Page 34 - NIS - Hindi 01-15 September,2023
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आिरण िथा :  77 िां स्ि्तंत्र्ता कदिस समेारोह




               कवकवििा भिे दश में
                                              े

                एकिा का सामर्थथ्य






        ववीववीधता में एिता, भारत िी ववीशेषता है। ववीववीधता

        िा हम गौरवी िरते हैं। ववीववीधता में एिता जसफ एि
                                                          मा
        नारा भर नहीं बल्कि हमारी अपार-शद्ति िा भंडार है।

        भारत िी ववीववीधता एि ऐसी शद्ति है जो दुधनया में
                                                           े
        किसी और जगह नहीं धमलती। ववीववीधता से भर भारत
                        े
        में हमें एिता ि सामर्थ से बढ़ना है आगे…
                                  मा




                                                                     कपछल एक साल से हहंदुस्ान
                                                                             े
                                                                     क हर कोने में जिस प्रकार से
                                                                       े
                                                                     िी-20 क अनेक काि्णक्रम
                                                                                े
                                                                           ैं
                                                                                                     े
                                                                                     े
                                                                                          े
          आने ्वाले 25 साल हम एक हरी मंत् को लेकर चलें, ्ये हमारे राष्टट्ररी्य   हुए ह, उसने दश क लोगों क
        n
           चररत् का कसरमौर होना चाकहए। एकता का संदेश, भारत करी एकता   सामर्थ और कवकवधता से कवश्व
                                                                              ्ण
           को जरीना, भारत करी एकता को आंच आए, न ऐसरी मेररी भार्षा होगरी,   को पहरयचत करािा ह।
                                                                                              ै
           न ऐसा मेरा कोई कदम होगा। हर पल देश को जोड़ने का प्र्यास
           मेररी तरर् से भरी होता रहेगा। भारत करी एकता हमें सामर््य्य देतरी है।
        n  क्वक्वधता भरे देश में एकता का सामर््य्य होता है। अगर 2047 में हमें
           हमारे देश को क्वककस त भारत के रूप में देखना है तो हमें श्रेष्टठ   भािि एक मदि ऑफ डमोक्रसी
                                                                                             े
                                                                                                  े
           भारत के मंत् को जरीना होगा, हमें चररत्ार् करना होगा।
                                       ्य
                                                                    ै
                                                                   ही, भािि मॉडल ऑफ डायवलसणिटी
        n  भारत का कोई भू-भाग, समाज का कोई तबका अगर दुब्यल रहे     भी ही। भार्ाए अनेक ही, बोललयां
                                                                                           ैं
                                                                        ै
                                                                                 ं
           तो मेररी भारत माता समर् है, स््वस्र् है ऐसा सोचकर हम नहीं
                           ्य
                                                                            ैं
                                                                                                 ैं
           बैठ सकते। इसकलए क्षेत्री्य आकांक्षाओं को हमें एरि़ेस करने करी   अनेक ही, परििान अनेक ही,
                                                                              ं
                                                                                       ै
           आ्वश््यकता है और इसकलए समाज का स्वािंगरीण क्वकास हो,    कवकवििाए बहुि ही। हीमें उन सभी
           स्व्यपक्षरी्य क्वकास हो, भू-भाग के हर क्षेत् को उसकरी अपनरी ताकत   क आिाि पि आगे बढ़ना ही। जब
                                                                    े
                                                                                                 ै
           को कखलने का अ्वसर कमले, उस कदशा में आगे बढ़ना चाहते हैं।
                                                                                          तु
                                                                   अफगालनस्तान से गरुग्थ साहीब
                                                                                               ं
          जब मैं एकता करी बात करता हूं तब अगर घटना मकणपुर में होतरी है
        n                                                          क स्वरूप को लािे ही िो पूिा दश
                                                                                                    े
                                                                    े
                                                                                         ैं
           तो परीड़ा महाराष्टट्र में होतरी है। अगर बाढ़ असम में आतरी है तो बेचैन
                                                                                                 ै
                                                                                  तु
           केरल हो जाता है। कहंदुस्तान के ककसरी भरी कहस्से में कुछ भरी हो, हम   गौिव की अनभूति कििा ही।
           एक अंगदान के भा्व करी अनुभूकत करते हैं।
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