Page 11 - NIS Hindi 16-31 January, 2025
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राष्ट्र गणतंत्र दि�वींसं
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कीतयव्युपथ पर हिदेखगी ‘स्वाहिणयम भीारत-
सागोल : कीतयव्यु हिवारासात और हिवाकीासा’ कीी झालकी
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पथ कीा प्रतीकी
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सार्गोल केे सााि र्गणतंत्र केी र्गणतंत्र तिदेवसा पोरडॉ-2025 केे तिलए केतषव्या पोि पोर अपोनी झेांतिकेयाां प्रदेतिशषत
पोतिवत्रता केा पोुन: अहुसाासा केरने केे तिलए तिजोन 15 राज्यां/केंद्र शातिसात प्रदेेशं केा चयान तिकेयाा र्गयाा हुै,
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सार्गोल सात्ता हु�तांतरण केे सााि उनमेंं आंध्र प्रदेेश, तिबहुार, चडॉीर्गढ़े, देादेर नर्गर हुवली और देमेंन व देीव,
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प्रत्याके व्यास्थिक्त केो याहु �मेंरण र्गोवा, र्गजोरात, हुरिरयााणा, झेारखोडॉ, केनाषर्टके, मेंध्या प्रदेेश, पोजोाब, तित्रपोरा,
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केराता हुै तिके देेश केे के�यााण उत्तराखोडॉ, उत्तर प्रदेेश और पोस्थि�चमें बर्गाल शातिमेंल हुं। इसाकेे अलावा, केंद्र
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केी तिजोम्मेंदेारी उसा पोर हुै। इसा सारकेार केे 11 मेंत्रालयां/तिवभाार्गं केो भाी र्गणतंत्र तिदेवसा पोरडॉ-2025 केे तिलए
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सार्गोल केो एके तरहु साे भाला चना र्गयाा हुै। र्गणतंत्र तिदेवसा पोरडॉ 2025 मेंं झेांकेी केी िीमें ‘�वतिणषमें भाारत -
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तिदेयाा र्गयाा िा लतिकेन प्र�ानमेंत्री तिवरासात और तिवकेासा’ तया केी र्गई हुै |
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मेंोदेी ने नए सासादे भावन केे
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लोकेसाभाा केक्ष मेंं इसाे �िातिपोत
केरा नई शुरुआत केी हुै,
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तातिके जोब भाी इसा सासादे भावन
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मेंं केायाषवाहुी हुो, सार्गोल हुमें
साभाी केो प्रेरणा देे। मेंहुान चोल
सााम्रााज्या मेंं सार्गोल केो केतषव्या
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पोि केा, सावा पोि केा, रा�ट्रपोि
केा प्रतीके मेंाना जोाता िा। साी.
राजोर्गोपोालाचारी और आदेीनम्
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केे सातं केे मेंार्गषदेशषन मेंं याहुी
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सार्गोल सात्ता केे हु�तांतरण केा
प्रतीके बना िा।
विदन भीारीतवाविसंयं ने पूूरीी आजादी होाविसंला कोरीने कोा संंकोल्पू विलाया संदैव प्रासंंविगूको रीहोगूा। उनकोी इच्छा कोे अनसंारी गूणतंत्र विदवसं कोा
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र्था। संन 1930 संे 1947 तको, होरी संाला 26 जनवरीी कोो ‘पूूणष उत्संव र्मानाने कोे विदन औरी उसंकोे बााद भीी, होर्मा संबा कोी संोच औरी
स्वरीाज विदवसं’ कोे रूपू र्मां र्मानाया जाता र्था, अतः यहो तय विकोया कोायं र्मां रीचनात्र्माकोता होोनी चाविहोए।
गूया विको उसंी विदन संे संंविवधाान कोो पूूणषत: प्रभीावी बानाया जाए। संन आज जबा भीारीत पूरिरीवतषन कोे इतने बाड़े दौरी संे गूुजरी रीहोा होै, दर्श
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1930 र्मां र्माहोात्र्माा गूांधाी ने दर्शवाविसंयं कोो ‘पूूणष स्वरीाज विदवसं’ कोे भीविवष्य कोा र्माागूष अबा बाड़े संपूनं, बाड़े संंकोल्पूं कोी विसंविद्ध कोा होै।
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र्मानाने कोा तरीीकोा संर्माझेाया र्था। उन्होंने कोहोा र्था : “... चूंविको होर्मा ऐसंे अहोर्मा संर्माय र्मां भीारीत कोा संंविवधाान होी होर्मां रीास्ता विदखा रीहोा होै।
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अपूने ध्येय कोो अविहोसंात्र्माको औरी संच्चेे उपूायं संे होी प्राप्त कोरीना र्माहोात्र्माा गूांधाी कोहोते र्थे विको होर्मा अपूने भीीतरी झेांको कोरी दखं, आत्र्मा-
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चाहोते हों औरी यहो कोार्मा होर्मा कोेवला आत्र्मार्शविद्ध कोे द्वाारीा होी कोरी विनरीीक्षण कोरीं औरी बाहोतरी इसंान बानने कोा प्रयासं कोरीं। उसंकोे बााद
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संकोते हों, इसंविलाए होर्मां चाविहोए विको उसं विदन होर्मा अपूना संारीा संर्माय बााहोरी भीी दखं, लाोगूं कोे संार्थ संहोयोगू कोरीं औरी एको बाहोतरी भीारीत
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यर्थार्शक्टि�त कोोई रीचनात्र्माको कोायष कोरीने र्मां विबाताएं।” तर्था बाहोतरी विवश्व कोे विनर्मााण र्मां अपूना योगूदान कोरीं। यहोी भीारीतीय
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यर्थार्शक्टि�त रीचनात्र्माको कोायष कोरीने कोा गूांधाीजी कोा यहो उपूदर्श गूणतंत्र कोा र्माला होै। n
न्यूू इंंडि�यूा समााचाार 16-31 जनवरी, 2025 9