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देि       योग नदवस






           8वां अंतरराष्ट्रीय योग ददवस


            मटानवतटा को भटारत कटा वरदटान











                                                                गीता में कहा गया है-

                                                               तं विद्ाद् दुःख संयोग, वियोगं योगसंवञितम्
                                                                 अथाथात्, दुखों से वियोग को ही योग कहते हैं।

                                                                 योग की शुरुआत भाित में हुई थी। ये ऐसी
                                                                                                  े
                                                                 तकनीक है, िो कोई भी मुफत में इसतमाल कि
                                                                 सकता है। भाितीय धमथा औि दशथान में योग का

                                                                 अतयवधक महति है।  2014 से योग िह सेत    ु
                                                               बनकि उभिा है, विसने न वसि्क भाितीय दशथान

                                                               से पिी दवनया को परिवचत किाने का काम वकया,
                                                                  ू
                                                                      ु
                                                                           ू
                                                                               ु
                                                               बपलक आि पिी दवनया में योग को भाित की
                                                               विलक्ण शपकत औि सॉफट पॉिि के रूप में देखा
                                                               िाता है। ये मानिता की भलाई का िो ििदान है,
                                                               िो भाित ने दवनया को वदया है। इस बाि 21 िून को
                                                                           ु
                                                               किीब 192 से अवधक देश अंतििाष्ट्रीय योग वदिस

                                                               को वकसी न वकसी रूप में मनाएंगे तो आइए मानिता
                                                               के इस ििदान को औि आगे बढ़ाने का संकलप लं...
                                                                                                          े
                                                                                                          े

                                                                        ित ने अपने सॉफट पॉवि रोग से ना नसफ्फ देश के
                                                                        नागरिकों के कलराण बस्लक नवशव के कलराण कली
                                                              भाभावना से दननरा को परिनचत किारा है। रहली वजह
                                                                                यु
                                                                                                         यु
                                                                        है नक भाित के प्रट्ताव पि संरयुकत िाषरि में दननरा
                                                              के सवायानधक देशों के समथयान औि रिकाॅि्ट सबसे कम समर

                                                              में 21 जून को रोग के अंतििाषरिलीर नदवस के तौि पि मनाने
                                                              कली ट्वलीकृनत दली गई। रह अंतििाषरिलीर ट्ति पि भाित कली बढतली
                                                              ताकत औि उसकली संट्कृनत के सममान के नलए सबसे बेहतिलीन
                                                                         उदाहिणों में से एक है।
                                                                           रोग पहले भली दननरा में लोकनप्रर था लेनकन
                                                                                       यु
                                                                         संरयुकत  िाषरि  ने  जब  से  रोग  को  अंतििाषरिलीर




                                                                                    नयू इंनडयटा समटाचटार | 16-30 जून 2022  7
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