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आ्वरेण कथा  वर्ष्त




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        उरी सखजदूकल स्ट्राइक, बालाकहोट एयर स्ट्राइक सख्हत ऊपर के   िाम मंनदि, बोिो समझौता, अनुच््छद 370 जैसे कई िैसलों से
        इन उदा्हरणों ने बता खदया ्है खक भारत अब बदल र्हा ्है। देश   अमन-शांनत ्कथानपत हुई। ऐसे िैसले जो दशकों से लंनबत थे, नजन्हें
                           ैं
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        म ऐसे दजदूनों उदा्हरण ्ह जहो न खसफ्क संभव ्हुए ्ह बष्ल्क बखड़यों   ्कथार्ली सम्कर्ा मान नलर्ा गर्ा था, लेनकन प्रधानमंत्रली मोदली के
                                             ैं
        कहो तहोड़ नए भारत की दशा-खदशा खनधादूररत कर र्हे ्ह। ैं  नेतृत्व में समाधान ननकला औि नए भाित का अभ्र्ुदर् हो िहा है।
                                                             आज ्कवच््छता देश के जन-जन कली आदत बन चुकली है। आदत में
        के भिोसे नहीं ्छोड़ा जा िहा बस्ल्क एक ्कपष्ट सोच, दलीघयाकानलक   बदलाव को प्रधानमंत्रली ने ्कथानपत नकर्ा औि खुद झािू लगाकि
        नलीनत औि ्कथार्ली समाधान के दृस्ष्टकोण से नवकास कली नई पिंपिाएं   लोगों को जागरूक नकर्ा। ्कवच््छ भाित अनभर्ान कली मुनहम से
        ्कथानपत हो िहली हैं औि उदलीर्मान नए भाित का ननमायाण हो िहा है।   बच्चो को जोड़कि उन्हें नसखार्ा गर्ा। 11.5 किोड़ से ज्र्ादा घिों में
        देश कली 65 िलीसदली आबादली 35 साल से कम उम्र कली है। उनमें   शौचालर्ों का ननमायाण हुआ औि ्कवच््छता अनभर्ान के तहत शहि
                                               िं
        ्कवाभानवक आकांक्षाएं भली हैं तो िाष्ट् को प्रगनत कली ऊचाईर्ों पि ले   औि ग्ामलीण इलाके भली जुड़े।
        जाने का जज्बा भली। भाित के र्ुवाओं कली इसली भावना को साकाि   तकनलीक से पािदनशयाता के नए अध्र्ार् कली शुरुआत हुई है। आज
        कि  एक  सुिनक्षत,  समृद्ध  औि  प्रगनतशलील  भाित  के  ननमायाण  कली   भाित के ग्ामलीण इलाकों में शहिों से अनधक इंटिनेट िेटा कली खपत
                                         े
        पहल प्रधानमंत्रली निद् मोदली के ‘न्र्ू इंनिर्ा, ग्ट इंनिर्ा’ का नवजन   हो िहली है। गांव औि शहिों में निनजटल लेन देन भलीम एप से हो िहा
                       ें
        है। उनके संकल्पों को आज हि भाितवासली साकाि होते देख िहा   है। ई-कॉमसया के माध्र्म से व्र्ापक बाजाि कली उपलब्धता बढ़ली है।
        है। कु्छ उदाहिणों के साथ र्हां समझा जा सकता है नक पूवया में   तकनलीक कली वजह से हली आज शत-प्रनतशत लाभ लाभानथयार्ों तक
        नकस तिह कली धािणाएं थली जो आज कहीं देखने-सुनने को भली नहीं   पहुंच िहा है, जबनक पहले कहा जाता था नक एक रुपर्े में गांव
        नमलतली।                                              तक नसि्क 15 पैसा पहुंचता है। लेनकन आज शत-प्रनतशत लाभ
          र्ूपलीआई आज ऐसा प्लेटिॉमया बन गर्ा है जो निनजटल लेनदेन   लाभानथयार्ों तक पहुंच िहा है। र्ोजनाओं का नक्रर्ान्वर्न हो र्ा
        के मामले में लोगों कली सं्ककृनत बन गई है, जबनक पहले कहा   ननगिानली, तकनलीक गांवों के इंफ्ा्कट्क्चि नवकास को गनत कली शस्क्त

        जाता था नक भाित जैसे देश में र्ह संभव नहीं है औि सलीनमत लोग   प्रदान कि िहली है। आईटली-िेसलेस असेसमेंट जैसली सुनवधाओं ने
        हली इसका प्रर्ोग किेंगे। र्ह प्लेटिॉमया कई मंचों पि उपलब्ध है।   क्रांनतकािली बदलाव नकए हैं तो ई-आनिस जैसली पहल ने प्रशासन कली
        र्ह एक पेड़ कली जड़ कली तिह बन गई है, नजससे कई शाखाएं   गनत को तेज नकर्ा है। एक समर् भाित में नौकिली मांगने वालली सोच
        ननकल  िहली  हैं।  कृनष  औि  कृनष  बाजाि  के  नलए  ई-नाम,  मृदा   थली, लेनकन पलीएम मोदली ने इसे बदलकि नौकिली देने वाला बनार्ा।
        ्कवा्क्थ्र् काि्ड, प्राकृनतक खेतली, वन नेशन-वन िनट्डलाइजि जैसली   ्कटाट्डअप औि मुद्ा कली सहूनलर्त से आज र्ुवा नई उड़ान भि िहा
        पहल से कृनष क्षेत्र में ्कथार्ली समाधान कली पहल कली गई, जो पहले
        के समर् में ध्र्ान नहीं दली गई। ्कवा्क्थ्र् क्षेत्र में निनजटल इंफ्ा

        कली  शुरुआत,  आर्ुष्मान  भाित,  पलीएम  निनजटल  हेल्थ  नमशन,
                                                                                    ु
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        एन-95 मा्कक, ऑक्सलीजन, पलीपलीई नकट, जन औषनध कद्, इस   खवकास ्तया ्हहोता ्है, दि दददू ्तया ्हहोते ्हैं, गरीबी
        क्षेत्र कली ऐसली पहल है जो ्कथार्ली समाधान कली नदशा में आगे बढ़   ्तया ्हहोती ्है, मुसीबतें ्तया ्हहोती ्हैं, उनकहो ब्हुत
        िहा है। एक वक्त था जब ्कवा्क्थ्र् पि खचया कली वजह से हि साल   खनकट से अनुभव खकया ्है और व्ही अनुभव
        8 किोड़ लोग गिलीबली िेखा से नलीचे चले जाते थे। तलीन तलाक,   ्है खजसकहो लेकर आज प्दरे देश के खलए, देश के

                                                               करहोड़ों-करहोड़ नागररकों के खलए, एक पररवार
                                                                के सदस्य के रूप में काम कर र्हा ्हं। सरकार
                                                                                                 ्द
                                                               का खनरंतर प्रयास र्हा ्है खक गरीब कल्याण की
                                                               यहोजनाओं से कहोई भी ्हकदार वखचत न्हीं र्हना
                                                                                             ं
                                                                   चाख्हए। सबकहो लाभ खमलना चाख्हए।


                                                                         - नरेंद्र महोदी, प्रधानमंत्ी




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