Page 19 - NIS Hindi september 01-15, 2022
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ित कली स्वाधलीनता के 75 वषया र्ानली स्वतंत्रता
                                                                           कली ऊजाया का अमृत, नए नवचािों का अमृत,
                                                                           आत्मननभयािता का अमृत, भाित को नवकनसत
                                                             भा िाष्ट् बनाने के नए संकल्पों का अमृत। इस
                                                             15 अगस्त को अपनली आजादली के 75 वषया पूिे कि 76वें वषया में

                                                             जब भाित प्रवेश कि िहा र्ा, तब लाल नकले कली प्राचलीि हो र्ा
                                                             निि देश का हि कोना र्ा नवश्व में बसे भाितलीर्ों के विािा र्ा भाित
                                                             के प्रनत प्रेम िखने वालों का िाष्ट्ध्वज नतिंगा के प्रनत उत्साह कुछ
                                                             उसली तिह र्ा जैसा स्वाधलीनता संघषया कली गार्ा को संजोए देश ने
                                                             75 वषया पहले देखा र्ा। हि कोने में आन-बान-शान के सार्
                                                             लहिाते नतिंगे ने अमृत महोत्सव कली अनमट छाप छोड़ली औि र्ह
                                                             ऐनतहानसक नदवस भाित कली र्ात्रा का एक पुण्र् पड़ाव, एक नई
                                                             िाह, एक नर्े संकल्प औि नर्े सामर्र्या के सार् कदम बढ़ाने का
                                                             शुभ अवसि बन गर्ा।

                                                                आजादली के इन 75 वषयों में भाित ने हि चुनरौनतर्ों को पाि नकर्ा
                                                             है। 75 साल कली इस र्ात्रा में आशाएं-अपेक्षाएं, उताि-चढ़ाव
                                                             के बलीच में सबके प्रर्ास से िाष्ट् ने अपना सिि तर् नकर्ा है।
                                                                                                         ें
                                                             वषया 2014 में जब देश कली जनता ने आजाद भाित में जन्मे निद्
                                                             मोदली को प्रधानमंत्रली के रूप में िाष्ट् कली सेवा का अवसि नदर्ा तो
                                                             उन्होंने लाल नकले कली प्राचलीि हो र्ा निि िाष्ट् से जुड़े सामानजक-
                                                             नलीनतगत-आनर्याक  िैसले,  दृढ़  इच्छाशक््तत  का  परिचर्  नदर्ा।

                                                             अपने जलीवन का एक लंबा कालखंि उन्होंने समाज के भलीति
                                                             गिलीब से गिलीब तक को सश्तत किने में लगा नदर्ा। दनलत हो,
                                                             शोनषत हो, पलीनड़त हो, वंनचत हो, आनदवासली हो, मनहला हो, र्ुवा
                                                             हो, नकसान हो, नदव्र्ांग हो, पूवया हो, पक्श्चम हो, उत्ति हो, दनक्षण
                                                             हो, समुद् का तट हो, नहमालर् कली कन्दिाएं हो, हि कोने में
                                                             महात्मा गांधली का जो सपना र्ा- आनखिली व्र्क््तत कली नचंता किने
                                                                                              या
                                                             का, अंनतम छोि पि बै्ठे हुए व्र्क््तत को समर् बनाने का, उसके
                                                             नलए हली खुद को समनपयात नकर्ा। इन 8 वषयों कली दलीघयाकानलक सोच
                                                             के सार् सुशासन का हली परिणाम है नक आजादली के इतने दशकों

                                                             के अनुभव के बाद जब भाित अपने अमृत काल कली ओि कदम
                                                             िख िहा है, तब वह एक ऐसे सामर्र्या को देख िहा है नजससे मन
                                                             में गवया होना स्वाभानवक है।  नजस तिह से बलीते कुछ वषयों में देश
                                                             का जन-मन शासन कली नलीनतर्ों से जुड़ा है औि नई सामूनहक
                                                             चेतना का पुनजायागिण हुआ है, उससे भाित अब नवकासशलील से
                                                             नवकनसत िाष्ट् बनने कली ओि अग्सि है। अमृत काल कली नवकास
                                                                                                     ें
                                                             र्ात्रा से भाित को नवकनसत बनाने के नलए प्रधानमंत्रली निद् मोदली
                                                             ने लाल नकले से ऐसली खींचली लकलीि…...






                                                                                    न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 डसतंबर 2022 17
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