Page 14 - NIS - Hindi 16-30 June, 2022
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देि       योग नदवस




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        सूचली में शानमल नकरा। इसके बाद से रोग वाट्तव में आज जन   को देखते हए रह कहा जा सकता है नक 2014 में रोग को लेकि
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        आंदोलन बन गरा है। आईिलीवाई के हि गजिते साल में रोग कली   नकए जा िहे शोधों कली प्रवृनति में बदलाव आरा है। प्रली-आईिलीवाई
        बढतली पहंच देखली जा िहली है। वतयामान में 192 देश औि नवदेशों में   2014 से पहले औि 2015 के बाद नकए गए औसत प्रकाशनों औि
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        भाितलीर नमशन औि पोट्ट के माधरम से 170 से अनधक देशों में   नैदाननक पिलीक्णों के आधाि पि रोग से संबंनधत नैदाननक पिलीक्णों
                                                                                      यु
        आईिलीवाई का आरोजन हो िहा है। रहां तक कली कोनवि-19 के दौि   कली संखरा में लगभग 6 गना वृनधि हई है औि शोध में औसत वानषयाक
                                                                               यु
                                                                               यु
        में भली रोग का प्रभाव कम नहीं हआ औि हि साल रोग के आरोजनों   प्रकाशन में लगभग 11 गना वृनधि हई है। इससे रह सानबत हो िहा है
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        में प्रतरक् औि पिोक् रूप से लोगों कली भागलीदािली बढतली जा िहली है।   नक बढते नचनकतसा पेशेविों औि रोग नवशेषज्ों ने रोग के अभरास
        अंतििाषरिलीर रोग नदवस 2021 में किलीब 15 किोड़ से अनधक लोग   औि रोग को अपनाने के नलए रोग के अधररन पि अपना धरान औि
        प्रतरक् औि पिोक् रूप से शानमल हए। इस बाि एक साथ सामूनहक   प्ररास केंनद्रत नकरा है।
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        रूप से 25 किोड़ लोगों को रोग किाने का लक्र िखा गरा है। पहले    दननरा भि में रोग कली बढतली लोकनप्ररता का अंदाजा इस बात
                                                                  यु
        आईिलीवाई में हली दो नगनलीज वलि्ट रिकॉि्ट बनाए गए। पहला रिकॉि्ट   से भली लगारा जा सकता है नक भाित के पहले रोग नवशवनवद्ालर,
                                                                                                       यु
        सबसे बड़ली संखरा में भाग लेने वालली िाषरिलीरताओं (84 िाषरि) औि   लकुललीश रोग नवशवनवद्ालर में प्रवेश कली संखरा में तलीन गना वृनधि
        दूसिा एक हली ट्थान औि एक हली कारयाक्म में 35,985 लोगों कली   देखली गई है। सामानर रोग प्रोटोकॉल को एक हजाि से अनधक
        भागलीदािली का िहा।                                                   नवशवनवद्ालरों,  30  हजाि  कॉलेजों  औि

          इस वषया हम आ्ठवां अंतििाषरिलीर रोग                                 सलीबलीएसई से संबधि किलीब 24 हजाि ट्ककूलों
        नदवस मना िहे हैं। रह पूिे नवशवास के साथ                              को शानमल नकरा गरा। बेहति ट्वाट््थर औि
        कहा जा सकता है नक इस वषया अंतििाषरिलीर                               कलराण के नलए दो लाख से अनधक ग्ाम
        रोग नदवस को नपछले सात वषषों कली तलना                                 पंचारतों को रोग के ननरनमत अभरास औि
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        में अनधक उतसाह, भवरता औि दननरा भि      भारत ने जो                    सामानर रोग प्रोटोकॉल के बािे में संवेदनशलील
        के देशों कली वरापक भागलीदािली के साथ नरा                             बनारा गरा है। 1.25 लाख वैलनेस सेंटि
        रिकॉि्ट ट्थानपत किते हए मनारा जाएगा।   हानसल ककया                    समग् ट्वाट््थर के संबंध में नशक्ा प्रदान किते
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        इस बाि किलीब 170 देशों में रोग प्रदशयान   विशि में योग को सॉफट       हैं। छात्रों में एकता कली भावना पैदा किने के
        होगा औि इसका आकषयाण गानि्टरन रिंग   पािि की पहचान वदलाई              नलए ट्ककूलों में िाषरिलीर रोग ओलंनपराि कली
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        होगा।  गानि्टरन  रिंग  के  तहत  उगते  हए                             शरुआत कली गई है।
        सूिज वाले देश जापान में सूिज के उगने   योग पि शोध औि                    आईिलीवाई कली एक औि उपलस्बध जलीवन
        के  साथ  हली  सामानर  रोग  प्रोटोकॉल  का   कलीवनकल ट्रायल में        के सभली क्ेत्रों औि नवनभन्न क्ेत्रों के लोगों को
        अभरास होगा। सूिज के उगने के साथ हली   कई गुना इिािा                  रोग के दारिे में शानमल किना है। ट्वट्थ
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        दननरा के अनर देशों में भली लोग इसली तिह                              जलीवन शैलली अपनाने के नलए बड़ली संखरा में
        रोग का अभरास किेंगे। िलीिली इंनिरा पि                                मनहलाएं रोग कली ओि रुख कि िहली हैं। अब
        रह लाइव देखा जा सकेगा औि पूिे 24 घंटे इसका प्रसािण होगा।  नदवरांग भली समग् वरस्कततव नवकास, तनाव को दूि किने, मन को

          इस जन आंदोलन को गनत देने के नलए भाित सिकाि कोई कसि   स्ट्थिता प्रदान किने के नलए रोग कली सेवाओं का सहािा ले िहे हैं।
        नहीं छोड़ िहली है। प्रधानमंत्रली निेंद्र मोदली ने रोग के प्रचाि औि नवकास   बेहद सदया औि उच्चतम नहमालरली क्ेत्रों, देश के सबसे दूि के
        में उतकृषट रोगदान के नलए दो पयुिट्कािों (एक अंतििाषरिलीर औि   नहट्सों, सबसे वरट्त बाजाि औि कारयाट्थलों आनद में रोग नकरा जा
        दूसिा िाषरिलीर) कली घोषणा कली। रोगासन को प्रनतट्पधधी खेल भली   िहा है। महामािली के दौिान लाखों ट्वाट््थर कमयाचारिरों औि कोनवि-
        घोनषत नकरा गरा है। इसने प्राचलीन अभरास को औि बढावा नदरा है   19 िोनगरों ने रोगासन, प्राणाराम औि धरान का अभरास नकरा।
        औि रोग लाभों के बािे में जागरूकता फैलाई है।          आईिलीवाई को तकनलीकली क्ांनत से जोड़ने पि भली जोि नदरा गरा,
          इस प्राचलीन पिंपिा के आधननक ननषकषषों के नलए सेंरिल काउंनसल   नजसमें मोबाइल आधारित एस््पलकेशन जैसली आईिलीवाई परिसंपनतिरों
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        फॉि  रिसचया  इन  रोग  एंि  नेचयुिोपैथली  (CCRYN)  ने  प्रकानशत   को शानमल नकरा गरा। इसमें नमट्ते रोग, वाई बेक, िबलरूएचओ-
        सूचकांक पनत्रकाओं में 113 शोध प्रकानशत नकए हैं। शोध प्रवृनतिरों   एम रोग, औि रोग पोट्टल प्रमख हैं।  n
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          12  नयू इंनडयटा समटाचटार | 16-30 जून 2022
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