Page 19 - NIS Hindi 16-31 May 2023
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आ्वरेण कथा  वर्ष्त





                           ैं
                         स्टि-अप इंडि्या
                                                                  प्हले मंखजलों की कमी न्हीं थी, कमी नीयत की
                  उद्यडमेता की ऊजा्ष से पररपयूण्ष                 थी, पैसों की कमी न्हीं थी, passion की कमी
                                                                  थी, solution की कमी न्हीं थी, संवेदना की

          40,710        रुप्ये के लोन वदए गए, ्योिना मेें         कमी थी, सामर्यदू की कमी न्हीं थी, कमी थी
                                                                           कृ
                        1,80,636 खातनों मेें 21 मेाच्त 2023 तक    कायदू संस्कखत की। ब्हुत आसानी से कुछ लहोग
           करोड़
                                                                  कबीरदास के उस ध्येय कहो खबगाड़ कर मजाक
            इसकी शुरुआत पांच अप्रैल 2016 को आर््थथिक सशक्तीकरण    बना देते ्हैं। खजसमें उन््होंने क्हा था कल करे सहो
         n
                                   ें
            और रोजगार सृजन पर ध््यान कर्रित करते हुए जमीनी स्तर   आज कर, आज करे सहो अब। सहोखचए अगर ये
                                                                                    कृ
            पर उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के र्लए की गई ्थी।        भाव ्हमारी कायदू संस्कखत में दशकों प्हले आ
                                                                  गया ्हहोता तहो आज देश की तस्वीर ्तया ्हहोती।
         n  इस ्योजना के तहत स्वीकृत र्कए गए 80 प्र्तशत से अर्िक
            ऋण मर्हलाओं को प्दान र्कए गए हैं।

         n  ्योजना अनुसूर्चत जार्त, अनुसूर्चत जनजार्त और मर्हलाओं
            के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की र्दशा में महत्वपूणथि
            उपलब््धि ह। रै

                                                                    - नरेंद्र महोदी, प्रधानमंत्ी
                         स्टाट्ट अप इंडि्या

                   ्युवा आकांक्ाओं की उड़ान




                                 वर्ष्त 2023 मेें पंिीकत
                                                कृ
                    97,053       स््टा्ट्टअप की संख््या
                                                                      अब गुमेनामे ना्यकों को डमेलने
         n  र्र्ष्व 2014 तक देश मेें 32 स्टाट्ट-अप थे।
                                                                             लगे पद्म पुरस्कार
         n  जनवरी 2016 में भारत सरकार द्ारा नवाचार और स््टा्ट्ट-अप
            के पोषण का मजबूत इको-र्सस््टम बनाने के र्लए इसकी   n  नए भारत के र्नमाथिण में देश के हर नागररकों का ्योगदान
                                                                                                   ें
            शुरुआत की गई।                                        सुर्नब््चचत करने की र्दशा में कदम बढ़ाते हुए करि सरकार ने
            2000 से अर्िक स््टा्ट्टअप कृर्ष क्त्र में ह। रै      पद्म पुरस्कार की पूरी प्र्रि्या बदल दी।
                                   े
         n
                                                               n  अब पद्म पुरस्कार के र्लए व््यब्क्त की पहचान नहीं बब््कक
                                                                                         रै
                   ‘प्रगडत’ डवकास की नई राह                      उसके काम का महत्व बढ़ ग्या ह। नए भारत में देश का
                                                                 सामान््य व््यब्क्त भी अपने उत्कृष््ट का्यथि के जररए देश का
            ्यह सूचना, संचार और तकनीक (आईसी्टी) पर               नागररक पुरस्कार- पद्म पुरस्कार पा सकता ह। रै

                                                े
             आधाररत मेल््टी मेॉडल मेंच है। विसका उद्श््य       n  आज देश के बहुत सामान््य लोगों को पद्म-पुरस्कार र्मल रहे
             परर्योिनाओं की समेीक्ा और उसमेें होने वाली          हैं। ऐसे लोगों को पद्म-पुरस्कार र्दए गए हैं जो आमतौर पर
                      बाधाओं को दूर करना है।                     बड़े-बड़े शहरों में, अखबारों में, ्टी.वी. में, समारोह में नज़र नहीं
                                                                 आते हैं। पद्म पुरस्कारों की सूची में अर्िकतर नाम ऐसे होते
                       रै
                                                                                    े
         n  ‘प्गर्त’ की 41 बठकों में प्िानमंत्री 15.82 लाख करोड़ रुप्ये से   हैं, र्जनके बारे में उनके क्त्र के बाहर शा्यद लोगों को पता भी
            अर्िक की लागत वाली करीब 328 परर्योजनाओं की समीक्ा    नहीं होता। लेर्कन जब उनके कामों का र्जरि होता ह तो लोग
                                                                                                      रै
            कर उसका समािान कर चुके हैं।                          कहते हैं- ्यही ह न््य इंर्ि्या के असली ना्यक।
                                                                               ू
                                                                             रै

                                                                                     न््ययू इंडि्या समाचार   16-31 मई 2023  17
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