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राष्ट्र     काशी-्सर्यू परर्योजना





                                       लगभग 244 साल बाि हुआ काशी


                                       र्वश्वनाथ मंरिर का ्पुनरुद्ार



































        n िािी सवशवनाथि मंसदर पर वष्ज 1194 िे लेिर 1669 ति िई बार हमले हए। 1777 िे 1780 िे बीि
                                                            रु
           महारानी असहलयाबाई होलिर ने श्रीिािी सवशवनाथि मंसदर िा जीिणोद्ार िराया थिा।   प्रोिेकट के जलए 300 से जयादा
                                                                                  इमारतों को खरीदा गया
        n उििे बाद 54 हजार वग्ज मीटर क्ेत्रल में रैले िािी सवशवनाथि धाम िा सिलानयाि प्रधानमंत्ी
                                                                                                        े
           नरेंद्र मोदी ने 8 माि्ज 2019 िो सिया थिा।                              श्लीकाशली नवशवनाथि मंनदि का क्त्रफल
                                                                                               या
                                                                                  पहले 3,000 वर फलीट थिा। लरभर
                                             रु
        n प्रािीन मंसदर िे मूल ्वरूप िो बरिरार रखते हए 5 लाख 27 हजार वग्ज रीट िे जयादा   400 किोड़ रुपए कली लारत से मंनदि
           क्ेत्रल में इिे सविसित सिया गया है। 339 िरोि रुपए िे जयादा िी लागत िे बने सवशवनाथि   के आसपास कली 300 से जरादा नबस्लिंर
           धाम में श्रद्ालओं िी िरुसवधाओं और िहूसलयतों िा खाि धयान रखा गया है।
                    रु
                                                                                  को खिलीदा ररा। इसके बाद 5 लाख
                                                   रु
        n पहले तंग गसलयों में स्थित सजि सवशवनाथि मंसदर में श्रद्ालओं िे सलए पैर रखने ति िी जगह   वर फलीट से जरादा जमलीन में लरभर
                                                                                     या
           नहीं होती थिी, वहां अब 2 लाख श्रद्ाल खिे होिर दि्जन-पूजन िर ििेंगे।    400 किोड़ रुपए से जरादा कली लारत
                                     रु
                                                                                  से ननमायार नकरा ररा। धाम के नलए
                                                                                  खिलीदे रए भवनों को नषट किने के दौिान
                                                                                  40 से अनधक मंनदि नमले। उनहें भली
                                                                                  नवशवनाथि धाम प्रोजेकट के तहत नए नसिे
                                                                                  से संिनक्त नकरा ररा है।


        परिसि, साक्ली है हमािे सामररया का, हमािे कतयावर का। अरि सोच   से चयुिाई रई मां अन्पूराया कली प्रनतमा, एक शताबदली के इंतजाि के बाद
                                                                                         यु
        नलरा जाए, ्ठान नलरा जाए, तो असंभव कुछ भली नहीं।      अब नफि से काशली में ट्थिानपत कली जा चकली है।
        ढ़वरा्सत को ्सहेजने की प्रढ़तबधिता                     भारतवाढ़्स्यों के ढ़लए ्संकलप
        आज का भाित अपनली खोई हई नविासत को नफि से संजो िहा है। रहां   मैं आपसे अपने नलए नहीं, हमािे देश के नलए तलीन संकलप चाहता
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        काशली में तो माता अन्पूराया खद नविाजतली हैं। मझे खशली है नक काशली   हूं- ट्वचछता, सृजन औि आतमननभयाि भाित के नलए ननिंति प्ररास।
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                                                                                    न्यू इडिया समाचार | 1-15 जनवरी 2022  9
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