Page 37 - NIS - Hindi 01-15 September,2023
P. 37
आिरण िथा : 77 िां स्ि्तंत्र्ता कदिस समेारोह
भ्रष्ाचाि, परिवािवाद औि
ितुष्ष्कि्ण की चनौिी
तु
अमृत काल: मां भारती के सलए
कुछ कर गोुजरिे का एक कत्षव्य काल
मेरे प््यारे परर्वारजनों, हम सभरी का कत्यव््य, हर नागररक का कत्यव््य
n
़े
है और ्ये अमृत काल कत्यव््यकाल है। हम कत्यव््य से परीछ नहीं हो
सकते हैं, हमें ्वो भारत बनाना है, जो पूज््य बापू के सपनों का र्ा, हमें
्वो भारत बनाना है जो हमारे स््वतंत्ता सेनाकन्यों का सपना र्ा, हमें
्वो भारत बनाना है जो हमारे ्वरीर-शहरीदों का र्ा, हमाररी ्वरीरांगनाओं
का र्ा, कजन्होंने मातृभूकम के कलए अपना जरी्वन दे कद्या र्ा।
n मुझे क्वश््वास है हमारे पू्व्यजों ने आजादरी के कलए जो जंग लड़री
र्री, जो सपने देखे र्े, ्वो सपने हमारे सार् हैं। आजादरी के जंग में
3. तुक्ष््टकर्ण िे मुक्क्त कजन्होंने बकलदान कद्या र्ा, उनके आशरी्वा्यद हमारे सार् हैं और 140
करोड़ देश्वाकस्यों के कलए एक बहुत बड़ा संबल लेकर आ्या है।
स्व्यजन कहता्य स्व्यजन सुखा्य, हर ककसरी को हक कमले, इसकलए
n
n आज जब मैं अमृत काल में आपके सार् बात कर रहा हूं, ्ये अमृत
और सामाकजक न््या्य के कलए भरी ्ये बहुत जरूररी है। तुक्ष्टटकरण ने काल का पहला ्वर्ष्य है। मैं आपको पूरे क्वश््वास से कहना चाहता
सामाकजक न््या्य का सबसे बड़ा नुकसान कक्या है। अगर सामाकजक हूं- चलता चलाता कालचक्, अमृत काल का भालचक्, सबके सपने,
न््या्य को तबाह ककसरी ने कक्या है तो ्ये तुक्ष्टटकरण करी सोच, अपने सपने, पनपे सपने सारे, धरीर चले, ्वरीर चले, चले ्य्वा हमारे,
ु
तुक्ष्टटकरण करी राजनरीकत, तुक्ष्टटकरण का सरकाररी ्योजनाओं का नरीकत सहरी ररीतरी नई, गकत सहरी राह नई, चुनो चुनौतरी सरीना तान, जग
तररीका, इसने सामाकजक न््या्य को मौत के घाट उतार कद्या है। और में बढ़ाओ देश का नाम।
़े
इसकलए तुक्ष्टटकरण, भ्रष्टटाचार, ्ये क्वकास के सबसे बड़ दुश्मन हैं।
n 140 करोड़ देश्वाकस्यों के संक्कप को कसकद्ध में भरी परर्वकत्यत करना
n मेरे प््यारे देश्वाकस्यों, हमारे गररीब हों, हमारे दकलत हों, हमारे कपछड़ ़े है और 2047 का जब कतरंगा झंडा र्हरेगा, तब क्वश््व एक क्वककसत
हों, हमारे पसमांदा हों, हमारे आकद्वासरी भाई-बहन हों, हमाररी भारत का गुणगान करता होगा। इसरी क्वश््वास के सार्, इसरी संक्कप
माताएं-बहनें हों, हमें उनके हकों के कलए इन तरीन बुराइ्यों से के सार् मैं आप सबको अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। ज्य
मुक््तत पानरी है। कहंद। भारत माता करी ज्य। ्वंदे मातरम, ्वंदे मातरम, ्वंदे मातरम! n
तु
तु
ै
ये अमृि काल हीम सबको मां भाििी क ललए कछ कि गजिने का काल ही। इस
े
ं
कालखंड में जो हीम कदम उठाएगे, लजिना त्ाग औि िपस्ा किेंगे। सवथ्यजन
े
रहीिाय, सवथ्यजन सखाय, एक क बाद एक फसल लगे, आने वाल एक हीजाि
ें
तु
े
े
ै
ै
े
तु
साल का दश का स्वर््णणिम इतिहीास उससे अंकरिि हीोने वाला ही। इस कालखंड की
ैं
घटनाए आगामी एक हीजाि साल क ललए इसका प्रभाव पैदा किने वाली ही।
ं
े
न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 डसतंबर 2023 35