Page 19 - NIS - Hindi 01-15 September,2023
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आिरण िथा : 77 िां स्ि्तंत्र्ता कदिस समेारोह



                                                             अब ग्णिंत्र की 75वीं



                                                                       थ्य
                                                                वर्गांठ का अवसि






                                                           आजादी ि अमृत महोत्सवी में संिल्ल्पत भारत
                                                                      े
                                                                      े
                                                       स्धणतिम वीषमा ि ववीराट लक्ष्ों िी ओर अग्रसर है।
                                                         यह भी संयोग है कि अमृत िाल िी ओर बढ़ते

                                                                  े
                                                          भारत ि पहले वीषमा में ही हमार गणतंत् िी 75वीीं
                                                                                          े
                                                     वीषमागांठ होगी, जो राष्ट् धनमामाण में जुट रहने ि जलए
                                                                                                      े
                                                                                              े
                                                                    नई प्रणा-चेतना िा बनेगा अवीसर...
                                                                          े








            मैं हीजाि साल पहील की बाि इसललए
                                 े
                                                               अध््यात्म जरी्वन के रूकच तु्क्य प्रणेता श्ररी अरक्वंदो करी 150्वीं ज्यंतरी
                                              े
                                                   े
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                 कही िहीा हू, कफि एक बाि दश क                  पूण्य हो रहरी है। ्ये ्वर्ष्य स््वामरी द्यानंद सरस््वतरी के 150्वीं ज्यंतरी
                                          ै
              सामने एक मौका आया ही, हीम ऐसे                    का ्वर्ष्य है। ्ये ्वर्ष्य रानरी दुगा्य्वतरी के 500्वीं जन्मशतरी का बहुत हरी
                                                               पक्वत् अ्वसर है जो पूरा देश बड़़े धूमधाम से मनाने ्वाला है।
                  कालखंड में जी िही ही, यही अमृि
                                     े
                                       ैं
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                काल का पहीला वर् ही। आने वाल       े         n  ्ये ्वर्ष्य मरीराबाई भक््तत ्योग करी कसरमौर मरीराबाई के 525 ्वर्ष्य के
                                                               पा्वन प्व्य का भरी है। इस बार जब हम 26 जन्वररी मनाएंगे ्वो
             एक हीजाि साल का दश का स्वर््णणिम
                                    े
                                                               हमारे गणतंत् कद्वस करी 75्वीं ्वर्ष्यगांठ होगरी।
                                तु
                                                  ै
            इतिहीास उससे अंकरिि हीोने वाला ही।
                                                             n  अनेक प्रकार से अनेक अ्वसर, अनेक संभा्वनाएं राष्टट्र कनमा्यण
              इस कालखंड में हीोने वाली घटनाए                   में जुट रहने के कलए पल-पल नई प्रेरणा, पल-पल नई चेतना,
                                                   ं
                                                                    ़े
                आगामी एक हीजाि साल क ललए                       पल-पल सपने, पल-पल संक्कप, शा्यद इससे बड़ा कोई अ्वसर
                                             े
                                                  ैं
                इसका प्रभाव पैदा किने वाली ही।                 नहीं हो सकता।
                                                                                   ु
                                                             n  देश करी नाररी शक््तत, देश करी ्य्वा शक््तत, देश के ककसान, देश के
          पूज््य बापू के नेतृत््व में असह्योग आंदोलन, सत््याग्ह आंदोलन   गां्व के लोग, मजदूर, कोई कहंदुस्तानरी ऐसा नहीं र्ा, जो आजादरी के
        n
          और भगत कसंह, सुखदे्व, राजगुरू जैसे अनकगनत ्वरीरों का   सपने को लेकर जरीता न हो। आजादरी को पाने के कलए मर-कमटने
          बकलदान, उस परीढ़री में शा्यद हरी कोई व््यक््तत होगा कजसने देश करी   के कलए तै्यार होने ्वालों करी एक बड़री र्ौज तै्यार हो गई र्री।
          आजादरी में अपना ्योगदान न कद्या हो।                n  जनचेतना का ्वो व््यापक रूप, त््याग और तपस््या का ्वो व््यापक
                                                               रूप जन-जन के अंदर एक नए क्वश््वास जगाने ्वाला ्वो पल,
        n  देश करी आजादरी करी जंग में कजन-कजन ने ्योगदान कद्या है,
          बकलदान कदए हैं, उन सबको आदरपू्व्यक नमन करता हूं, उनका   आकखरकार 1947 में देश आजाद हुआ, हजार साल करी गुलामरी में
          अकभनंदन करता हूं। 15 अगस्त को महान क्ांकतकाररी और    संजो्ये हुए सपने देश्वाकस्यों ने पूरे करते हुए देखे।



                                                                                    न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 डसतंबर 2023  17
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