Page 35 - NIS - Hindi 01-15 September,2023
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आिरण िथा : 77 िां स्ि्तंत्र्ता कदिस समेारोह



                                                                   अमृि यात्रा से एक

                                                               हीजाि साल का स्वर््णणिम


                                                                इतिहीास हीोगा अंकरिि
                                                                                                तु


                                                     भारतीय ततरगे िी बढ़ती ताित से अगले 25 वीषथों में
                                                                  ं
                                                     ततरगे िो ववीिजसत भारत िा ततरगा बनाने ि लक्ष्
                                                                                                      े
                                                                                         ं
                                                         ं
                                                      िी ओर अग्रसर राष्ट् सामूरहि दाधयत्व से लैस है।
                                                        अब पूज्य बापू ि सपनों िा भारत बनाने िो ि ृ त
                                                                          े
                                                                                े
                                                        संिल्ल्पत 140 िरोड़ दशवीासी एि पररवीार ि रूप
                                                                                                        े
                                                      में आगे बढ़ रहे हैं, ताकि जब लाल किले िी प्ाचीर
                                                          से 2047 िा ततरगा झंडा फहरगा, तब ववीश्व एि
                                                                                          े
                                                                            ं
                                                                ववीिजसत भारत िा गुणगान िरता कदखे…

                                                                   2047: सवकसित भारत का हो सतरंगोा

                                                                                              े
                                                                                     े
                                                               मैंने 2014 में कहा र्ा जरीरो कडर््तट, जरीरो इर््तट। दुकन्या के ककसरी
                                                             n
                                                               भरी टबल पर मेक इन इंकड्या चरीज हो तो दुकन्या को क्वश््वास होना
                                                                   ़े
                                                               चाकहए, इससे बेहतर दुकन्या में कुछ नहीं हो सकता है।
          25 िाल का मंत्र: राष्ट्ीय चररत्र का सिरमौर         n  देश में आगे बढ़ने के कलए एक अकतरर्तत शक््तत का सामर््य्य भारत
                                                               को आगे ले जाने ्वाला है,  ्वो है नाररी के नेतृत््व में क्वकास। आज
        n  जब 2047, हम एक क्वककसत भारत का सपना ले कर चल रहे हैं   भारत ग्व्य से कह सकता है कक दुकन्या में नागररक उड्ड्यन में अगर
           तब, ्वो सपना नहीं, 140 करोड़ देश्वाकस्यों का संक्कप है। उस   ककसरी एक देश में सबसे ज््यादा मकहला पा्यलट हैं तो मेरे देश में हैं।
           संक्कप को कसद्ध करने के कलए पररश्रम करी पराकाष्टठा भरी है और
                                                             n  सपने अनेक हैं, संक्कप सार् है, नरीकत्यां स्पष्टट हैं। नरी्यत के सामने
           उसकरी सबसे बड़री ताकत होतरी है, ्वो राष्टट्ररी्य चररत् होता है।  कोई स्वाकल्या कनशान नहीं है। आजादरी के अमृत काल में, 2047 में
          हमारा राष्टट्ररी्य चररत् ओजस््वरी हो, तेजस््वरी हो, पुरुर्षार्थी हो,
        n                                                      जब देश आजादरी के 100 साल मनाएगा, उस सम्य दुकन्या में भारत
           पराक्मरी हो, प्रखर हो; ्ये हम सबका सामूकहक दाक्यत््व है। आने   का कतरंगा-झंडा क्वककसत भारत का कतरंगा-झंडा होना चाकहए, रत्तरी
           ्वाले 25 साल हम एक हरी मंत् को लेकर चलें, ्ये हमारे राष्टट्ररी्य   भर भरी हमें रुकना नहीं है, परीछ हटना नहीं है। इसके कलए शुकचता,
                                                                                     ़े
           चररत् का कसरमौर होना चाकहए।                         पारदकश्यता और कनष्टपक्षता ्ये पहलरी मजबूतरी करी जरूरत है।

          एकता का संदेश, भारत करी एकता को जरीना, भारत करी एकता को
        n                                                    n  हम उस मजबूतरी को कजतना ज््यादा खाद पानरी दे सकते हैं, संस्र्ाओं
           आंच आए, न ऐसरी मेररी भार्षा होगरी, न ऐसा मेरा कोई कदम होगा।   के माध््यम से दे सकते हैं, नागररक के नाते दे सकते हैं, परर्वार के
           हर पल देश को जोड़ने का प्र्यास मेररी तरर् से भरी होता रहेगा।   नाते दे सकते हैं ्यह हमारा सामूकहक दाक्यत््व होना चाकहए।
           भारत करी एकता हमें सामर््य्य देतरी है।            n  कपछले 75 साल का इकतहास देकखए, भारत के सामर््य्य में कोई कमरी
        n  उत्तर हो, दकक्षण हो, पू्व्य हो, पक्श्चम हो, गां्व हो, शहर हो, पुरुर्ष हो,   नहीं र्री और ्यह जो देश कभरी सोने करी कचकड़्या कहा जाता र्ा ्वो
           नाररी हो; हम सबने एकता के भा्व के सार् और क्वक्वधता भरे देश में   देश ्त्यों न कर्र से उस सामर््य्य को ले कर खड़ा हो सकता है।
           एकता का सामर््य्य होता है और दूसररी महत््व करी बात मैं देख रहा हूं,   n  मेरा अटूट क्वश््वास है साकर््यों, मेरे कप्र्य परर्वारजनों, मेरा अखंड,
           अगर 2047 में हमें हमारे देश को क्वककस त भारत के रूप में देखना है   अटूट, एककनष्टठ क्वश््वास है कक 2047 में जब देश आजादरी के 100
                                              ्य
           तो हमें श्रेष्टठ भारत के मंत् को जरीना होगा, हमें चररत्ार् करना होगा।  साल मनाएगा मेरा देश क्वककसत भारत बनकर रहेगा।



                                                                                    न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 डसतंबर 2023  33
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