Page 13 - NIS Hindi 16-31 January, 2025
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राष्ट्र अटलजी कीी 100वींं जयाती
                                                                                                          ं


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                   प्र�ानमंत्रीी ग्रामीण साड़ोकी युोजीना साे लकीर
                   देूरसांचाार क्रांहित तकी उनकीे अहम कीदेमं
                   कीा प्रभीावा आजी तकी अटल है।


        दखे र्थे। लाोगूं कोो र्शकोा र्थी विको ये संरीकोारी भीी उनकोी उम्र्माीदं कोो पूूरीा नहों
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        कोरी पूाएगूी। ऐसंे संर्माय र्मां एको संार्माान्य पूरिरीवारी संे आने वालाे अटीलाजी ने,
        दर्श कोो क्टिस्र्थरीता औरी संर्शासंन कोा र्माॉ�ला विदया। भीारीत कोो नव विवकोासं
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        कोी गूारींटीी दी।
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          वहो ऐसंे नता र्थे, विजनकोा प्रभीाव आज तको अटीला होै। वहो भीविवष्य
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        कोे भीारीत कोे पूरिरीकोल्पूना पूुरुर्ष र्थे। उनकोी संरीकोारी ने दर्श कोो आईटीी,
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        टीलाीकोम्यविनकोर्शन औरी दरीसंंचारी कोी दविनया र्मां तजी संे आगूे बाढ़ाया।
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                                  ु
        उनकोे र्शासंन कोाला र्मां होी, एन�ीए ने तकोनीको कोो संार्माान्य र्माानवी कोी
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        पूहोुंच तको लााने कोा कोार्मा र्शुरू विकोया। भीारीत कोे दरी-दरीाज कोे इलााकों
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        कोो बाड़े र्शहोरीं संे जोड़ने कोे सं�ला प्रयासं विकोए गूए। वाजपूयी जी कोी   पोखरण मं उनकीे मजीबाूत साकील्प कीी झालकी
                                                                             ु
                                                                          ू
                                                                         परी देहिनयुा ने देेखी तो अथयव्युवास्था कीो गहित
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                                  ु
        संरीकोारी र्मां र्शुरू होुई विजसं स्वविणषर्मा चतभीज योजना ने भीारीत कोे र्माहोानगूरीं   देेने वााले उनकीे अटल इरादें कीो भीी साराहा।
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        कोो एको संूत्र र्मां जोड़ा वो आज भीी लाोगूं कोी स्र्मावितयं पूरी अविर्माटी होै।
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        लाोकोला कोनेक्टि�टीविवटीी कोो बाढ़ाने कोे विलाए भीी एन�ीए गूठबाधान कोी संरीकोारी   लाविकोन तबा कोी संरीकोारी ने विकोसंी दबााव कोी पूरीवाहो नहों कोी। पूीछे होटीने कोी
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        ने प्रधाानर्मात्री ग्राार्मा संड़को योजना जसंे कोायष�र्मा र्शुरू विकोए। उनकोे र्शासंन   जगूहो 13 र्माई कोो न्यक्टि�लायरी टीेस्टी कोा एको औरी धार्मााकोा कोरी विदया गूया।
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        कोाला र्मां विदल्लाी र्माट्रीो र्शुरू होुई, विजसंकोा विवस्तारी आज होर्माारीी संरीकोारी एको   11 र्माई कोो होुए पूरीीक्षण ने तो दविनया कोो भीारीत कोे वज्ञाविनकों कोी र्शक्टि�त
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                                                                                                 ै
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        वल्�ड �लाासं इंफ्राास्ट्री�चरी प्रोज�टी कोे रूपू र्मां कोरी रीहोी होै। ऐसंे होी प्रयासंं   संे पूरिरीचय कोरीाया र्था। लाविकोन 13 र्माई कोो होुए पूरीीक्षण ने दविनया कोो यहो
                                                                                                    ु
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        संे उन्होंने न विसं�फ आविर्थषको प्रगूवित कोो नई र्शक्टि�त दी, बाक्टिल्को दरी-दरीाज कोे   विदखाया विको भीारीत कोा नतृत्व एको ऐसंे नता कोे होार्थ र्मां होै, जो एको अलागू
                                                                             े
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        क्षत्रं कोो एको दसंरीे संे जोड़कोरी भीारीत कोी एकोता कोो भीी संर्श�त विकोया।  विर्माट्टीी संे बाना होै।
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          जबा भीी संवष विर्शक्षा अविभीयान कोी बाात होोती होै, तो अटीलाजी कोी संरीकोारी   वाजपूयी संरीकोारी कोे र्शासंन कोाला र्मां कोई बाारी संरीक्षा संंबाधाी चनौवितयां
                                                                                                     ं
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        कोा विज� जरूरी होोता होै। विर्शक्षा कोो संवोच्चे प्रार्थविर्माकोता र्माानने वालाे   आईं। कोरीविगूला युद्ध कोा दौरी आया। संंसंद पूरी आतविकोयं ने कोायरीना प्रहोारी
                                                                                              ं
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        वाजपूयी जी ने एको ऐसंे भीारीत कोा संपूना दखा र्था, जहोां होरी व्यक्टि�त   विकोया। अर्माेरिरीकोा कोे वल्�ड ट्री� संटीरी पूरी होुए होर्मालाे संे वक्टिश्वको क्टिस्र्थवितयां
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                                                                                े
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        कोो आधाविनको औरी गूुणवत्ताा वालाी विर्शक्षा विर्मालाे। वो चाहोते र्थे ओबाीसंी,   बादलां, लाविकोन होरी क्टिस्र्थवित र्मां अटीलाजी कोे विलाए भीारीत औरी भीारीत कोा विहोत
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                                                                    े
        एसंसंी, एसंटीी, आविदवासंी औरी र्माविहोलाा संभीी कोे विलाए विर्शक्षा संहोज औरी   संवोपूरिरी रीहोा। जबा भीी आपू वाजपूयी जी कोे व्यक्टि�तत्व कोे बाारीे र्मां विकोसंी संे
                                                                                   े
        संलाभी बाने।                                         बाात कोरीगूे तो वो यहोी कोहोगूा विको वो लाोगूं कोो अपूनी तरी� खंच लाते र्थे।
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                                                                                                         े
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          उनकोी संरीकोारी ने दर्श कोी अर्थव्यवस्र्था कोो गूवित दने कोे विलाए कोई बाड़े   उनकोी बाोलाने कोी कोलाा कोा कोोई संानी नहों र्था। कोविवता औरी र्शब्दं र्मां
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        आविर्थषको संुधाारी विकोए। इन संुधाारीं कोे कोारीण भीाई-भीतीजावाद र्मां �संी दर्श   उनकोा कोोई जवाबा नहों र्था। विवरीोधाी भीी वाजपूयी जी कोे भीार्षण कोे र्माुरीीद र्थे।
                                                                                          े
        कोी अर्थव्यवस्र्था कोो नई गूवित विर्मालाी। उसं दौरी कोी संरीकोारी कोे संर्माय र्मां जो   यवा संांसंदं कोे विलाए वो चचाषएं संीखने कोा र्मााध्यर्मा बानतं।
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        नीवितयां बानी, उनकोा र्माला उद्देेश्य संार्माान्य र्माानवी कोे जीवन कोो बादलाना   कोुछ संांसंदं कोी संंख्या लाकोरी भीी, वो कोांग्रासं कोी कोनीवितयं कोा प्रखरी
                                                                                 े
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        होी रीहोा। उन्होंने पूूरीी दविनया कोो ये संंदर्श विदया, ये पूरीाना भीारीत नहों होै।   विवरीोधा कोरीने र्मां सं�ला होोते। भीारीतीय रीाजनीवित र्मां वाजपूयी जी ने विदखाया,
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                                                                                                 े
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        पूूरीी दविनया जान चकोी र्थी विको भीारीत अबा दबााव र्मां आने वालाा दर्श नहों   ईर्माानदारीी औरी नीवितगूत स्पूष्टीता कोा अर्थ �या होै। संंसंद र्मां कोहोा गूया उनकोा
                                                                                       ष
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        होै। इसं पूरीर्मााणु पूरीीक्षण कोी वजहो संे दर्श पूरी प्रवितबाधा भीी लागूे, लाविकोन   ये वा�य... संरीकोारीं आएगूी, जाएगूी, पूाविटीडयां बानगूी, विबागूड़गूी र्मागूरी यहो दर्श
                                                                                  ं
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        दर्श ने संबाकोा र्माकोाबालाा विकोया।                 रीहोना चाविहोए... आज भीी र्मांत्र कोी तरीहो होर्मा संबाकोे र्मान र्मां गूूंजता रीहोता होै।
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          उनकोी संरीकोारी कोे कोई ऐसंे अद्भुत औरी संाहोसंी उदाहोरीण हों, विजन्हों   वहो  भीारीतीय  लाोकोतंत्र  कोो  संर्माझेते  र्थे।  वहो  यहो  भीी  जानते  र्थे  विको
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        आज भीी होर्मा दर्शवासंी गूवष संे याद कोरीते होै। दर्श कोो अबा भीी 11 र्माई   लाोकोतंत्र कोा र्माजबाूत रीहोना विकोतना जरूरीी होै। आपूातकोाला कोे संर्माय उन्होंने
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        1998 कोा वो गूौरीव विदवसं याद होै, एन�ीए संरीकोारी बानने कोे कोुछ होी विदन   दर्मानकोारीी कोांग्रासं संरीकोारी कोा जर्माकोरी विवरीोधा विकोया, यातनाएं झेेलाी। जला
                                                                                                            े
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        बााद पूोखरीण र्मां सं�ला पूरीर्मााणु पूरीीक्षण होुआ। इसंे ‘ऑपूरीर्शन र्शक्टि�त’ कोा   जाकोरी भीी संंविवधाान कोे विहोत कोा संंकोल्पू दोहोरीाया। एन�ीए कोी स्र्थापूना कोे
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        नार्मा विदया गूया। इसं पूरीीक्षण कोे बााद दविनयाभीरी र्मां भीारीत कोे वज्ञाविनकों कोो   संार्थ उन्होंने गूठबाधान कोी रीाजनीवित कोो नए विसंरीे संे पूरिरीभीाविर्षत विकोया। वहो
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        लाकोरी चचा होोने लागूी। इसं बाीच कोई दर्शं ने खलाकोरी नारीाजगूी जताई,   अनको दलां कोो संार्थ लााए औरी एन�ीए कोो विवकोासं, दर्श कोी प्रगूवित औरी
                                                                                                 े
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