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आवरण कथा     घोरणा बिाम अमल




                               #जो कहा, सो ककया



                                    40,35,000,00                              कृसर से जुड़े इंफ्ासट्कचर के सवकास
                                                                              के सलए केंद्रीय कैसबिेट िे  8 जुलाई
                                    जि-धि खाते खोले गए अगसत 2020 तक,          2020 को 1 लाख करोड के एग्ी
                                    130701.05 करोड की रासश जि-धि खातों में    इंफ्ा फंर को मंजूरी दी। 9 अगसत
                                    जमा, 29 करोड 75 लाख रूपे कार्ड जारी
                                                                              को इसे लागू कर सदया गया।
                                                 यु
                                      जलीडलीपली के अनसार भारत नवशव कली 5वीं
                                      अथयावरवट्था हवै।

                                      2013-14 में प्रनत वरस्कत मानसक आर      मखरमंत्रली के तौर पर बेहद करलीब से महसूस
                                                                               यु
                                                                                       यु
             हमारा लक्य देश के        6699 रूपरे थली, 2018-19 में रह 10534   नकरा था। मखरमंत्रली बनते हली उनहोंने ट्कूल
                                            यु
            गरीब से गरीब वयखकत        रुपरे पहंच गई।                         ड्ॉप आउट कली संखरा में कमली लाने के नलए
                                                                                                वै
           को आसथ्क गसतसवसध की        नदसंबर 2019 के आंकड़ों के अनसार         ‘शाला  प्रवेशो्सव’  जसे  कई  अनोखे
                                                              यु
           मु्य धारा से जोडिा है।     दननरा कली जलीडलीपली में 3.9 % नहट्सा ह  वै  उपार नकए। शौचालर कली कमली के चलते
                                       यु
           सवकास दर और जीरीपी         भारत का।                               ट्कूल छोड़ देने वालली छात्राओं कली दर को
           के मामले में दुसिया की                                            कम  करने  के  नलए  उनहोंने  सभली  ट्कूलों
           बडी अथ्वयवसथाओं को         प्र्रक् नवदेशली ननवेश में 18 फलीसदली कली   में  शौचालर  बनवाए।  गजरात  से  ननकले
                                                                                                यु
           हमिे पी्छ़े ्छोड सदया है।   बिोतरली।                              उनके अनभव ने आज देश के गांव-गांव
                                                                                      यु
                                      आनथयाक रूप से आ्मननभयार बनाने के नलए   और ट्कूलों तक शौचालर पहंचा नदरा ह।
                                                                                                           वै
                                                                                                    यु
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                                      रवाओं को रोजगारपरक नशक्ा देने के उद्ेशर स  े
                                      35 साल बाद नई नशक्ा नलीनत।             समसिमम गवि्मेंट, मैखकसमम गविनेंस
                                                                             प्रधानमंत्रली  मोदली  कई  मौकों  पर  कहते  आए
                                                                             हैं, “मेरा मानना ह नक सरकार को वरापार
                                                                                           वै
                                                                             नहीं करना चानहए। उसका फोकस ‘नमननमम
        25 साल से अटकी पररयोजिा की बाधा चंद समिटों में दूर                   गवमनेंट  एंड  मवैस्कसमम  गवननेंस’  पर  होना
                                                                                                  यु
       प्रधानमत्रली नरेंद्र मोदली रोजनाओं कली घोषणा   पलीएमओ के अनधकारररों से कहा था नक रह   चानहए।”  ऐसे में शासन कली गणवत्ता सववोपरर
            ं
                                                                                     यु
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       से लेकर उनके नक्रानवरन और जमलीनली   इलाका सबसे जरूरतमंद लोगों का घर हवै, जो   होतली ह। सशासन को लेकर प्रधानमंत्रली मोदली
                                                                                                        वै
                                                        वै
       हकलीकत पर नजर रखते हैं। रहली कारण हवै   बाकली इलाकों से नपछड़ा ह और सरकारली मदद   के नजररए का एक और अहम पहलू ह- गांधली
       नक लालफलीताशाहली और अनर कारणों से वषमों   कली उनह बेहद जरूरत हवै। पलीएम ने कहा था नक   जली के ट्वराज के नसद्धांत का पालन। महा्मा
                                             ें
       से लनबत ऐसली रोजनाएं जो ओवर बजट होन  े  इस प्राेजेकट को प्राथनमकता देने कली जरूरत   गांधली का मानना था नक हर गांव को ट्थानलीर
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       के बाद भली अपने लक्र तक नहीं पहयुंच पा   ह। रनद साल 2000 तक काम ख्म हो गरा   मामलों का समाधान करने के नलए सक्म
                                         वै
       रहली थीं, उनके त्काल नक्रानवरन के नलए   होता तब प्रोजेकट कली कलीमत भली कम होतली और   बनाना ज़रूरली ह। महा्मा गांधली के ट्वतंत्रता
                                                                                         वै
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       प्रधानमत्रली ने त्परता के साथ ननदवेश नदए   पववोत्तर भारत के लोगों को इसका फारदा भली   आंदोलनों कली सफलता का एक बड़ा कारण
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       हैं। ऐसा हली एक उदाहरण ओनडशा में खयुदाया   नमलता। नवनभन् प्रोजेकटस कली समलीक्ा के   जनभागलीदारली था।
                                                       वै
       से बलांगलीर तक 289 नकमली लंबली रेल लाइन   नलए आरोनजत प्रगनत बठक में इसली जनवरली में
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       का ह। 25 साल परानली रह परररोजना अभली   खयुदाया-बलांगलीर रेलवे प्रोजेकट कली ट्टेटस ररपोट्ड   उसली तरह नकसली भली सरकार कली सफलता
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       तक पूरली नहीं हो पाई। 2015 में इस प्रोजेकट   प्रधानमत्रली के सामने रखली गई। प्रधानमत्रली के   के  नलए  नलीनतरों  के  ननमायाण  में  और  उसके
       पर प्रधानमत्रली कली नजर पड़ली तो वे खास  े  दखल के बाद अब इस प्रोजेकट में तेजली आई हवै   नक्रानवरन  के  नलए  जनता  का  सहरोग
               ं
                                                                                       वै
       नाराज हयुए। उनहोंने नाराजगली जानहर करते हए   और जलद हली इसका काम पूरा हो जाएगा।  आवशरक ह। जब तक सरकार जनता को
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                                                                                             न्यू इंडिया समाचार  23
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