का प्रभाव उनके मन मससिषक पि ऐसा पड़ा नक   जलीवन के अनिम क्णों िक अग्रजों के नखलाफ लड़िे िहे। उनहोंन  े
                  ं
        उनहोंने अपने सािे पस्चमली परिधान जला नदए। साथ हली, उनहोंन  े  1928 में, बाििोलली सतराग्रह में सिदाि वललभभाई पटेल का भली
          ं
           े
        अग्रजों कली बनाई वसिओं का भली बनहषकाि कि नदरा औि िाषट्रलीर   समथयान नकरा था। वह नहंदू-मुससलम एकिा के पक्धि िहे औि रहली
                         ु
        आंदोलन में कूद पड़े।                                  कािण है नक उनहोंने हमेशा इनकली एकिा पि बल नदरा। इस महान
           अबबास िरबजली के बािे में माना जािा है नक वह िाषट्रनपिा   सविंत्रिा सग्राम सेनानली ने 9 जून 1936 को मसिली में अनिम सांस
                                                                     ं
                   ै
                                                                                                     ं
                                                                                                ू
        महातमा गांधली के बहि किलीबली थे। रहली कािण है नक उनहोंने महातमा   लली। महातमा गांधली ने उनकली राद में “हरिजन” अखबाि में “ग्रांि
                       ु
        गांधली  के  साथ  वषशों  काम  नकरा  औि  लोग  उनहें  पराि  से  ‘्ोटा   ओलि मैन ऑफ गुजिाि” नाम कली हनिंग से एक लेख नलखा था
                                                                                        े
        गांधली’ कह कि बुलािे थे। उनहोंने महातमा गांधली के नवचािों को   नजसमें उनहें मानविा का दुलभया सेवक कहा था।
        फैलाने का संकलप नलरा। नवचािों के प्रसाि के इसली संकलप के   दािली माचया कली राद में नदललली के सिदाि पटेल मागया-मदि टेिेसा
                                                                 ं
                                                                                                   ू
                                                                           ू
        िहि उनहोंने बैलगाड़ली से भ्रमण शुरू नकरा औि खादली के कपड़े   नक्रसेंट पि 'गरािह मनिया' सथानपि कली गई थली। गरािह मनिया में महातमा
        िक बेचे। महातमा गांधली के उन पि भिोसे का अंदाजा इस बाि स  े  गांधली,  मािंगलीनली  हजिा,  सिोजनली  नारिू  के  साथ-साथ  अबबास
                                                              ै
                                    ं
        लगारा जा सकिा है नक जब उनहोंने िािली माचया ननकालने का ननणयार   िरबजली को भली नदखारा गरा है।
          46  न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 फरवरी 2023
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                       1-़15 फरवरी 2023
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