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वयक्िति    बीजू प्नायक




                                                   आधुहिक ओहिशा





                                                   के हिमा्षता







                                                              जन्म :  5 ्मार्च 1916, ्मृत्यु : 17 अप्रैल 1997






            एक राजि्ता हजनिें सककूल के समय से िी ररोमांच पसंद था। बड़े िुए ्तरो पायलट बिे। हजनिोंिे दरो देशों के
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          सि्तत््ता संग्ाम में हिससा हलया। कशमीर में पाहकस्ताि के हखलाफ युद्ध में अपिी जाि की बाजी ्तक लगा
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            दी। आजाद भार्त में राजिीह्त में सहरिय िुए ्तरो दरो बार मुखयमंत्ी और एक बार केंद्रीय मंत्ी के पद ्तक
          पिुंचे। जब हििि िुआ ्तरो ्तीि देशों के राष्ट्र धिज करो उिके पाहथ्गि शरीर पर लपेटा गया। ऐसे थे हबजयािंद
           पटिायक, हजनिें देश बीजू पटिायक के िाम से आिहिक ओहडशा के हिमा्ग्ता के ्तौर पर जाि्ता ि…...
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        ओ         प्टनायक  और  आशािता  देवी  के  घर  जनमे  बीजू  ने   का है। इंड़ोनेलशया ने अपने अलधकांश इिाकों क़ो 1946 के आलखरी
                लडशा  के  गंजम  में  5  माचति  1916  क़ो  िक्मीनारायण
                                                               बीजू प्टनायक से जुड़ा एक और महतवपूणति लकससा इंड़ोनेलशया

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                प्ाथलमक लशक्ा लमशन प्ाइमरी सकि और लमशन क्राइस्ट   महीनों में डचों यानी नीदरिैंड के कबजे से मुकत करा लिया था।
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        कॉिलजए्ट क्टक से पूरी की। 1927 में वह रेवेनशॉ लवद्ािय चिे   िलकन  1947  आते-आते  डचों  ने  एक  बार  लफर  इंड़ोनेलशया  पर
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        गए,  जहां  एक  समय  पर  नेताजी  सुभाषचंद्र  ब़ोस  ने  भी  अधययन   धावा ब़ोि लदया। नेहरू ने बीजू प्टनायक क़ो पुराने डक़ो्टा पिेन के
        लकया था। वह अपने कॉिेज के लदनों में प्लतभावान लखिाड़ी थे और   साथ इंड़ोनेलशया भेजा। डच सेना ने उनके जहाज क़ो मार लगराने की
        यूलनवलसति्टी की फु्टबॉि, हॉकी और एथिल्टकस ्टीम का नेतृतव करते   क़ोलशश की, िलकन बीजू लकसी तरह वहां के उपराषट्पलत म़ोहममद
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                                                                        े
        थे। वह तीन साि तक िगातार सप़ोरसति चैंलपयन रहे। लदरिी फिाइंग   हट्ा और प्धानमंत्री सुतन सजहरीर क़ो साथ िेकर लदरिी आ गए।
        किब और एयरऩोल्टक ट्ेलनंग इंस्टीट्ू्ट ऑफ इंलडया में पायि्ट का   इस बहादुरी के काम के लिए बीजू बाबू क़ो मानद रूप से इंड़ोनेलशया
        प्लशक्ण िेने के लिए उनहोंने बीच में ही पढाई ़्ोड़ दी। बचपन से   की नागररकता दी गई और उनहें इंड़ोनेलशया के ‘भूलम पुत्र’ सममान से
        ही उनकी रुलच हवाई जहाज उड़ाने में थी। ट्ेलनंग िेने के बाद उनहोंने   नवाजा गया था। 1995 में बीजू क़ो इंड़ोनेलशया के सववोच्च राषट्ीय
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        प्ाइवे्ट एयरिाइंस के लिए उड़ान भरनी शुरू की। िलकन दूसरे लवशव   पुरसकार ‘लबंताग जसा उतान’ से भी सममालनत लकया गया। इंड़ोनेलशया
        युद्ध के दौरान उनहोंने रॉयि इंलडयन एयर फ़ोसति जवाइन कर िी।   ने लदरिी में अपने दूतावास के एक कमरे का नाम उनके नाम पर
          कहा जाता है लक लद्तीय लवशव युद्ध के दौरान स़ोलवयत संघ संक्ट   लकया हुआ है।
        में लघर गया त़ो वह प्टनायक ही थे, लजनहोंने लवमान डक़ो्टा उड़ा   उनहोंने  ही  कलिंग  एयरिाइंस  की  शुरुआत  की  ज़ो  1953  में
        कर दुशमन सेनाओं पर बमबारी की। बीजू प्टनायक की बहादुरी पर   अलधग्हण के बाद इंलडयन एयरिाइंस बनी। 50 के दशक में बीजू
        उनहें स़ोलवयत संघ के सववोच्च पुरसकार के साथ वहां की नागररकता   राजनीलत में आ गए। पहिे कांग्स के प्देश अधयक् बने और 1961 में
                                                                                   े
        दी गई। लद्तीय लवशवयुद्ध के दौरान रंगून में फंसे हजारों भारतीयों क़ो   ओलडशा के मुखयमंत्री बनाए गए। आपातकाि में जेि गए त़ो 1977
        बचाने का श्य भी उनहीं क़ो जाता है। महातमा गांधी से प्भालवत ह़ोकर   में म़ोरारजी देसाई की सरकार में केंद्रीय इसपात और खान मंत्री बनाए
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        बीजू सवतंत्रता संग्ाम से जुड़ गए। 1947 में आजादी के ठीक बाद   गए। 1990 में जनता दि की ओर से लफर ओलडशा के मुखयमंत्री बने।
        जब पालकसतानी कबाइलियों ने कशमीर पर हमिा लकया त़ो भारतीय   17 अप्ैि 1997 क़ो उनका लनधन ह़ो गया। 19 अप्ैि 1997 क़ो जब
        सैलनकों की पहिी ्टुकड़ी िेकर बीजू प्टनायक ही श्ीनगर हवाई अड्  े  उनकी अंलतम यात्रा लनकि रही थी तब उनके पालथतिव शरीर क़ो 3 देशों
        पर उतरे। लफर उनके पी्े सैलनकों से भरे अनय हवाई जहाज भी उतरे   (भारत, इंड़ोनेलशया और रूस) के राषट्ीय धवज में िपे्टा गया था। n
        और तब लकसी प्कार कशमीर क़ो बचाया गया।





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                                                                                      ं
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