Page 15 - NIS Hindi september 01-15, 2022
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राष्टट्र राष्टट्रपदत िा संबोधन
स्वास््थ्य, सशक्षा और अर्व्यवस्र्ा महामािली के गंभलीि संकट के आनर्याक परिणामों से जूझ िहली र्ली
्ष
तब भाित ने स्वर्ं को संभाला औि अब पुनः तलीव्र गनत से आगे
तर्ा इिके िार् जुड़टे अन्य क्षेत्ों में बढ़ने लगा है। इस समर् भाित दुननर्ा में सबसे तेजली से बढ़ िहली
या
टे
जो अच््छ बदलाव सदखाई दे रहे हैं प्रमुख अर्-व्र्वस्र्ाओं में से एक है।
उिके मूल में िुशािि है। मूल ित्गव्यों िे बारे में िान ें
भाित में आज संवेदनशलीलता व करुणा के जलीवन-मूल्र्ों को
प्रमुखता दली जा िहली है। इन जलीवन-मूल्र्ों का मुख्र् उद्देश्र्
नवदेशली शासकों ने वषयों तक भाित का शोषण नकर्ा र्ा। इस हमािे वंनचत, जरूितमंद तर्ा समाज के हानशर्े पि िहने वाले
कािण भाित के लोग गिलीबली औि अनशक्षा से जूझ िहे र्े। लेनकन लोगों के कल्र्ाण का कार् किना है। हमािे िाष्ट्लीर् मूल्र्ों को,
या
भाितवानसर्ों ने उन लोगों कली आशंकाओं को गलत सानबत कि नागरिकों के मूल कतयाव्र्ों के रूप में, भाित के संनवधान में
नदर्ा। भाित कली नमट्टली में लोकतंत्र कली जड़ें लगाताि गहिली औि समानहत नकर्ा गर्ा है। देश के प्रत्र्ेक नागरिक से मेिा अनुिोध
मजबूत होतली गईं। है नक वे अपने मूल कतयाव्र्ों के बािे में जानें, उनका पालन किें,
लोितंत्र िी वेास्तदवेि क्षमता से पररदचत िराया नजससे हमािा िाष्ट् नई ऊंचाइर्ों को छू सके।
अनधकांश लोकतांनत्रक देशों में वोट देने का अनधकाि प्राप्त
किने के नलए मनहलाओं को लंबे समर् तक संघषया किना हमारा िंकल्प है सक वर््ष 2047
पड़ा र्ा। लेनकन हमािे गणतंत्र कली शुरुआत से हली भाित ने
सावयाभरौनमक वर्स्क मतानधकाि को अपनार्ा। प्रत्र्ेक वर्स्क तक हम अपिे स्वाधीिता
े
नागरिक को िाष्ट्-ननमायाण कली सामूनहक प्रनक्रर्ा में भाग लेने का ििासियों के िपिों को पूरी तरह
अवसि प्रदान नकर्ा। िाकार कर लेंगे।
‘आिािी िा अमृत महोत्सवे’ िनता िो समदप्गत
‘आजादली का अमृत महोत्सव’ माचया 2021 में दांिली र्ात्रा कली
स्मृनत को निि से जलीवंत रूप देकि शुरू नकर्ा गर्ा। उस बाधाओं िो पार िर आगे बि रही हैं मदहलाएं
र्ुगांतिकािली आंदोलन ने हमािे संघषया को नवश्व-पटल पि मनहलाएं अनेक रूनढ़र्ों औि बाधाओं को पाि किते हुए आगे
स्र्ानपत नकर्ा। उसे सम्मान देकि हमािे इस महोत्सव कली बढ़ िहली हैं। सामानजक औि िाजनलीनतक प्रनक्रर्ाओं में उनकली
शुरुआत कली गई। र्ह महोत्सव भाित कली जनता को समनपयात है। बढ़तली भागलीदािली ननणायार्क सानबत होगली। आज हमािली पंचार्तली
15 नवेंबर ‘िन-िातीय गौरवे दिवेस’ िाज संस्र्ाओं में ननवायानचत मनहला प्रनतनननधर्ों कली संख्र्ा चरौदह
अनेक वलीि र्ोद्धाओं तर्ा उनके संघषयों नवशेषकि नकसान औि लाख से कहीं अनधक है। हमािे देश कली बहुत सली उम्मलीदें हमािली
आनदवासली समुदार् के वलीिों का र्ोगदान एक लंबे समर् तक बेनटर्ों पि नटकली हुई हैं। समुनचत अवसि नमलने पि वे शानदाि
सामूनहक स्मृनत से बाहि िहा। नपछले वषया से हि 15 नवंबि को सिलता हानसल कि सकतली हैं। हमािली बेनटर्ां िाइटि पार्लट
‘जन-जातलीर् गरौिव नदवस’ के रूप में मनाने का सिकाि का से लेकि अंतरिक्ष वैज्ाननक होने तक हि क्षेत्र में अपना पिचम
ननणयार् स्वागत-र्ोग्र् है। हमािे जन-जातलीर् महानार्क केवल लहिा िहली हैं।
स्र्ानलीर् र्ा क्षेत्रलीर् प्रतलीक नहीं हैं बक्ल्क वे पूिे देश के नलए मातृभूदम िे दलए सब िुछ अप्गणो िरने िा लें संिल्प
प्रेिणा स्रोत हैं। आज जब हमािे पर्ायाविण के सम्मुख नई-नई चुनरौनतर्ां आ िहली
हमारी उपलब््धधयां अनेि दवेिदसत ििों से अदधि हैं तब हमें भाित कली सुंदिता से जुड़ली हि चलीज का दृढ़तापूवयाक
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हमने देश में हली नननमयात वै्तसलीन के सार् मानव इनतहास का संिक्षण किना चानहए। जल, नमट्टली औि जैनवक नवनवधता का
सबसे बड़ा टलीकाकिण अनभर्ान शुरू नकर्ा। नपछले महलीने संिक्षण हमािली भावली पलीनढ़र्ों के प्रनत हमािा कतयाव्र् है। हमािे
हमने 200 किोड़ वै्तसलीन िोज का आंकड़ा पाि कि नलर्ा है। पास जो कुछ भली है वह हमािली मातृभूनम का नदर्ा हुआ है।
इस महामािली का सामना किने में हमािली उपलक्ब्धर्ां नवश्व के इसनलए हमें अपने देश कली सुिक्षा, प्रगनत औि समृनद्ध के नलए
अनेक नवकनसत देशों से अनधक िहली हैं। जब दुननर्ा कोिोना अपना सब कुछ अपयाण कि देने का संकल्प लेना चानहए। n
न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 डसतंबर 2022 13