Page 29 - NIS Hindi September 2020 16-30
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आतमसिभ्र भारत सखलौिा उद्ाेग
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प्री- सककूल और सखलौिा सिमा्ण भारत में सबसे बाल नवकास मत्रालर, नशक्ा मत्रालर और सूक्म, लघ और मधरम
उपभोकता आधार… 7 से 12 साल की उम्र वग् में सखलौिों की मांग काफली कुशल कारलीगर हैं नजनके पास नखलौने बनाने कली दक्ता ह।
तेजी से सवकास करिे वाले सेकटर हैं। 2016 तक
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उद्म मत्रालर, बच्चों के नलए नए नखलौनों के उ्पादन और उपलबध
इिमें 20 प्रसतशत की वृसद् दज् की गई।
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कराने का एक बड़ा केंद्र बन सकता ह। उनका कहना था नक देश में
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सबसे जयादा है। कुल बाजार में 44 फीसदी की
इनमें नखलौना कलट्टर के तौर पर उभर रहे कनायाटक के रामनगर के
सहससेदारी इसी वग् की है।
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चन्पटना, आंध्र प्रदेश के कषणा नजले के कोंडापललली, तनमलनाडु के
तंजावर, असम के धयुबरली, उत्तर प्रदेश के वाराणसली जसे क्ेत्रों का भली
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भारतीय बाजार में कम कीमत से औसति 228.41
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पलीएम मोदली ने खास तौर से नजक् नकरा। प्रधानमत्रली ने नवशाखापट्टनम
रुपये तक के सखलौिों की सहससेदारी 46 फीसदी है।
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के सली वली राजू के बनाए उ्कषट गणवत्ता वाले ईटली-कोपपाका नखलौन े
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का उदाहरण भली नदरा। प्रधानमत्रली मोदली ने कहा, ''देश में इस तरह
भारत में मीसरयम रेंज से ससती रेंज के बाद अब
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बैटरी वाले और इिोवेसटव सखलौिों की मांग तेजी से के ट्थानलीर नखलौनों का गौरव वापस आरा ह।'' इसली को धरान में
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बढ रही है। रखते हए प्रधानमत्रली ने नखलौना प्रौद्ोनगकली और नडजाइन में इनोवेशन
हेत रवाओं और छात्रों के नलए हकथॉन का आरोजन करने कली
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भारत में उच् और मधयम आय् वग् के लोग
औसति 283 से 343 रुपये तक सखलौिों के सलए आवशरकता पर भली जोर नदरा।
खच् करते हैं। भारत में अभी कया ससथसत
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सटयर 2 और सटयर 3 के शहरों में बांऱेर दुकािों औद्ोनगक नलीनत एवं संवधयान नवभाग और वानणजर मत्रालर के आंकड़ों
के बजाय अमेजि और खफलपकाट्ड जैसे ईकॉमस् के अनसार अभली भारत में सूक्म एवं लघ उद्ोग सेकटर के अंतगयात
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पोट्डल सखलौिा सबरिी के प्रमुख स्ोत हैं। 4000 मनरयुफैकचररंग रूननट काम कर रहली हैं। इनमें 75 प्रनतशत
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सूक्म, 22 प्रनतशत लघ व मधरम और 3 प्रनतशत बड़ली इकाइरां हैं।
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बतौर ननमायाता फनट्कूल कली बाजार में 30 प्रनतशत नहट्सदारली ह।
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इसके बाद नखलौनों के रिाड मटल 20 प्रनतशत और हवैट्रिो 9 प्रनतशत
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िीआरिीओ और जममानी में सखलौना
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इसरो जैसे बड े मयूसजयम और टिॉय के साथ क्मश: दूसरे व तलीसरे नंबर पर हैं। सट्त और गर रिाड के
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स्थानों के साथ बड े रूटि बनाया गया है। अनधकतर नखलौना बाजार पर चलीन और ताइवान कानबज हैं।
पैमाने पर असभयान भारत में भी ऐसी पहल
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चलाना चासहए होनी चासहए। भारत में सट्त दामों पर नमलने वाले चलीनली नखलौनों कली गयुणवत्ता
पर लंबे समर से सवाल उठ रहे हैं। दूसरा, सट्त चलीनली नखलौनों स े
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प्रनतट्पधाया के चलते भारतलीर नखलौना उद्ोग को नयुकसान भली उठाना
बांकडंग पड़ रहा ह। औद्ोनगक नलीनत एवं संवधयान नवभाग ने इस क्त्र में भारतलीर
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स्कसत की झलक उद्ोगों को पयुन: ट्थानपत करने और भारत में नमलने वाले नखलौनों
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कली गयुणवत्ता को बेहतर बनाने के नलए कई उपार नकए हैं। नखलौनों
सवज्ान आधाररत भारतीय पौरासणक कली गणवत्ता परखने के नलए भारतलीर गणवत्ता पररषद ने इन पर एक
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सखलौनों के माधयम स े कथाओं और नायकों
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वैज्ासनक भावना को पर आधासरत सखलौन े वरापक सव नकरा ह। भारतलीर मानक बररो(बलीआईएस) अनधननरम
बढ़ाने में मदद के सलए बनाए जा सकते हैं
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दूरदशमान पर क तहत 25 फरवरली 2020 को एक आदेश जारली नकरा गरा ह।
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कायमाकम। इसके अनसार भारत में बनाए जाने वाले रा आरानतत, सभली नखलौन े
भारतलीर मानक बररो के ट्टडड्ड के अनयुसार ननधायाररत गयुणवत्ता
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के अनसार होंगे। नखलौनों कली बेहतर गणवत्ता के नलए बाहर स े
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एक भारत-श्षठ भारत के सनमामाण में भारतीय सखलौने भी आरानतत नखलौनों पर नवदेश वरापार नलीनत को भली कठोर नकरा गरा।
सबसे अचछा माधयम बन सकते हैं, अब ्थानीय सखलौनों के सलए ननस्शचत तौर से नखलौना उद्ोग में नलीनतगत बदलाव और देश
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मुखर (वोकल फॉर लोकल) होने का समय है। कली जनता के सहरोग से अब नखलौना क्त्र में भली दननरा भारत कली
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- नरेंद्र मोदी, प्रधानमत्रली धमक महसूस करेगली।
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न्यू इंडिया समाचार 27