Page 16 - NIS - Hindi, 01-15 January 2023
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आवरर कथा      शवकास और शवरासत






                                श्ी केदारनाथ धाम का पुनवि्यकास




                                                                                            ं
                                                                           n  श्ीकेिारनाथ धाम, महिू धमनि की पमिरि तीथनिनगरी।
                                                                              महमालय की गोि में मंिामकनी और सरसिती के
                                                                              संगम पर ससथत है।
                                                                             िषनि 2013 में आई भयािह आपिा से इस तीथनिनगरी को
                                                                           n
                                                                              भारी तबाही का सामना करना पड़ा।

                                                                           n  अमनयोमजत इमारतों के खड़े होने से मंमिर कहीं छुप
                                                                              सा गया था।

                                                                           n  केिारनाथ धाम में 2017 में प्रधानमंरिी ने आधयास्मक
                                                                              गौरि और मिवय सिरूप को पुन: सथामपत करने
                                                                                                     नि
                                                                              के मलए श्ी केिारनाथ धाम पुनमनमानिण योजना की
                                                                              पररकलपना की।

                                                                             इस पररकलपना के आधार पर सभी महतधारकों की
                                                                           n
                                                                              भागीिारी के साथ पयानििरणीय संतुलन बनाते हुए एक
                                                                              महायोजना तैयार की गई थी।

                                                                           n  गौरीकुं्ड से 16 मकमी िूर पैिल मागनि ससथत धाम में इस
                                                                              पैमाने की योजना को मक्यासनित करना, उसके मलए
                                                                              मनमानिण सामग्ी जुटाना, िुशिार मौसम और मिषम
                                                                              भौगोमलक पररससथमतयों के बीच एक बड़ी चुनौती थी।
                                                                              मंमिर तक पहुंच मागनि का मनमानिण पहले कायनि के रूप
                                                                              में मलया गया।

                                                                           n  बाढ़ से सरसिती और मंिामकनी निी के मकनारों के
                                                                              साथ बह गई भूमम का पुनग्निहण और बहुसतरीय बाढ़
                                                                              सुरक्ा उपाय कर मंमिर पररसर को एक द्ीप के रूप
                                                                              में बहाल करने के मलए िोनों नमियों पर बाढ़ सुरक्ा
                                                                              िीिारों का मनमानिण कायनि मकया गया है।

                                                                           n  आपिा से क्मतग्सत हो गए तीथनि पुरोमहतों के आिासों
                                                                                    नि
              n  आपिा से मंमिर पररसर में 10 फीट संकरे गमलयारे में ससथत कई     के पुनमनमानिण का कायनि चौथे कायनि के रूप में मकया गया।
                भिन क्मतग्सत हो गए थे। 30 हजार टन मलबा चारों ओर फैल
                गया था। इस मलबे को 840 फीट सीढ़ीिार मंमिर गमलयारे के रूप    n  चरणबद् तरीकों से तीथनि पुरोमहतों के आिासों का
                में मिकमसत मकया गया।                                          मनमानिण सथानीय प्थरों, लकड़ी और ढलिा छतों का
                                                                              उपयोग कर सथानीय सथाप्य रैली द्ारा मकया जा
                इसका मनमानिण क्ेरिीय कारीगरों द्ारा 20 हजार सथानीय उपलबध
              n                                                               रहा है।
                प्थरों का उपयोग करके मकया गया।
                                                                           n  पांचिे कायनि के रूप में आपिा से क्मतग्सत श्ी आमि
                                                                                                    नि
              n  िो नमियों के संगम पर ससथत इस 104 मीटर वयास िाले आगमन         गुरु रंकराचायनि समामध के पुनमनमानिण को मलया गया।
                पलाजा का मनमानिण ित्ताकार रूप में 51 हजार सथानीय प्थरों का    समामध तक पहुंचने के मलए भूममगत संरचना मजसमें
                              ृ
                उपयोग कर मकया गया है।                                         समारकीय िीिारों के बीच चलकर जाना तीथनियामरियों
                                                                                                               नि
              n  िहीं मंमिर पलाजा का मनमानिण 4,340 िगनिमीटर क्ेरि में 15,200   को अनूठी अनुभूमत प्रिान करता है। मूमतनि के िरन
                सथानीय प्थरों से मकया गया है।                                 कर मचंतन पथ पर चलते हुए ये यारिा पिनितों और




                14  न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 जनवरी 2023
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