Page 56 - NIS Hindi 16-31 February,2023
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राष्ट्   भगवीान श्ी देवीनारार्र्






























                 भगवाि श्ी देविारायण का 1111वां ‘अव्तरण महोत्सव’


        “हमारी सभ्य्ता, संस्कृन्त, सद्ाविा,




           संभाविा की अनभव्यक््त्त है भार्त”






            भारति के लोग हजारनों ्वषमा पुराने अपने इततिहाि, अपनी िभ््यतिा, अपनी िंस्ककृतति पर ग्वमा करतिे हैं। दुतन्या की
           अनेक िभ््यतिाएं िम्य के िाथ िमाप्ति हो गईं और परर्वतिमाननों के िाथ खुद को ढाल नहीं पाईं। भारति को भी

            भौगोतलक, िांस्ककृततिक, िामातजक और ्वैचाररक रूप िे तिोड़ने के बहुति प्र्याि हुए लेतकन भारति को कोई
             भी तिाकति िमाप्ति नहीं कर पाई। भारति तिर््फ एक भूभाग नहीं है, बक्ल्क िभ््यतिा, िंस्ककृतति, िद्ा्वना और

           िंभा्वना की एक अतभव््यक््तति है। भारति के गौर्विाली भत्वष््य की नीं्व में िातमल और कल््याण की कामना
           करने ्वाले भग्वान श्ी दे्वनारा्यण के 1111्वें अ्वतिरण तद्वि के अ्विर पर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28

                       जन्वरी को राजस्थान के भील्वाड़ा में आ्योतजति िमारोह को तक्या िंबोतधति…...
       भा        ित कली हजािों वषषों कली र्ात्रा में समाजशश््तत कली बहुत   हो जाना, सवयानसद्ध अवताि के नलए हली संभव है। उन्होंने समाज में



                 बड़ली भूनमका िहली है। हमािा र्ह सौभाग्र् िहा है नक हि
                                                             िैलली बुिाइर्ों को दूि किने का साहस नकर्ा, समाज को एकजुट
                 महत्वपूणया काल में हमािे समाज के भलीति से हली एक
                                                             के नवनभन्न वगषों को सा्थ जोड़कि आदशया व्र्वस््था कार्म किने
                 ऐसली ऊजाया ननकलतली है नजसका प्रकाश सबको नदशा   नकर्ा, समिसता के भाव को िैलार्ा। भगवान देवनािार्ण ने समाज
        नदखाता है औि सबका कल्र्ाण किता है। िाजस््थान के भलीलवाड़ा में   कली नदशा में काम नकर्ा। र्हली कािण है नक भगवान देवनािार्ण के
        भगवान श्रली देवनािार्ण के 1111वें ‘अवतिण महोत्सव’ के उपलक्षर्   प्रनत समाज के हि वगया में श्रद्धा औि आस््था है। इसनलए भगवान

        में आर्ोनजत समािोह को संबोनधत किते हुए प्रधानमंत्रली निेंद्र मोदली   देवनािार्ण आज भली लोकजलीवन में परिवाि के मुनखर्ा कली तिह हैं,
        ने कहा, “भगवान देवनािार्ण भली ऐसे हली ऊजायापुंज ्थे, अवताि ्थे,   उनके सा्थ परिवाि का सुख-दुख बांटा जाता है।” भगवान देवनािार्ण
        नजन्होंने अत्र्ाचारिर्ों से हमािे जलीवन औि हमािली संस्कृनत कली िक्षा   ने हमेशा सेवा औि जनकल्र्ाण को सववोच्ता दली। र्हली सलीख, र्हली
        कली। देह रूप में मात्र 31 वषया कली आर्ु नबताकि, जनमानस में अमि   प्रेिणा लेकि हि श्रद्धालु उनके र्हां से जाता है। नजस परिवाि से वह



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