Page 8 - NIS Hindi 16-31 January, 2025
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राष्ट्र गणतंत्र दि�वींसं


                                                               भाारतीीय




                                                               गणतींत्र







































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               बााबाा सााहबा अबा�कीर कीी प्रगहितशुील और सामावाशुी साोचा कीे सााथ साहिवा�ान कीो अगीकीार कीर
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                                                                                            ं
                                                                                ं
             भीारत ने 26 जीनवारी, 1950 कीो साबाह 10 बाजीकीर 18 हिमनट पर गणतत्री राष्ट्र बानकीर इहितहासा रचाा।
                                                                              ं
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              गणतत्री कीे रूप मं हिवाश्वा कीे साबासाे महान और हिवाशुाल लोकीतत्री कीी 75 वार्ष कीी युह युादेगार युात्रीा
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                 हमारे साहिवा�ान हिनमायताओं कीे युोगदेान कीो युादे कीरने कीे सााथ एकी उत्सावा मनाने कीा पल है,
                           हम साबाकीो एकी सात्री मं बाां�ने वााली भीारतीयुता कीे गौरवा कीा उत्सावा...
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         हो    र्माारी  संंविवधाान  विनर्मााषता  बाहोद  संजगू  र्थे।  वहो  यहो  नहों
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               र्माानते र्थे विको भीारीत कोा जन्र्मा 1947 र्मां होुआ होै, वहो यहो
                                                               डंा�. राजंद्र प्रसौाद ने कहाा था विक कई चाीजं सौंवि�धाान
               नहों र्माानते र्थे विको भीारीत र्मां लाोकोतंत्र 1950 संे आ रीहोा होै।
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        वे भीारीत कोी र्माहोान पूरीपूरीा, र्माहोान संंस्कोवित, र्माहोान विवरीासंत औरी   मेंं नहां विलखी जा सौकतं, उनका सौंचाालन परंपराओं
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        इसंकोे संार्थ होजारीं संाला कोी अनवरीत यात्रा कोो लाकोरी संजगू र्थे।   के आधाार पर विकयाा जाता हाै। लगभग तीन-चाौथाई
        इसंीविलाए भीारीत कोा गूणतांवित्रको अतीत बाहोुत होी संर्माृद्ध रीहोा होै। संार्थ   सौदी सौ�ैधााविनक याात्राा के दौरान भारत ने उन सौाथ�क
                                                                     ं
        होी, पूूरीी दविनया कोे संार्माने उदाहोरीण पूर्श कोरीने कोे संार्थ इसंे ‘र्मादरी   परंपराओं को वि�कविसौत करने मेंं उल्लेखनीया सौ�लता
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        ऑ� �र्माो�संी’ कोे रूपू र्मां जाना जाता होै। भीारीत विसं�फ विवर्शाला   हााविसौल की हाै। हामेंने जो अनुभ� हााविसौल विकए हां, आने
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        लाोकोतंत्र होी नहों, लाोकोतंत्र कोी जननी हों । इसंीविलाए 26 जनवरीी   �ाली पीविढ़ायाों को उनसौे अ�गत करायाा जाना चााविहाए।
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        1950 कोी ऐवितहोाविसंको तारीीख औरी भीारीत कोे भीविवष्य संे संंबाविधात
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        यगूान्तरीकोारीी पूरिरीवतषन कोे गूवाहो लाम्होे आज भीी लाोगूं कोे जहोन   -द्रौपदी मेंुमेंु�, राष्ट्रीपवित
         6  न्यूू इंंडि�यूा समााचाार   16-31 जनवरी, 2025
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