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राष्ट्र प्रधानमंत्ी संग्रहाल्य



                                                         दे     श ने 75 वषषों में अनेक गौिवमर पल देखे हैं। इनतहास के


                                                                झिोखे में इन पलों का जो महतव है, वो अतुलनलीर है। ऐसे बहुत
                                                                से पलों कली झलक आपको प्रधानमंत्रली संग्हालर में भली देखने
                                                                को नमलेगली। देश आज नजस ऊंचाई पि पहुंचा है, वहां पहुंचाने
                                                           में ट्वतंत्र भाित कली प्रतरेक सिकाि का रोगदान िहा है। हि सिकाि के
                                                           नेततव का रोगदान औि उनके दौि के नवकास, उनकली ननजली कुशलता
                                                             ्र
                                                           औि चुनौनतरों से ननपटने के कुशल तिलीके को तकनलीक के साथ
                                                           जोड़कि प्रधानमंत्रली संग्हालर में इस तिह से पेश नकरा गरा है नक
                                                           वतयामान औि भावली पलीढ़ली िाषरि के ट्वनणयाम अतलीत से रूबरू हो िहा है।
                                                           संग्हालर आमजन के नलए खुलने के शुरुआतली 2 महलीने में हली देश
                                                           के िाषरिपनत, उपिाषरिपनत सनहत 50 हजाि से अनधक लोग रहां पहुंच
                                                           चुके हैं।
                                                                                                         या
                                                                                   ै
                                                                       ें
                                                                   ं
                                                             प्रधानमत्रली निद् मोदली ने 24 अप्रल 2022 को मन कली बात कारक्रम
                                                                                ं
                                                           में कहा था नक प्रधानमत्रली सग्हालर ऐसे अनेक तररों को बताता ह  ै
                                                                            ं
                                                           जो अनधकति लोगों को मालूम नहीं है। इसली दौिान सग्हालर नदवस
                                                                                                  ं
                                                           (18 मई) पि रुवाओं से दोट्त मिलली के साथ नकसली न नकसली ट्थानलीर
                                                                                  ं
                                                           मरूनजरम में जाने औि अनुभव शरि किने का आह्ान नकरा था। इस
                                                                                   े
                                                           आह्ान रा प्ररासों को लेकि प्रधानमत्रली निद् मोदली पहले हली कह चुके
                                                                                     ं
                                                                                         ें
                                                           हैं, जब हमािली नौजवान पलीढ़ली रे जलीवंत प्रतलीक देखतली है तो उसे तरर का
                                                                                                     ं
                                                                                                 ं
                                                           भली बोध होता है औि सतर का भली बोध होता है। प्रधानमत्रली सग्हालर में
                                                           इस बात के नवविणातमक रिकॉिटि हैं नक हमािे प्रधानमनत्ररों ने नवनभन्न
                                                                                                 ं
                                                           चुनौनतरों के बावजूद नकस तिह से देश को नई िाह दली औि देश कली
                                                           सवािंगलीण प्रगनत को सुननस्शचत नकरा। प्रधानमत्रली निद् मोदली हमेशा भाित
                                                                                          ं
                                                                                              ें
                                                           के अतलीत, भाित कली नविासत औि वतयामान के बािे में सहली तट्वलीि को
                                                           लेकि जागरुकता फैलाने पि जोि देते हैं। इसली का परिणाम है नक वतयामान
                                                                          ं
              ये प्रधानमंत्ी संग्हालय,                     सिकाि नविासत के सिक्ण, नवदेशों से नविासत वापस लाने, गौिवशालली
                                                           नविासत को नवशव पटल पि प्रदनशयात किने का काम कि िहली है। उसली कड़ली
             हमें गनरंतर प्रेररा दिा। ये
                                       े
                                                              ं
                                                           में सग्हालर बनाए जा िहे हैं। जनलरांवाला मेमोरिरल, िॉ. अमबेिकि
                                                                                              ं
                                                                                  ं
              संग्हालय, हमारे भीतर,                        िाषरिलीर ट्मािक, नेताजली सुभाष चद् बोस ट्मािक, इनिरन नेशनल आमशी
                                                           सग्हालर औि जनजातलीर ट्वतंत्रता सेनाननरों के सग्हालर भली उसली का
                                                                                              ं
                                                            ं
                                    े
             भारत क गलए बड़ संकल्पों                        नहट्सा हैं। भाित ने एक लोकतानत्रक िाषरि के रूप में जो प्रगनत कली औि
                        े
                                                                                 ं
             का बीज बोने का सामर्              ्ष          नजस तिह कली नवनवधता समेटे हुए हैं, उसे शारद हली कहीं इतनली अच्ली
                                                           तिह से अनुभव नकरा जा सकता है, नजस तिह से प्रधानमत्रली सग्हालर
                                                                                                       ं
                                                                                                   ं
                     ै
           रिता ह। ये संग्हालय, भारत                       में। रहली वजह है नक िाषरिपनत िामनाथ कोनवंद, उपिाषरिपनत एम. वेंकैरा
                                                               ू
                                                           नारि औि बड़ली संखरा में गणमानर हस्ट्तरों सनहत 50 हजाि से अनधक
                                               े
             क भविष्य को बनाने िाल
               े
                                                                                 ं
                                                                                                     ं
                                                                                         ु
                                                           दशयाक शुरुआतली 2 महलीने में हली सग्हालर पहंच चुके हैं। इस सग्हालर में
                            ु
                                                                                                       ं
             युिाओ ं में कछ कर िुजरने                      केवल मूल नचत्रों औि वलीनिरो का उपरोग नकरा गरा है नजससे सग्हालर
                                                           में बताई जाने वालली कहाननरों को औि अनधक प्रमानणकता नमलतली है।
               की भािना पैदा करेिा
                                                                               ं
                                                           अगि आप अभली तक प्रधानमत्रली सग्हालर देखने नहीं पहंचे हैं तो पलान
                                                                                                  ु
                                                                                   ं
                                                                                  ं
                                                           बना ललीनजए, अपने चहेते प्रधानमत्रली के साथ फोटो नखंचवाइए औि चाहें
                   - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री।           तो उनके साथ चलने का वलीनिरो भली ले सकते हैं।
                                                                                                          39
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                                                                                    नयू इंवडया समा्चार   1-15 अगसत 2022
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