Page 23 - NIS Hindi 01-15 March,2023
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आवरण कथा     नारी शश्क्त




           कानूनली संिषिण हली नहीं, मनहलाओं के आत्मसम्मान के नलए
        करि सिकाि ने िो अनभर्ान चला िखा है। करि सिकाि कली
          ें
                                            ें
                                                      ें
        अनधकांश र्ोजनाओं के जरिए परिवाि कली मनहलाओं को हली करि   िरीनियाल अंत्योिय योिना राष्ट्रीय ग्रामरी्ण
        में िखकि दस्िावेज नदए जािे हैं। इिना हली नहीं, पहले जम्मू-  आिरीहवका हमशन ने ग्रामरी्ण महिलाओं को 81
        कश्मलीि में गैि कश्मलीिली से नववाह किने पि वहां कली मनहलाओं   लाख स्वयं सिायता समूिों के रूप में संगह्ठत कर

        औि उनके बच्चरों को पैिृक संपनत् के हक से वंनचि कि नदर्ा   उर्लेखनरीय सफलता िाहसल करी िै। अब िम यि
        जािा था। लेनकन अनुच्छेद 370 औि 35ए को ननिस्ि नकए जाने   सुहनक्श्चत करेंगे हक उन हवशाल उत्पािक उद्मों या
        के बाद इस षिेत्र कली मनहलाओं को उनका हक नमला है। प्रवासली   सामूहिक संस्थाओं के ग्ठन के िररए यि समस्त
        भाििलीर्रों द्ािा शादली किने औि नफि छोड़ देने जैसे मामलरों में भली
        कानून को सख्ि बनार्ा गर्ा है।                         समूि आहथणिक हवकास के अगले चर्ण में पिुंच िाएं
           भािि कली मनहलाएं आज स्विंत्र हैं, आनथयाक रूप से सशक्ि   हिनमें से प्रत्येक में ििारों सिस्य िोंगरी और उनका
        है, दृढ़ संकल्प से लैस हैं, सुिषिा का भाव है औि नसफ्क सपने   प्रबंधन प्रोफेशनल ढंग से िोगा।
        देख नहीं िहीं, बल्ल्क उसे साकाि भली कि िहली हैं िो उसकली बड़ली                     -  हनमणिला सरीतारम्ण,
        वजह प्रधानमंत्रली निरि मोदली के नेिृत्व वालली दृढ़ ननश्चर्ली सिकाि   कद्ररीय हवत्त एवं कॉरपोरेट कायणि मंत्री
                       ें
                                                                               ें
        के प्रर्ास हैं। नजसकली वजह से दशकरों से चलली आ िहली लड़कली
        र्ा मनहला को कमिि मानने कली सोच में क्ांनिकािली बदलाव
        आर्ा है।                                               न हो, बल्ल्क वास्िनवक हो, हि स्िि पि, हि षिेत्र में मनहलाओं
                                                               कली भागलीदािली औि नेिृत्व सुननल्श्चि हो। मनहला सशक्िलीकिण
        नारी शश्क्त से अिृत यात्ा…                             केवल  सामानजक  न्र्ार्  का  मुद्ा  नहीं  है,  र्ह  एक  आनथयाक

        अमृि काल में नािली शल्क्ि का अभ्र्ुदर् सुननल्श्चि हो, इसके   अननवार्यािा भली है। जब मनहलाएं सशक्ि होिली हैं िो देश आगे
        नलए सशक्िलीकिण कली इस र्ात्रा को िेज गनि से आगे बढ़ाना   बढ़िा है। नवनभन् अध्र्र्नरों से पिा चला है नक जब मनहलाओं
                         ें
        सभली का दानर्त्व है। करि सिकाि कली सोच है नक नािली शल्क्ि के   को नशषिा औि नौकिली में समान अवसि नदए जािे हैं िो उनकली
                                       े
        प्रनि सम्मान के साथ नए दृल्ष्टकोण का उद्श्र् केवल एक प्रिलीक   कार्बल में शानमल होने कली संभावना बढ़ जािली है, नजससे
                                                                   या
                                                               देश कली अथयाव्र्वस्था औि मजबूि होिली है। जब भािि नवश्व
                                                               कली पांचवली बड़ली अथयाव्र्वस्था बनकि पांच नट्रनलर्न िॉलि कली
                                                               अथयाव्र्वस्था बनने कली ओि अग्सि है, िब इस नविाट लक्षर् को
           अंतरराष्ट्ी्य ्मुद्रा कोर्ष की ररपो्ट्ड के          प्राप्ि किने के नलए मनहलाओं कली औि अनधक सनक्र् भूनमका
           ्मुतानबक पुरुर्षों के स्माि ्मनहलाओं                सहार्क नसधि होगली। वास्िव में अगि मनहलाएं औि अनधक

            की का्य्भबल ्म नहस्सदारी से र्ारत                  नशनषिि-सषिम हरोंगली िो नवश्व समुदार् औि अनधक प्रगनिशलील
                             ें
                                    े
              की जीिीपी ्म 27 प्रनतशत की                       िथा नवकनसि हो जाएगा, अनेक नवसंगनिर्रों से मुक्ि हो जाएगा।
                               ें
               बढ़ोतरी हो सकती है। ्यनद 50                      बनगा आत्मखनभदूर, होंग पर हर सपन जब सा्थ
                                                                  ये
                                                                                            ये
                                                                                     ये
                                                                                  ये
                                                                                    ्द
                                                                   ये
            प्रनतशत कुशल ्मनहलाएं का्य्भबल                     चलगी आधी आबादी।
                                                                                                   ु
                                                                   ये
                                                                                ्द
                                 ैं
               ें
             ्म शान्मल होती ह तो निकास दर                      आध आसमान की परी उड़ान में ही खिपी िखश्यों की
                                                               हर चाभी।
           1.5 प्रनतशत बढ़कर 9 प्रनतशत प्रनत                    त बस आग बढ़के ठान ल तो कदमों पर तर है
                                                                                    ये
                                                                                                 ये
                                                                                                  ये
                                                                         ये
                                                                ्द
                      िर्ष्भ हो सकती है।                       काम्याबी।
                                                                                                    ये
                                                               स्वतंत्रता, संस्कखत, सम्मान, शक््तत सब तुझस ही है।
                                                                            कृ
                                                                                    ्द
                                                               वो आत्मखवश्वासी नारी त नारा्यर्ी।।  n
                                                                                     न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 माच्च 2023 21
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