Page 15 - Hindi NIS 1-15 January 2022
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राष्ट्र गोरखपुर को ्सौगात
गोरख्पुर खाि कारखाना
अ्पना
अ ्प ना गोरख ्प ुर खा ि कारखाना
यूररया आतमरनभणिर कृरर का आधार
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मरनभणि
करीब 30 वरयों से अनिक समय से बंद ्पड़े ्पयूवािंचल
ससथत गोरख्पुर खाद कारखाने का जीणणोद्ार कर केवल गोरख्पुर में एक खाि कारखाना,
5 साल में ही शुरू कर सरकार ने नमसाल ्पेश की है, तानक
10 करोड़ से अनिक ्ोटे नकसानों की भी समृनद् हो र्वकास की अनेक राह
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सुननसशचत और यररया के क्ेत् में भारत बने आतमननभ्षर n पूवािल िे सििानों िी आिांक्ाओं िो िािार
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न्दाता सजनिा ििोर पररश्रम है दि िा गौरव। िकृसष सविाि और िरने और यूररया िी मांग-आपूसत्ज िी खाई िो दूर
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अ सििान िलयाि िो िद्र िरिार िी नीसतयों और िामिाज में िर सििानों िो आिानी िे रिायसनि उव्जरिों िी
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िदैव िवणोच्च प्राथिसमिता समली है। बीते वषगों में िरिार ने बीज, बीमा, बाजार उपलबधता िरुसनसशित होगी।
और बित पर िौतररा िाम सिया है। अचछी गरुिवत्ता वाले बीज, नीम िोटेि n लगभग 8600 िरोि रुपये िी लागत िे सनसम्जत िारखाने
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यूररया, मृदा ्वा््थय िाि्ड, िूक्म सििाई, खाद िसबििी में वसद् जिे सवसभन् िे यूररया उतपादन में आतमसनभ्जर बनने में मदद समलेगी।
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िदमों िे सििानों िी िमसद् िो िरुसनसशित सिया गया है। दि में छोटे सििानों िारखाने िे िाथि-िाथि अनय िो समलािर 20 हजार
िी िंखया 10 िरोि िे असधि है। पैदावार और सििानों िी आय बढ़ाने में रोजगार िे नए अविर िसजत होंगे।
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दि िी आतमसनभ्जरता महतवपि्ज है। इिी िो धयान में रखते हए िद्र िरिार
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ने बंद पि खाद िारखानों ि जीिणोद्ार और क्मता में वसद् पर सविेष धयान n िौिल प्रसिक्ि िे जररए लोगों िो रोजगार िे सलए
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सदया। इिी ििी में 2016 में दि ि पवफी राजयों में वषगों िे बंद पि तीन खाद तैयार सिया जाएगा। ्थिानीय पारंपररि उद्ोगों िो
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िारखानों (गोरखपर, बरौनी, सिंदरी) िो सरर िे िरू िरने ि लक्य ि िाथि बढ़ावा समलेगा। यूररया िे आयात में िमी िे सवदेिी मरुद्रा
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सहंदरु्तान उव्जरि एवं रिायन सलसमटेि (HURL) िरू िरने िा एि बिा में बित होगी। पसशिमी-मधय क्त्ों िे यूररया िे िम
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सनि्जय सलया गया। इिी में िासमल थिा गोरखपर खाद िारखाना जो 30 वषगों ि े पररवहन िे िारि रेल और ििि इंफ्ा्ट्किर पर
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िप पिा थिा। बंद पि िारखानों िी वजह िे सििान लंबे िमय िे परिान दबाव में िमी आएगी।
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थिे तो बहरुतों िी नौिररयां सछन गई। िारखानों ि िारि िलने वाले अनय
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िारोबार भी सिमटते िले गए। इििे एि बिी आबादी ि रोजी-रोजगार
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पर ििट आ गया थिा। खाद िी आपसत्ज पूरी तरह िे प्रभासवत थिी, सजििा वषगों िे असधि िमय िे बंद िंयंत् िे िरुरू होने िे क्ेत्
रायदा सबिौसलए उिाते थिे। यूररया िी जमाखोरी और िालाबाजारी होती थिी। 30 में िमग्र आसथि्जि सविाि िो बढ़ावा समलेगा।
असधि दाम पर खाद खरीदने ि िारि सििानों पर आसथि्जि मार पिती थिी।
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यहां पर बनने वाले यूररया िो अपना यूररया नाम सदया गया है। गोरखपरुर में 3850 2200
खाद िारखाने िो सरर िे िरू िराने िी लोगों िी मांग पर पव्ज िी िरिारों मीसट्ि टन यूररया िा प्रसतसदन मीसट्ि टन सलसकवि अमोसनया
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ि वायदे सिर्फ खोखले ही िासबत हरुए। इि सनरािा भरे माहौल िो बदलने ि े उतपादन होगा। िा उतपादन होगा।
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सलए 2016 में प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने इि खाद िारखाने ि पनरुद्ार िी
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आधारसिला रखी। अब गोरखपर िी धरती िा वह िपना िािार हआ है। n
न्यू इडिया समाचार | 1-15 जनवरी 2022 13
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