Page 61 - NIS Hindi 16-31 February,2023
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राष्ट्   अमृत महोत्सवी





         भारत क चाय उत्ादन
         भारत क     े े   चाय उत् ा दन                     क्रांन्तकारी नवजय नसंह पन्थक
                                                                      े
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         ि  ें न न र तर  ि म धि                            अपनी ििनी िे जिाई
         िें ननरतर िृमधि
                                                           क्रांक्त की िर्ाि
                              े
         भारत मै कहानी है कक जैसे अंग्ज आए और अंग्ेजी ्छोड़कर
              ें
                                    ैं
         चले गए, वैसे ही नानी-दादी कहा करती ह कक अंग्ेज आए और      जन््म : 27 फरवरी 1882, ्मृत््ययु : 28 ्मई 1954
         चाय की लत लगाकर चले गए। चाय की खोज बेशक चीन
         मै हुई लेककन भारत मै 1835-40 के बीच तत्कालीन गवन्धर
                        ें
          ें
         लॉि्ड कवकलयन बकटक ने भारत मै सबसे पहले असमै के लोगों   ‘िाजस््थान  केसिली’  औि  ‘िाष्ट्लीर्  पन्थक’  के  नाम  से  पहचान  िखन  े
                              ें
                    ैं
                                     ें
         को एक सकमैकत बनाकर चाय के कवषय मै जानकारी दी और   वाले नवजर् नसंह पन्थक का जन्म 27 ििविली 1882 को उत्ि प्रदेश के
                                                                                        ें
                                                                        ें
                                                                          ु
         कफर असमै मै चाय बागान की शुरुआत हुई। इसके बाद 1881   बुलंदशहि नजले म ग्ठावलली कला गांव म हुआ ्था। उनके नपता का नाम
                  ें
         मै इकियन टी एसोकसएशन की स्थापना की गई और चाय को   चौधिली हमलीि नसंह िा्ठली औि माता का नाम कमल देवली ्था। बचपन से हली
            ं
          ें
         अंतरराष्टट्रीय बाजार मै फैलाया गया। भारत आज चाय का दूसरा   पन्थक पि अपने दादा दलीवान इंद्र नसंह िा्ठली कली देशभश््तत का कािली प्रभाव
                       ें
                                                                                             ें
                                 ें
         सबसे बड़ा उत्पादक देश है। साथ मै 5 साल से लगातार भारत   ्था, जो साल 1857 के प्र्थम स्वाधलीनता संग्ाम म शहलीद हो गए ्थे। ऐसे म  ें
                                                                               ू
         5,000 करोड़ रुपये से अकर्क की चाय का कनया्धत कर रहा है।   परिवाि कली क्रांनतकािली पृष््ठभनम का उन पि गहिा प्रभाव पड़ा ्था। नवजर्
         कवककसत और आत्मैकनभ्धर भारत की राह को मैजबूती देने मै  ें  नसंह पन्थक का मूल नाम ‘भूपनसंह’ ्था, लनकन ‘लाहौि षड़र्ंत्र’ के बाद
                                                                                         े
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         चाय बागानों की भी मैहत्वपण्ध भागीदारी है।         उन्होंने अपना नाम बदल कि नवजर् नसंह पन्थक िख नलर्ा औि निि
            भारत मै 1970-71 मै मैहज 41.90 करोड़ ककलो चाय    जलीवनपर्त वह इसली नाम से जाने जाते िहे। प्र्ाि औि सम्मान के कािण
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                                                                  ां
         का उत्पादन होता था जो 2020-21 मै बढ़कर 128.03 करोड़   लोगों के बलीच वह ‘िाजस््थान केसिली’ औि ‘िाष्ट्लीर् पन्थक’ के नाम से भली
                                  ें
         ककलो हो गया है। चाय भारतीय कवरासत का अकभन्न अंग ह  ै  जाने जाते ह।
                                                                    ैं
         क्योंकक चाय भारतीयों के कलए कसफ्फ एक पेय पदाथ्ध ही नहीं है,   भाित कली स्वतंत्रता के नलए स्घषया किने वाले वलीि क्रांनतकारिर्ों म स  े
                                                                                                            ें
                                                                                   ं
         यह एक भावना है, समैानता, कमैरिता और भारत की अकतकथ   एक नवजर् नसंह पन्थक र्ुवावस््था म हली िासनबहािली बोस औि शचींद्रना्थ
                                                                                     ें
                                ू
         देवो भव संस्ककत का एक मैहत्वपण्ध कहस्सा है। चाय क्षेरि न  े  सान्र्ाल जैसे क्रांनतकारिर्ों के संपक्फ म आ गए ्थे। महात्मा गांधली के
                   कृ
                                                                                        ें
                         ें
         देश मै रोजगार सतृजन मै मैहत्वपण्ध भकमैका कनभाई है। चाय पर
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                                 ू
             ें
         न केवल उत्पादक, कषक और कनया्धतक बल््कक कई स्टाट्डअप   ‘सत्र्ाग्ह आंदोलन’ से बहुत पहले हली नवजर् नसंह पन्थक ने ‘नबजोनलर्ा
                        कृ
                                                                                  ें
         आर्ाररत ह।                                        नकसान आंदोलन’ से नकसानों म स्वतंत्रता के प्रनत अलख जगाने का कार्  या
                 ैं
            …                                              शुरू कि नदर्ा ्था। आजादली कली लड़ाई को गांव-कस्बों तक ले जाने म  ें
                                                                     ू
                                                           उनकली बड़ली भनमका िहली। उन्होंने गांव-गांव जाकि लोगों को संगन्ठत नकर्ा
             चाय का उत्ादन
             चाय का उत् ा दन
                                                                                         े
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               (िाि रकिो िें ) ें )                        औि नकसान आंदोलन से जुड़ने के नलए प्ररित नकर्ा। माना जाता है नक
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                                                           इस आंदोलन म अंग्ेजों को झुकना पड़ा ्था औि नकसानों कली मांग माननली
                                                                      ें
                                                           पड़ली ्थली।
                                                              नवजर् नसंह पन्थक एक अच्छे कनव, लेखक औि पत्रकाि भली ्थ  े
                                                           नजन्होंने आजादली का संदेश आम जन तक पहंचाने के नलए अपने लेखन
                                                                                           ु
                                                           कली धाि का सहािा नलर्ा। आजादली के आंदोलन के दौिान हली पत्रकारिता
                                                           कली शुरुआत कली औि ‘िाजस््थान केसिली’ नामक साप्तानहक पत्र ननकाला।
                                                           िाजस््थान औि मध्र् प्रदेश म इस पत्र कली लोकनप्रर्ता से भर्भलीत सिकाि
                                                                               ें
                   चौथे अतग्रम अनुमाननों पर आधाररति ्वषमा 2020-21 के आंकड़े।
                                                                                            ें
                                                           ने इस पि िोक लगा दली। पन्थक ने कई नकताब नलख, लेखक के तौि पि
                      ें
                              ू
             भारति त्व्व्व म चा्य का दिरा िबिे बड़ा उत्पादक है।  भली अपनली पहचान बनाई। नवजर् नसंह पन्थक के प्रर्त्नों से हली सन 1920
             भारति  की  अिम,  दातजमातलंग  और  नीलतगरर  चा्य  को   म अजमि म ‘िाजस््थान सेवा स्घ’ कली स््थापना हुई ्थली। इस संग्ठन
                                                             ें
                                                                  े
                                                                     ें
                                                                                   ं
            दतन्या म बेहतिरीन चा्य माना जातिा है। दातजमातलंग की चा्य   ने समाज म िलली कुिलीनतर्ों के नखलाि खूब आवाज उ्ठाई। 28 मई
                  ें
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                                                                      ै
                                                                    ें
            को जीआई टैग भी तमला है।                        1954 को नवजर् नसंह पन्थक का ननधन हो गर्ा। भाित सिकाि ने 1992
                                               ें
             चा्य उद्योग के तलए उ्ठाए गए त्वतभन्न कदमनों म पौध   म क्रांनतकािली कनव नवजर् नसंह पन्थक कली स्मृनत म िाक नटकट जािली
                                                             ें
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                   ं
            िंरक्ण ितहतिा; ्वृक्ारोपण के तलए उप्यु्तति ्वातिा्वरण
                             ु
            ए्वं श्तमकनों की िुरक्ा ितनक््वचति करना आतद िातमल है।  नकर्ा ्था।
                                                                                                          59
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                                                                                    िया समाचार
                                                                                   न
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