Page 51 - NIS - Hindi 16-30 June, 2022
P. 51

देि        युवा निनवर






















         भटारत आज दुननयटा की ‘नई उममीद’
         भ     टा रत आज दुन                     न     य   टा  की ‘नई उम                       मी      द’





            कोविड महामािी के संकट के बीच दुवनया को िैकसीन औि दिाइयां पहुंचाने, वबखिी हुई आपूवतथा श्रृंखला के बीच
        आतमवनभथािता की उममीद के साथ िपशिक शांवत औि संघषषों के दिमयान शांवत के वलये एक सामथयथािान िाष्ट्र की भूवमका
                                       ै
         तक, भाित आि दुवनया की ‘नई उममीद’ बन कि उभिा है। इतना ही नहीं, आि, िनभागीदािी बढ़ने के साथ सिकाि के
         काम किने औि समाि के सोचने का तिीका बदल गया है। सॉफटिेयि से लेकि अंतरिक् तक, भाित हि क्ेत् में एक नए
          भविष्य के वलये ततपि देश के रूप में उभि िहा है। आि िहां भी चुनौवतयां हैं, िहां आशा के साथ भाित मौिूद है, िहां
                             भी समसया है, िहां हि समसयाओं का भाित कि िहा है समाधान पेश...
        भा          ित आज एक नए भनवषर के नलए ततपि देश के रूप में   युिाओं को समाि सेिा औि िाष्ट्र



                    उभि िहा है औि िाषरि कली रह सफलता हमािे रवाओं के
                                                    यु
                                                                                                े
                  साम्थरया का सबसे बड़ा सबूत है। प्रधानमत्रली निद्र मोदली
                                                    ें
                                                ं
                 नव भाित के ननमायाण में रवाओं कली भनमका को महतवपणया   वनमाथाण में शावमल किना उद्शय
                                                        ू
                                   यु
                                            ू
                                                               प्रधानमंत्ली  नरेंद्र  मोिली  ने  19  मई  को  िलीदर्यो  कॉ्फ्ेंदसंग
        मानते हैं औि रहली कािण है नक वह समाज के हि पलीढली में ननिंति चरित्र   के  माध्यम  से  करे्लीबाग,  िरोिरा  में  आ्योदजत  दकए  गए
        ननमायाण पि जोि देते हैं। गयुजिात के विोदिा में श्रली ट्वामलीनािारण मनदि   ‘्यिा  दशदिर'  को  संबोदधत  दक्या।  श्रली  सिामलीनारा्यण  मंदिर,
                                                       ं
                                                                 ु
                                                                 ं
                                                                 कु
                     यु
                                                  ं
                                           यु
        विािा आरोनजत रवा नशनवि को संबोनधत किते हए प्रधानमत्रली मोदली न  े  कर्धाम और श्रली सिामलीनारा्यण मंदिर करे्लीबाग, िरोिरा
                                                                                                         े
                              यु
        कहा, “मयुझे नवशवास है, मिे रवा साथली जब इस नशनवि से जाएंगे, तो   ने इस दशदिर का आ्योजन दक्या। इस दशदिर का उद्श्य
                           े
                                                                              ु
                                       ें
        वो अपने भलीति एक नई ऊजाया महसूस किगे। एक नई ट्पषटता औि   अदधक से अदधक ्यिाओं को समाज सेिा और राष्ट् दनमा्यण
                                                   ं
                                ें
        नवचेतना का संचाि अनयुभव किगे।” श्रली ट्वामलीनािारण मनदि विािा   में शादम् करना और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत, ‘आतमादनभ्यर
                                                                                                        ु
        आरोनजत इस तिह के जो नशनवि आज चलाए जा िहे हैं, वह न केवल   भारत’, ‘सिचछ भारत’ आदि जैसली पह् के माध्यम से ्यिाओं
              यु
        हमािे रवाओं में अचछे ‘सट्काि’ पैदा कि िहे हैं, बस्लक वह समाज,   को एक नए भारत के दनमा्यण में भागलीिार बनाना है।
                           ं
                              यु
        अस्ट्मता, गौिव औि िाषरि के पनजायागिण के नलरे पनवत्र तथा नैसनगयाक
                         ं
        अनभरान भली हैं। प्रधानमत्रली मोदली कली सोच िहली है नक नए भाित के ननमायाण   हमािे वलए संसकाि का अथथा है- वशक्ा, सेिा
                  ू
        के नलरे सामनहक संकलप नकरा जारे औि नमलकि प्ररास नकए जाएं।   औि संिेदनशीलता! हमािे वलए संसकाि का अथथा
        ऐसे में इस तिह के नशनविों से ननकले रवाओं के माधरम से एक नए   है- समपथाण, संकलप औि सामथयथा! हम अपना उतथान
                                     यु
        भाित का ननमायाण हो। एक ऐसा नरा भाित, जो नई सोच औि सनदरों   किें, लेवकन हमािा उतथान दूसिों के कलयाण का भी
        पयुिानली सट्कृनत, दोनों को एक साथ लेकि आगे बढ। पिली मानव जानत को   माधयम बने! हम सिलता के वशखिों को छूएं, लेवकन
                                             ू
                                          े
              ं
                                   ें
                                      े
        नदशा दे नजससे भाित अपना उतथान कि, लनकन हमािा उतथान दूसिों के   हमािी सिलता सबकी सेिा का भी िरिया बने।
                           यु
        कलराण का माधरम औि दननरा कली नई उममलीद भली बने। n                   - निेंद्र मोदी, प्धानमंत्ी
                                                          प्रिािमंत्ी का पूरा
                                                          संबोिि सुििे के नलए
                                                          QR कोड सकैि करें          न्यू इंडि्ा समाचार | 16-30 जन 2022 49
                                                                                                    यू
   46   47   48   49   50   51   52   53   54   55   56