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आवीरण क्था जीए्सटी के 6 वीर् ्ज







          संघी्य ढांचे का सिसे अनुपम उदाहरण िनी िीएसटी काउंबसल

          15 र्सतंबर, 2016 को जीएसटी काउंर्सल कद्रीय र्वत्त ्मंत्ी की अध्यषिता ्में राज्यों के र्वत्त ्मंत्ी
                                       ें
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                                                ें
          या राज्य की तरफ से नार््मत ्मंत्ी, राजस्व के इंचाजमि कद्रीय राज्य ्मंत्ी के सार् केंद्र और
          राज्यों के संयुक्त ्मंच के रूप ्में गर्ठत की गई र्ी। करीब साढ़े छहो ्महोीने ्में काउंर्सल 18 बार
          र््मली और 1 जुलाई, 2017 को लांच र्कए जाने तक शुरुआत के र्लए जरूरी र्सफाररशें दीं।
           इस काउंर्सल ्में केंद्र को 1/3 ्मतार्िकार प्ाप्त होै और राज्यों को 2/3 ्मतार्िकार प्ाप्त होै।
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          र्कसी एक फैसले को पाररत करने के र्लए 3/4 ्मतों की जरूरत होोती होै।
           शुरुआत से जीएसटी काउंर्सल इस व्यवस्र्ा की सुग्मता के र्लए र्नरंतर र्सफाररशें दे रहोी
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          होै। जीएसटी काउंर्सल की 49वीं बैठक फरवरी, 2023 ्में होुई होै र्जस्में ईज ऑफ डूइंग
                                                                                                े
          र्बजनेस को ध्यान ्में रखकर कुछ र्सफाररशों के अलावा दो वस्तुओं पर जीएसटी दर क्म   एक सववेक्षण क मेुताबबक
                                                                                    90%
          करने की र्सफाररश दी गई होै।

             एमएसएमई के बलए वरदान िना िीएसटी


        ए्मएसए्मई के र्लए जीएसटी ने देशभर ्में एकीकृत बाजार और राज्यों ्में स्मान कर
        व्यवस्र्ा दी र्जससे ्मूल्य बदलाव नहोीं होोता। इसकी वजहो से व्यवसाय पर प्भाव नहोीं पड़ता।
        र्बना भौर्तक होस्तषिेप के सरलीकृत व्यापार प्र्क्याएं और ऑनलाइन कर भुगतान और 5   उद्यलमेयों ने मेाना जीएसटी से
                                                                                      ं
                                                                                                ैं
        करोड़ रुपये तक के वार्षमिक कारोबार वालों के र्लए ऑनलाइन ररफंड प्ोर्सर्संग की व्यवस्र्ा   बाधाए कमे हुई ह और व्यवसाय
        की गई। अब अर्िकांश ए्मएसए्मई ऑनलाइन दुर्नया ्में प्वेश कर रहोे होैं। जीएसटी के   करना आसान हुआ ह। ै
        कारण ए्मएसए्मई षिेत् ्में वृर्धि साफ र्दखाई देती होै।
                                                                                   ्माल और सेवाओं की लागत ्में क्मी
                                                                                 n
           एमएसएमई करदाताओं में वृबधि                                              आई होै।
                                                                                   कंपर्नयों को आपूर्तमि प्णाली
                                                                                 n
        वषमि 2017-18 ्में ए्मएसए्मई करदाताओं की संख्या 15 लाख र्ी जो 2021-22 ्में बढ़कर 58 लाख   सुव्यवश्स्र्त करने ्में ्मदद र््मली होै।
        पहोुंच गई। इसकी एक वजहो यहो भी होै र्क नई कर व्यवस्र्ा पूरी तरहो से र्डर्जटल होै र्जससे   n  कर अनुपालन और ई-चालान
        कर फाइल र्कए जाने पर एंड-टू-एंड र्नगरानी की जाती होै और कर अपरार्ियों के र्लए रास्ते   सुर्विाओं का स्वचालन होुआ होै।
        बहोुत क्म बचते होैं।





        की पररकल्पना को साकार भक्या। जीएसटी, देश की आजादी के
        बाद का सबसे महत्तवपूण्ज आभ्थक सुधार है भजसका सकारात्मक
                                ्ज
                                                                                     ै
        प्रभाव अ्थ्जव््यवस््था और उत्पादन के सभी कारकों पर पड़ा है।   जीएसटी का टक्स बेस
        जीएसटी केवल एक कर सुधार नहीं है, बक्ल्क ्यह सरदार पटेल के   दोगुना हो गया ह। वस्ओ ं
                                                                                                ु
                                                                                        ै
        सपने को साकार करते हुए ‘एक भारत-श्ष्ि भारत’ का सववोत्तम     की आवाजाही मेें तेजी आई
                                       े
        उदाहरण है। इसभलए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते भी हैं, “भजस
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                                                                            ं
        प्रकार सरदार पटेल ने 500 से अभधक रर्यासतों को भमलाकर        है। ररफड अब जल्ी आता ह।
                                                                     ै
        भारत को भवश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में स््थाभपत भक्या   टक्स मेें कमेी से उपभोक्ाओ ं
        ्था, उसी प्रकार जीएसटी ने भी देश को आभ्थक रूप से एकीकृत     को राहत लमेली ह।
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        कर भद्या है।” जीएसटी के बाद न भसि्क व््यवसाभ्य्यों एवं उद्भम्यों
        को सेल्स टै्तस, सभव्जस टै्तस, ए्तसाइज, एंट्री टै्तस, चुंगोी, परचेज




                                                                                     न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 जुलाई 2023 13
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