Page 28 - NIS Hindi September 2020 16-30
P. 28
आतमसिभ्र भारत सखलौिा उद्ाेग
भा रतलीर गणवत्ता पररषद कली एक ररपोट्ड के अनयुसार बच्चों के नखलौन े
यु
यु
अब खिलौना उद्योग में पूरली तरह सरनक्त नहीं हैं। नदललली में 121 प्रकार के नखलौनों के
प्ररोगशाला परलीक्ण में रह बात सामने आई ह। नवदेशों से आरानतत
वै
66.90 फलीसदली नखलौने गणवत्ता परलीक्ण में फेल रहे हैं। दूसरली ओर भारतलीर
यु
आत्मजनि्रिा नखलौना उद्ोग जो अभली तक नवदेशों से आरात होने वाले इन नखलौनों कली वजह स े
मजबूत नहीं हो पा रहा हवै, उसके नलए केंद्र सरकार एक नई उममलीद लेकर आई हवै।
यु
खद प्रधानमत्रली नरेंद्र मोदली ने हाल हली में वररषठ मनत्ररों और अनधकारररों के साथ
ं
ं
ं
वै
की िैयारी बठक में इसके नलए ननदवेश नदए हैं। बवैठक में प्रधानमत्रली नरेंद्र मोदली ने कहा नक भारत
कई नखलौना समूहों और हजारों कारलीगरों का घर ह। भारतलीर नखलौना बाजार में
वै
बहत साम्थरया हैं और रह आ्मननभयार भारत अनभरान के तहत 'वोकल फॉर लोकल'
यु
बच्ों के शारीररक, मािससक व को बिावा देकर उद्ोग में एक संरचना्मक पररवतयान ला सकता ह। वै
भाविातमक सवकास में सखलौिों का प्रधानमत्रली ने कहा नक प्रौद्ोनगकली और नवाचार के उपरोग एवं ववैस्शवक मानकों
ं
यु
े
बडा योगदाि होता है। लसकि, कया को पूरा करने वाले गयुणवत्ता रकत उ्पादों के ननमायाण पर धरान केंनद्रत नकरा जाना
े
आपिे कभी सोचा है सक जो सखलौिा चानहए। ऐसे नखलौने बनाए जाएं नजसमें एक भारत, श्षठ भारत कली झलक हो और
यु
उस नखलौने को देख कर दननरा वाले भारतलीर सट्कनत, परायावरण के प्रनत भारत कली
कृ
ं
हम अपिे बच्ों को खेलिे के सलए द े गंभलीरता और भारतलीर मूलरों को समझ सकें।
रहे हैं, वह सकतिा सुरसक्त है? इसी तासक सवशव बाजार में भारत की सहससदारी बढ़े...
े
यु
ू
सदशा में केंद्र सरकार महतवपण् कदम एक अनमान के मयुतानबक पूरली दयुननरा में नखलौनों का बाजार करलीब 100 नबनलरन
वै
उठािे जा रही है। आतमसिभ्र भारत डॉलर का ह। वहीं भारत में नखलौनों का बाजार करलीब 1.5 नबनलरन डॉलर का
ह। वषया 2011 से 2018 के बलीच इसमें करलीब 15.9 फलीसदली कली वनद्ध दजया कली गई
वै
ृ
असभयाि के तहत इससे ि केवल ह। भारत में एक वषया में 3500 से 4500 करोड़ रुपरे के नखलौने बेचे जाते हैं।
वै
गुणवत्ा सुधरेगी बखलक भारतीय लनकन इसमें भारतलीर नखलौना उद्ोग कली नहट्सदारली वतयामान में केवल 15 फलीसदली
े
े
सखलौिा उद्ोग को समलेगा सहारा ह, शेष 85 फलीसदली बाजार पर बाहर से आरात होने वाले नखलौनों का कबजा हवै।
वै
ं
प्रधानमत्रली मोदली कहते हैं नक नचलड्न रूननवनसयाटली ऑर् गांधलीनगर,मनहला और
भारतीय सा्कसतक जीवन कौशल और सभी के सलए देसी सखलौना
ं
कृ
सखलौनों की सवरासत स े मानससक सवकास सुलभ और उद्ोग को सहारा
जरूरत पररचय होगा के सलए जरूरी आसान समलेगा
ं
न्यू इ
डिया समाचार
26 न्यू इंडिया समाचार
26