Page 12 - NIS Hindi 16-31 January, 2025
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     राष्ट्र अटलजी कीी 100वींं जयाती




                                                        ष
                            रीाष्ट्र निनमााण के ‘अंटील’


                            आदशुष की शुताब्दी




                                 नरंद्र मोदुी, प्रधाानमंत्रीी





























                                                             मेंं जी भर विजयाा, मेंं मेंन सौे मेंरूं...लौटीकर आऊंंगा, कचा सौे �यां डंरूं...
                                                                                                  ू
                                                             अटीलाजी कोे ये र्शब्द विकोतने संाहोसंी हों...विकोतने गूूढ़ हों। अटीलाजी, कोूच संे
                                                                         ै
                                                             नहों �रीे... उन जसंे व्यक्टि�तत्व कोो विकोसंी संे �री लागूता भीी नहों र्था। वो
                                                                                       े
                                                                               ं
                                                             यहो भीी कोहोते र्थे... जीवन बाजारीं कोा �रीा आज यहोां, कोला कोहोां कोूच होै...
                                                             कोौन जानता विकोधारी संवरीा... आज अगूरी वो होर्माारीे बाीच होोते, तो वो अपूने
                                                                             े
                                                             जन्र्माविदन पूरी नया संवरीा देख रीहोे होोते। र्मां वो विदन नहों भीलाता जबा उन्होंने
                                                                            े
                                                                                                  ू
                                                             र्माुझेे पूासं बाुलााकोरी अकोवारी र्मां भीरी विलाया र्था... औरी जोरी संे पूीठ र्मां धाौला
                                                                           ं
                                                             जर्माा दी र्थी। वो स्नेेहो... वो अपूनत्व... वो प्रर्मा... र्मारीे जीवन कोा बाहोुत बाड़ा
                                                                                          े
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                  अटल हिबाहारी वााजीपयुी होते                संौभीाग्य रीहोा होै।
                  तो इसा वार्ष साौ बारसा कीे होते।             25 विदसंंबारी कोा यहो विदन भीारीतीय रीाजनीवित औरी भीारीतीय जनर्माानसं कोे
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                भीारतीयु राजीनीहित मं आदेशुय और              विलाए एको तरीहो संे संर्शासंन कोा अटीला विदवसं होै। आज पूूरीा दर्श अपूने भीारीत
                                                                                                    े
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                                                                                ष
                                                                                   ू
                 प्रशुासान मं साशुासान कीा अटल               रीत्न अटीला कोो, उसं आदर्श विवभीवित कोे रूपू र्मां याद कोरी रीहोा होै, विजन्होंने
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                 हिसा�ांत स्थाहिपत कीरने कीा श्रोयु          अपूनी संौम्यता, संहोजता औरी संहृदयता संे कोरीोड़ं भीारीतीयं कोे र्मान र्मां
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                                                                          े
                 उ�हं ही हिदेयुा जीाता है। भीारत कीे         जगूहो बानाई। पूूरीा दर्श उनकोे योगूदान कोे प्रवित कोृतज्ञ होै। उनकोी रीाजनीवित
                                                                    ृ
                                                                      ष
                राष्ट्रपुरुर्ष कीे रूप मं अटलजीी कीी         कोे प्रवित कोतार्थ होै।
                                                               21वं संदी कोो भीारीत कोी संदी बानाने कोे विलाए उनकोी एन�ीए संरीकोारी
                 जीयुती पर प्र�ानमंत्रीी नरंद्र मोदेी        ने जो कोदर्मा उठाए, उसंने दर्श कोो एको नई विदर्शा, नई गूवित दी। 1998 कोे
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                                                                                े
                  ने भीी उ�हं अपनी लेखनी कीी                 विजसं कोाला र्मां उन्होंने पूीएर्मा पूद संंभीालाा, उसं दौरी र्मां पूूरीा दर्श रीाजनीवितको
                                                                                                    े
                      जीरिरए युादे हिकीयुा�...               अक्टिस्र्थरीता संे विघरीा होुआ र्था। 9 संाला र्मां दर्श ने चारी बाारी लाोकोसंभीा कोे चनाव
                                                                                                          ु
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         10  न्यूू इंंडि�यूा समााचाार   16-31 जनवरी, 2025
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