Page 10 - NIS Hindi 01-15 July,2023
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राष्टट्र  ढ़चढ़कत््सक ढ़दवी्स ढ़वीशेर्





            आइए समझते हैं स्वास्थ्यो की सुदृढ़  व्योवस्र्ा                     ई-संजीवनी ने 12.4 करोड़
                                                                              टेलीमेहडहसन परामशदू पूरे हकए।
              ु
        आयोष्टमान भारत
        n आयुष््मान भारत : 23 करोड़ से ज्यादा आयुष््मान काड्ड बने।   महामारी से लड़ने के भलए तै्यार हुआ। पीएम मोदी के भनददेश

        n आयुष््मान भारत के तहोत 4.25 करोड़ से ज्यादा ्मरीजों का होुआ   पर कई मंत्राल्यों का अलगो-अलगो समूह बना कर इस घातक
           इलाज।                                              बीमारी से हर स्तर पर लड़ने और जीतने के भलए सिल रणनीभत
        n इन ्मरीजों के इलाज पर सरकार ने 50,277 करोड़ रुपये खचमि   बनाई गोई भजसका असर भी जल्द भदखने लगोा। एक तरि जहां
           र्कए।                                              भवकभसत देशों में क्स््थभत अभन्यभत्रत हो रही ्थी वहीं भारत में
                                                                                      ं
        n आयुष््मान भारत के तहोत 26,054 अस्पताल होुए पंजीकृत।   कोरोना  संक्भमतों  की  क्स््थभत  भन्यंत्रण  में  ्थी।  दवा  से  लेकर

                                                                                            ें
        n योजना के तहोत 1949 तरहो के प्ोसीजर और बी्माररयों का   अस्पताल में भबस्तर और ऑ्तसीजन, वभटलेटर और आईसी्यू
           इलाज होो रहोा।                                     बेड के प्या्जप्त इंतजाम भकए गोए ्थे। जरूरी संसाधनों के सा्थ-
        n अभी तक करीब 32 करोड़ आयुष््मान भारत र्डर्जटल होेल्र्   सा्थ इस बीमारी से लड़ने के भलए सबसे पहले डॉ्तटर और
           काड्ड बनाए गए।                                     दूसरे स्वास््थ््य कभम्ज्यों की िौज तै्यार की गोई। पीएम मोदी की
                                                              पहल पर ही देश भर के डॉ्तटर और स्वास््थ््य कभम्ज्यों को ट्रेभनगो
                                                                                                            ं
                                                              दी गोई भक कैसे इस संक्ामक रोगो से लड़ने के भलए तै्यार हो
                                                              सकें। पीएम मोदी की पहल और बागोडोर संभालने का असर

                                                              ्यह हुआ भक देश भर के भचभकत्सक जान की परवाह भकए भबना
                                                              भदन-रात कोभवड मरीजों की सेवा में जुट गोए। कोरोना मरीजों
                                                              की बढ़ती संख््या को देखते हुए लाखों  प्रभशभक्षत स्वास््थ््य कभम्ज्यों
                                                              की िौज तै्यार की गोई। इसका असर ्यह हुआ है भक देखते-
                                                              देखते भजला से लेकर ब्लॉक और पंचा्यत स्तर तक स्वास््थ््य
                                                              क्षेत्र में बड़ा इंफ्ास्ट्र्तचर खड़ा कर भल्या गो्या ताभक मरीजों का
                                                              इलाज हो सके।
                                                                बीते 9 वर्षषों से केंद्र सरकार स्वस््थ भारत के प्रभत प्रभतबधिता
                                                              भदखाते हुए इससे जुड़े इंफ्ास्ट्र्तचर में वृभधि के सा्थ देशवाभस्यों

                                                              तक भकिा्यती और गोुणवत्तापूण्ज स्वास््थ््य सेवाएं सुभनक्श्चत कर
                                                              रही है। भारत का हेल््थ इंफ्ास्ट्र्तचर हमारे नागोररकों के भलए
             हकतने ही लोग ऐसे हैं हजनका जीवन हकसी             गोुणवत्तापूण्ज और भकिा्यती स्वास््थ््य सेवा सुभनक्श्चत करा रहा
              संकट में पड़ा होगा या हिर कई बार ऐसा             है। आज हर भारती्य को गोव्ज होता है भक हमारे देश में दुभन्या की

             लगने लगता है हक हम हमारे अपने को िो              सबसे बड़ी स्वास््थ््य सेवा ्योजना आ्युष्मान भारत है।
                                             रे
            देंगे, लेहकन हमारे डॉ्तटर ऐसे मौक पर हकसी           आजादी के बाद 70 वर्षषों तक देश में सरकारी और भनजी
            देवदूत की तरह जीवन की हदशा बदल देते हैं।          अस्पतालों  को  भमला  कर  जहां  महज  47  हजार  वभटलेटर  ्थे
                                                                                                     ें
             हमें एक नया जीवन दे देते हैं। डॉ्तटर जीवन        वहीं कोरोना काल के दौरान पीएम के्यर िंड से 50 हजार नए
                                                               ें
              बचाते हैं और हम उनका ऋण कभी नहीं                वभटलेटर देश भर के सरकारी अस्पतालों में लगोाए गोए। इसका
                           उतार सकते।                         असर ्यह हुआ भक बड़ी संख््या में गोंभीर मरीजों की जान बचाई
                                                              गोई। कोरोना मरीजों के भलए करीब 18 लाख आइसोलेशन बेड,
                                                              ढाई लाख से ज््यादा ऑ्तसीजन बेड, करीब 70 हजार आईसी्यू
                       नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी              बेड तै्यार भकए गोए। कोरोना के दौरान ही पीएम के्यर िंड से





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