Page 57 - NIS Hindi 16-31 February,2023
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राष्ट्   भगवीान श्ी देवीनारार्र्






















           पूजे जा्ते हैं भगावि श्ी देविारायण                        गुलामी  की  मािनसक्ता  से  बाहर

                                                        ैं
                                                                            ें
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           भग्वान श्ी द्वनारा्यण राजस्थान के लोगनों द्ारा पूजे जातिे ह और उनके   निकल, अपिी नवरास्त पर गव्ष कर  ें
                                        ें
                                   ैं
           अन्या्यी दि भर म र्ले हुए ह। उन्ह त्विेष रूप िे िा्वमाजतनक ि्वा   प्रधानमत्री  नरद्र  मोदी  ने  कहा  तक  तपछले  ्वषमा
                             ै
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                                                                                ें
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           के तलए िम्मातनति तक्या जातिा है। ‘भला जी भला, द्व भला’। ‘भला   स््वतिंत्रतिा तद्वि के अ्विर पर मने लाल तकले ि  े
                                                                                             ैं
           जी भला, द्व भला’। इिी उद्र्ोष म, भले की कामना है, कल््याण की   पंच प्राणनों पर चलने का आग्रह तक्या था। उद्े्व्य
                                       ें
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           कामना है। भग्वान द्वनारा्यण का तदखा्या ्यह रास्तिा िबके िाथ ि  े  ्यही है तक हम िभी अपनी त्वरािति पर ग्वमा कर,
                                                                                                         ें
           िबके त्वकाि का है। आज दि इिी रास्ति पर चल रहा है। बीतिे 8-9 ्वषषों   गुलामी  की  मानतिकतिा  िे  बाहर  तनकल  और
                                          े
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           िे दि िमाज के हर उपतक्ति और ्वतचति ्वगमा को िि्तति करने का प्र्याि   दि के तलए अपने कतिमाव््यनों को ्याद रख। अपन  े
                                                                      े
                                                                                                    ें
           कर रहा है।                                                मनीतष्यनों के तदखाए रास्तिनों पर चलना और हमार  े
          देशभक््त्त का पया्षय रहा है गुज्षर समाज                    बतलदातन्यनों,  हमारे  िूर्वीरनों  के  िौ्यमा  को  ्याद
                                    े
          गजमार िमाज, िौ्यमा, पराक्रम और दिभक््तति का प्यामा्य रहा है। राष्ट्ररक्ा हो   रखना भी इिी िंकल्प का तहस्िा है। राजस्थान
            ु
          ्या तर्र िंस्कतति की रक्ा, गजमार िमाज ने हर कालखंड म प्रहरी की भतमका   तिो धरोहरनों की धरतिी है। ्यहां िृजन है, उत्िाह और
                                                            ू
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                    कृ
          तनभाई है। क्रातति्वीर भूप तिंह गजमार, तजन्ह त्वज्य तिंह पतथक के नाम ि  े  उत्ि्व भी है। पररश्म और परोपकार भी है। िौ्यमा
                                          ें
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          जाना जातिा है,  उनके नतिृत््व म तबजोतल्या का तकिान आंदोलन आजादी   ्यहां र्र-र्र के िंस्कार ह। रंग-राग राजस्थान के
                                                                           ैं
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          की लड़ाई म एक बड़ी प्ररणा था। कोति्वाल धन तिंह और जोगराज तिंह,   प्यामा्य ह। उतिना ही महत््व ्यहां के जन-जन के
                                                                                                े
                                                                      ं
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          ऐिे अनेक ्योद्धा रहे ह तजन्हनोंने दि के तलए अपना जी्वन दे तद्या। ्यही   िर्षमा और ि्यम का भी है। ्यह प्ररणा स्थली,
                                   े
                           ैं
                                     ै
          नहीं, रामप््यारी गजमार, पन्ना धा्य जिी नारीिक््तति की ऐिी महान प्ररणाए  ं  भारति के अनेक गौर्विाली पलनों की व््यक््ततित््वनों
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                                                            े
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          भी हम हर पल प्रररति करतिी ह। ्यह तदखातिा है तक गजमार िमाज की बहननों   की  िाक्ी  रही  है।  तिेजा-जी  िे  पाबू-जी  तिक,
                                                                                   े
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          ने, गजमार िमाज की बतट्यनों ने, तकतिना बड़ा ्योगदान दि और िंस्कतति की   गोगा-जी  िे  रामद्व-जी  तिक,  बप्पा  रा्वल  ि  े
              ु
                ें
          ि्वा म तद्या है और ्यह परंपरा आज भी तनरतिर िमृद्ध हो रही है। आज   महाराणा प्रतिाप तिक, ्यहां के महापुरुषनों, जन-
                                             ं
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          ्यह बहति जरूरी है तक हमारे गजमार िमाज की जो नई पीढ़ी और ्य्वा ह,   ना्यकनों,  लोक-द्वतिाओं  और  िमाज  िुधारकनों
                                                            ु
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                                                                             े
          ्वह भग्वान द्वनारा्यण के िंदिनों, उनकी तिक्ाओं को और मजबतिी ि  े  ने हमिा दि को रास्तिा तदखा्या है। इततिहाि का
                                                             ू
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          आगे बढ़ाएं। ्यह गजमार िमाज को भी िि्तति करेगा और दि को भी आग  े  िा्यद ही कोई कालखंड है, तजिम इि तमट्ी न  े
                        ु
                                                                                े
                ें
          बढ़ने म इििे मदद तमलेगी।                                    राष्ट्र के तलए प्ररणा न दी हो।
         आते ्थे, वहां उनके नलए कोई कमली नहीं ्थली लेनकन सुख-सुनवधा कली   ्था। जली-20 का जो लोगो है उसमें भली कमल के ऊपि पूिली पृर्वली
         बजार् उन्होंने सेवा औि जनकल्र्ाण का कन्ठन मागया चुना। अपनली   को नब्ठार्ा है। र्ह भली बड़ा संर्ोग है। हम तो वो लोग हैं, नजसकली
         ऊजाया का उपर्ोग भली उन्होंने प्राणली मात्र के कल्र्ाण के नलए नकर्ा।   पैदाइशली कमल के सा्थ हुई है औि इसनलए हमािा आपका नाता कुछ
                             या
         प्रधानमंत्रली निेंद्र मोदली ने कार्क्रम में कहा, “भगवान देवनािार्ण का   गहिा है।” प्रधानमंत्रली निेंद्र मोदली ने मंनदि दशयान औि परिक्रमा किने
         1111वां अवतिण वषया औि उसली समर् भाित जली-20 कली अध्र्क्षता   के सा्थ वहां नलीम का पौधा भली लगार्ा। उन्होंने र्ज्ञशाला में चल िहे
         कि  िहा  है।  भगवान  देवनािार्ण  का  अवतिण  कमल  पि  हुआ   नवष्णु महार्ज्ञ में पूणायाहुनत भली दली। n
                                                                                 न््ययू इंडि्या समाचार   16-28 फरवरी 2023  55
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