Page 26 - NIS Hindi 01-15 March,2023
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राष्टट्र  पद्म सम्िान िें नारी शश्क्त



                                         सुमि कल्याणपुर


                                         आज भी लोगों के नदलों में हैं सुमि कल्याणपुर

                                         सु   मन कल्र्ाणपुि लगभग 30 वषषों से गानर्कली से दूि हैं लेनकन आज भली इनकली आवाज

                                              लोगरों के नदलरों के किलीब है। शार्द र्हली वजह िहली नक इिने वषषों बाद 85 वषया कली
                                         उम्र में सुमन कल्र्ाणपुि को पद्म भूषण सम्मान देने का ननणयार् नलर्ा गर्ा। चाि दशकरों से भली
                                         ज्र्ादा समर् िक संगलीि प्रेनमर्रों को अपनली आवाज से िोमांनचि नकर्ा औि आज भली इनके
                                         गाने सुन कि नदल को सुकून नमलिा है। इन्हरोंने 750 से अनधक गलीि गाए हैं नजसमें एलबम
                                         के अलावा नहन्दली, मिा्ठली, बांग्ला, असमली सनहि कुल 11 भाषाओं में अपनली आवाज दली। 10

                                         से ज्र्ादा संगलीिकािरों के साथ इन्हरोंने काम नकर्ा नजसमें शंकि जर्नकशन, एसिली बमयान औि
                                         लक्षमलीकांि प्र्ािेलाल शानमल हैं। मोहम्मद िफली के साथ जुगलबंदली में 140 से अनधक गलीि
                                         गाए। इन्हें महािाष्ट्र सिकाि कली आेि से लिा मंगेशकि अवाि्ड के साथ-साथ लाइफ टाइम
                                         अचलीवमेंट अवाि्ड औि नमचथी म्र्ूनजक अवाि्ड से भली सम्माननि नकर्ा गर्ा।



                                                         वा्णरी ियराम

         भजि से लेकर परंपरागत, पॉप और गजल को दी अावाज
         गु  ड् िली नफल्म कली वह मशहूि प्राथयाना ‘हम को मन कली शल्क्ि देना’ भािि के कई


             स्कूलरों में आज भली प्राथयाना के िौि पि गार्ली जािली है, इसे अपनली आवाज देने वालली
        िनमलनािु कली मशहूि गानर्का वाणली जर्िाम को भली पद्म भूषण देने का ननणयार् नलर्ा
        गर्ा। 50 वषषों से ज्र्ादा समर् से अपने गलीिरों से संगलीि प्रेनमर्रों का मन मोहने वालली इस
        गानर्का ने 20 हजाि से ज्र्ादा नफल्मली गाने औि भजन गाए हैं। उन्हरोंने 15 से अनधक
        भाषाओं में गलीि गाए नजसमें नहन्दली, िनमल, मलर्ालम, मिा्ठली, औि गुजिािली शानमल
        है। पॉप म्र्ूनजक, गजल, भजन, पिंपिागि भाििलीर् शास्त्रलीर् संगलीि औि लोक गलीिरों को
        अपनली आवाज दली। आ्ठ वषया कली उम्र से उन्हरोंने ऑल इंनिर्ा िनिर्ो पि अपनली प्रस्िुनि
                                                      े
        देनली शुरू कि दली थली। सबसे कम उम्र में संगलीि पली्ठ सम्मान पाने वालली गानर्का बनीं। वषया

        1976, 1980 औि 1992 में िाष्ट्रलीर् सम्मान से भली सम्माननि नकर्ा गर्ा।


                                         डॉ. सुकामा आचायणि


                                         नशषिा के साथ-साथ संस्कार और अध्यात्म जरूरी
                                         ह   रिर्ाणा के िोहिक म नवश्ववािा कन्र्ा गुरुकुल रुड़कली कली आचार् िॉ. सुकामा आचार्  या
                                                            ें
                                                                                            या
                                             को भली पद्म श्ली नदए जाने कली घोषणा हुई है। िॉ.सुकामा ने मनहला सशक्िलीकिण एव
                                                                                                        ं
                                        नशषिा म अपना अहम र्ोगदान नदर्ा। 34 वषषों से ज्र्ादा समर् से वनदक संस्कृनि के नलए काम
                                                                                         ै
                                              ें
                                                                                    ें
                                                         ें
                                        कि िहली ह। गुरुकुल म कन्र्ाओं को संस्कािवान नशषिा देने म जुटली ह। उनका मानना है नक
                                                                                          ैं
                                                ैं
                                        वियामान समर् म केवल नशषिा से काम नहीं चलेगा। नशषिा के साथ-साथ संस्काि व अध्र्ात्म
                                                    ें
                                               ु
                                        होना बहि जरूिली है। इस गुरुकुल म भािि के 10 से ज्र्ादा िाज्र्रों के 800 से ज्र्ादा लड़नकर्रों
                                                                  ें
                                        को नशषिा दली जा िहली है। र्हां 45 से अनधक मनहला नशषिक ह। इन्ह संस्कृनि सेवा सम्मान स  े
                                                                                    ैं
                                                                                        ें
                                        भली सम्माननि नकर्ा जा चुका है।
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