Page 10 - Hindi NIS 1-15 January 2022
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राष्ट्र     काशी-्सर्यू परर्योजना




        ्सनातन परं☺परा का ढ़जक्र
        नवशवनाथि धाम का रे पूिा नरा परिसि एक भवर भवन भि नहीं है,        श्द्ालुओं को नई सुनविाएं
        रे प्रतलीक है, हमािे भाित कली सनातन संट्कनत का! रे प्रतलीक है,   n िािी सवशवनाथि िा मंसदर अब गंगा िे िीधे जरुि गया है।
                                         कृ
        हमािली आधरास्तमक आतमा का! रे प्रतलीक है, भाित कली प्राचलीनता का,   श्रद्ाल जलािेन घाट, मसििसि्जिा और लसलता घाट पर
                                                                            रु
        पिमपिाओं का! भाित कली ऊजाया का, रनतशलीलता का।                  गंगा स्ान िर िीधे बाबा धाम में प्रवेि िर ििेंगे।
        परंपरा और आधुढ़नकता के ्संगम पर जोर                           n सविालिाय बाबा धाम िे 3 यात्ी िरुसवधा िद्रों में
                                                                                                     ें
                                                                            रु
        नवशवनाथि धाम के नए परिसि से पहले जो मंनदि क्त्र केवल तलीन      श्रद्ालओं िो अपना िामान िरुरसक्त रखने, बैिने और
                                             े
               या
        हजाि वर फलीट में थिा, वो अब किलीब 5 लाख वर फलीट का हो ररा      आराम िी िरुसवधा समलेगी।
                                            या
                                                   यु
        है। अब मंनदि औि मंनदि परिसि में 50 से 75 हजाि श्द्ाल आ       n िला और ि्िसत िी नगरी िािी में िलािारों िे
                                                                                ं
                                                                                   कृ
        सकते हैं। रानली पहले मां ररा का दशयान-स्ान, औि वहां से सलीधे   सलए एि और िां्िसति िेंद्र िी िौगात समलेगी। दो
                                                                                      कृ
                            ं
                                                                       मंसजला इमारत िां्िसति गसतसवसधयों िे सलए है।
                                                                                       कृ
      श्नमकों का सममान                                               n सवशवनाथि धाम आने वाले श्रद्ालओं िे सलए योग और
                                                                                             रु
      मैं आज अपने हर उस श्रिमक भाई-बहन का भी आभार वय्त करना            धयान िद्र ि रूप में वसदि िद्र िो ्थिासपत सिया गया
                                                                                े
                                                                                      ै
                                                                             ें
                                                                                            ें
            ्
      चाहता हं िजसका पसीना इस भवय पररसर के िनमाि में बहा है। कोरोना
                                        मा
                                                                                                     े
                                                                                                       े
      के िवपरीत काल में भी, उनहोंने यहां पर काम रुकने नहीं िदया।       है।  धाम क्ेत् में बाहर िे आने वाले श्रद्ालरुओं ि सलए
                                                                                                         ें
                                                                       स्पररिअल बरुि िटर धासम्जि परु्तिों िा नया िद्र होगा।
                                                                            रु
                                                                                    ें
                                                                            रु
                                                                     n श्रद्ालओं िे सलए बाबा िी भोगिाला भी ्थिासपत
                                                                                                 रु
                                                                       िी गई है। यहां एि िाथि 150 श्रद्ाल बैििर बाबा
                                                                       सवशवनाथि िा प्रिाद ग्रहि िर ििेंगे।
                                                                     n िनातन धम्ज में िािी में मोक् िी मानयता है। सवशवनाथि
                                                                               रु
                                                                                रु
                                                                              रु
                                                                       धाम में ममक् भवन बनाया गया है। इििे लगभग 100
                                                                       िदम िी दूरी पर महाशमिान मसििसि्जिा है।
                                                                     n सवशवनाथि धाम में प्रवेि िे सलए 4 सविालिाय द्ार बनाए
                                                                       गए हैं। पहले यहां सिर्फ ििरी गसलयां थिीं।  िरुरक्ा िे
                                                                                          ं
                                                                       सलए हाईटेि िंट्ोल रूम बनाया गया है।
                                                                     n धाम में आपातिालीन सिसितिा िरुसवधा िे लेिर एंबलेंि
                                                                                                           रु
                                                                       ति िी वयव्थिा रहेगी। एि सजला-एि उतपाद और
                                                                                                   ू
                                                                       ह्तसिलप िे िामान िी दरुिानें और रि िोट्ड भी
                                                                       बनाए गए हैं।
                                                                     n महादेव िे सप्रय रुद्राक्, बेल, पाररजात िे पौधों िे िाथि
                                                                       ही अिोि िे पेि और तरह-तरह िे रूल धाम पररिर
                                                                       में लगाए जा रहे हैं।
                                                                                       रु
                                                                     n धाम में सदवयांगों और बजरुगगों िे आवागमन िे सलए
                                                                       सविेष वयव्थिा िी गई है। रैंप और ए्िलेटर िी
                                                                       अतयाधरुसनि िरुसवधा धाम में उपलबध है।
                                                               नवशवनाथि धाम।
        प्रधानमंत्रली मोदली अचानक कॉरििोि बनाने वाले श्नमकों से नमलने पहयुंच रए।
        सभली नए परिसि कली सलीनढ़रों पि बै्ठे थिे। प्रधानमंत्रली वहां पहंचे औि किलीब 10   उज्वल भढ़वष््य की नींव
                                             यु
        नमनट तक उन पि फूल बिसाते िहे। उनके साथि सलीढ़ली पि हली बै्ठ रए। उनहोंने   काशली नवशवनाथि धाम का लोकापयार, भाित को एक ननरायारक
        मजदूिों से नवशवनाथि धाम के ननमायार से जड़े उनके अनभव पूछे। इसके बाद   नदशा  देरा,  एक  उज्जवल  भनवषर  कली  तिफ  ले  जाएरा।  रे
                                           यु
                                  यु
                              यु
        उनहोंने बाबा का जरकािा लराते हए सभली के साथि फोटो नखंचवाई।

          8  न्यू इडिया समाचार | 1-15 जनवरी 2022
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