Page 10 - NIS Hindi 01-15 March 2022
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श्रदांजपल  लिा मंगेिकि


















            जब अकाल पीहड़्तों के हलए फ्ी में शरो हकया        पिला हफलमफेयर अिाड       ्ड
                                                                         े
            राजस्थान में 1987 के दौरान लगातार अकाल िड़ रहा था। अकाल   1958 तक सिलमि्र अवॉ्ड्ट में िव्दश्े्ठ गा्न के सलए िुरस्कार ही नहीं
                                                                                          दे
                                ं
            िीसड़तरों की मदद के सलए एक िस्था ने ज्िुर के एिएमएि    था। 1957 में शंकर ज्सकशन को िव्दश्े्ठ सनदशक का िुरस्कार समलन  े
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            स्टेस्ड्म में शो रखा। िस्था के आग्रह िर लता मंगेशकर ने सबना   वाला था और वो लता के िाि आए सक लता िमारोह में गाना गाएं। लसकन
                                                                                                        े
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            िीि सलए का््दक्रम में प्रस्तुसत देना स्वीकार कर सल्ा। लसकन   लताजी ने मना कर सद्ा, कहा- मैं सिलमि्र में नहीं गाऊंगी। आिको
            मुश्कल ्ह थी, सक शो वाले सदन गुरुवार था। लताजी इि सदन   िुरस्कार समल रहा है, मुझे नहीं। वो लोग िव्दश्े्ठ गा्क ्ा गीतकार
            उिवाि करती थीं और कोई गाना नहीं गाती थीं। लसकन लताजी   को िुरस्कार नहीं दे रहे। तो अिने ऑरकेस्ट्ा दल को कसहए सक सबना
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            ने अिना ्ह सन्म लोगरों की खासतर तोड़ सद्ा। इि शो में लता   गा्क के धुन बजाएं। मैं सिलमि्र के सलए तब तक नहीं गाऊंगी जब
                                                                                  े
            मंगेशकर ने भखे िेट 26 गाने गाए थे। उिवाि िर होने के कारण   तक िा्व्दगा्क और गीतकार लोगरों  के सलए भी िुरस्कार घोसरत नहीं
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            उनहरोंने तब िरे सदन कुछ भी नहीं खा्ा था। शो िे 1 करोड़ 1 लाख   सकए जाते। 1959 में ्ह अवा्ड्ट शुरू हुआ। तब िुरुर और मसहला गा्करों
            रुि्े की कमाई हुई। लताजी ने इिमें अिनी तरि िे भी ििे समलाए   के सलए एक ही कैटेगरी थी। 1959 में इि वग्द का िहला अवॉ्ड्ट लताजी न  े
                                                  ै
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            और अकाल िीसड़तरों के सलए दे सदए।                 ही सिलम मधुमती के गाने  'आजा रे िरदिी' के सलए जीता।
            राजयसभा सांसद थीं ल्ता मंगेशकर                   आहखरी बार 2019 में ररकॉड्ड हकया था गािा
                                               ं
             लता मंगेशकर िाल 1999 िे 2005 तक राज्िभा में िािद थीं। उनह  ें  लता मंगेशकर ने अिना आसखरी गीत ‘िौगंध मुझे इि समट्ी की’
                                            ं
            िाल 1999 में राज्िभा (उच् िदन) के सलए नामासकत सक्ा ग्ा   को िाल 2019 में ररकॉ्ड्ट सक्ा था। इिे म्यूरेश िई ने भारती्
            था। उनह प्रसतश्ठत रॉ्ल अलबट्ट हॉल, लंदन में िरिॉम्द करने वाली   िेना और रा्ट् को श्दांजसल के रूि में कंिोज सक्ा था। इिे 30
                 ें
            िहली भारती् होने का िममान प्रापत है। फांि की िरकार ने उनह  ें  माच्द, 2019 को ररलीज सक्ा ग्ा था।
            अिने िववोच् नागररक िुरस्कार, 2007 में लीजन ऑि ऑनर िे भी
            िममासनत सक्ा। 2011 में लता मंगेशकर का नाम सगनीज बुक ऑि
            वल्ड्ट ररकॉ्ड्ट में िबिे ज्ादा गाने ररकॉ्ड्ट करने वाली गास्का के
            तौर िर दज्द हुआ। लता मंगेशकर के इि वल्ड्ट ररकॉ्ड्ट को उनकी
            छोटी बहन और सदगगज सिंगर आशा भरोंिले ने तोड़ा था।

        तसवीर बदि रही है और इससे मुझे बहुत खुशी ह़ोती है।’ िता दीदी   पीएम  म़ोदी  ने  वषति  2021  में  उनके  92वें  जनमलदन  पर  भी
        ने यह भी कहा था लक उनहोंने अपने जनमलदन पर पीएम म़ोदी की मां   शुभकामनाएं दी थीं। उनहोंने कहा था, 'आदरणीय िता दीदी क़ो
        का आशीवातिद लिया था। िता दीदी और पीएम म़ोदी एक-दूसरे क़ो   जनमलदवस की बधाई। उनकी मधुर वाणी पूरे लवशव में गूंजती है।
                                                                                      कृ
        जनमलदन की बधाई देते थे। एक जनमलदन-संदेश में उनहोंने कहा था   अपनी लवनम्रता और भारतीय संसकलत के प्लत िगाव के लिए उनका
        लक ''नमसकार नरेंद्र भाई। आपक़ो जनमलदन की बहुत बधाई। ईशवर   आदर लकया जाता है। उनका आशीवातिद मेरे लिए शशकत का स़्ोत है। मैं

        आप क़ो हर काम में यश दे, यही मंगि कामना। तथासतु।'' इस पर   िता दीदी की दीघातियु और उनके सवसथ जीवन के लिए प्ाथतिना करता
        पीएम म़ोदी ने जवाब लदया था, ''धनयवाद िता दीदी। मुझे कई वषमों   हूं।’ िता दीदी का लनधन वासतव में देश के लिए एक दुखद लदन है।
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        तक आपका आशीवातिद प्ापत करने का सौभागय प्ापत हुआ है। वे मुझे   िलकन उनकी आवाज अब भी पूरे देश में गूंजेगी। इस साि बील्टंग द
        अपार शशकत देते हैं।'' अलभवादन के इस आदान-प्दान क़ो देखें त़ो   ररट्ी्ट सेरेमनी में पीएम म़ोदी के कहने पर 'ऐ मेरे वतन के ि़ोगों...'
        िता दीदी और उनके 'नरेंद्र भाई' के बीच आपसी स्ह और गमतिज़ोशी   की धुन बजाई गई। िता दीदी द्ारा गाया गया यह गीत हर भारतीय के
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        क़ो देखा जा सकता है।                                 लदि में देशभशकत की भावना भर देता है। n




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